पेरिटोनियल फ्लूइड एनालिसिस (Peritoneal Fluid Analysis / Ascitic Tap) एक डायग्नोस्टिक प्रक्रिया है जिसमें पेट (abdomen) में मौजूद असामान्य तरल पदार्थ (Ascitic fluid) को निकालकर उसकी जांच की जाती है। यह जांच यह पता लगाने के लिए की जाती है कि शरीर में द्रव जमा क्यों हो रहा है, जैसे कि लीवर सिरोसिस, संक्रमण, कैंसर या हार्ट फेलियर की वजह से।
पेरिटोनियल फ्लूइड एनालिसिस क्या होता है ? (What is Peritoneal Fluid Analysis / Ascitic Tap):
यह एक डायग्नोस्टिक प्रक्रिया है जिसमें पेट की झिल्ली (Peritoneum) में जमा हुए तरल पदार्थ को एक पतली सुई के माध्यम से बाहर निकाला जाता है। इस प्रक्रिया को Ascitic Tap या Paracentesis कहा जाता है। इसके बाद उस तरल की भौतिक, रासायनिक, कोशिकीय और माइक्रोबायोलॉजिकल जांच की जाती है ताकि बीमारी की पहचान की जा सके।
पेरिटोनियल फ्लूइड एनालिसिस कारण (Causes of Ascitic Fluid Accumulation):
- लीवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis) – सबसे आम कारण
- टीबी परिटोनाइटिस (Tuberculous Peritonitis)
- कैंसर (Peritoneal Carcinomatosis) – जैसे ओवेरियन, पेट, पैंक्रियास या कोलन कैंसर
- हृदय की विफलता (Congestive Heart Failure)
- किडनी की बीमारी (Nephrotic Syndrome)
- पैंक्रियाटाइटिस (Pancreatitis)
- हाइपोप्रोटीनिमिया (Hypoproteinemia)
पेरिटोनियल फ्लूइड एनालिसिस के लक्षण (Symptoms of Ascites / Peritoneal Fluid Accumulation):
- पेट में सूजन या भारीपन (Abdominal distension)
- सांस लेने में तकलीफ (Shortness of breath)
- वजन बढ़ना (Rapid weight gain due to fluid)
- पेट में दर्द या असहजता (Abdominal discomfort)
- भूख में कमी (Loss of appetite)
- मतली या उल्टी (Nausea or vomiting)
- पैरों में सूजन (Swelling in legs)
कैसे पहचाने (Diagnosis of Peritoneal Fluid Accumulation):
- शारीरिक जांच (Physical Examination)
- अल्ट्रासाउंड (Ultrasound Abdomen)
- CT स्कैन (CT scan of Abdomen)
- Ascitic Tap (Paracentesis) द्वारा फ्लूइड निकालना
- लैब में जांच:
- एल्बुमिन (Albumin)
- प्रोटीन स्तर (Protein level)
- LDH
- ग्लूकोज (Glucose)
- साइटोलॉजी (Cytology)
- कल्चर और ग्राम स्टेनिंग (Culture & Gram Stain)
- AFB for Tuberculosis
- SAAG (Serum Ascites Albumin Gradient)
इलाज (Treatment of Ascites):
इलाज का तरीका मुख्य कारण पर निर्भर करता है:
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लीवर सिरोसिस:
- डाइयूरेटिक दवाएं (जैसे Furosemide, Spironolactone)
- सोडियम का सेवन कम करना
- बार-बार Paracentesis करना (severe cases में)
- लीवर ट्रांसप्लांट (गंभीर मामलों में)
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टीबी परिटोनाइटिस:
- एंटी-ट्यूबरकुलर दवाएं (Anti-TB drugs)
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कैंसर:
- कीमोथेरेपी या पल्लिएटिव ट्रीटमेंट
- बार-बार Therapeutic Paracentesis
- Intraperitoneal chemotherapy (कुछ मामलों में)
पेरिटोनियल फ्लूइड एनालिसिस कैसे रोके (Prevention):
- हेपेटाइटिस बी और सी से बचाव के लिए टीकाकरण और सावधानियाँ
- शराब का सेवन बंद करें
- लीवर की नियमित जांच कराएं यदि पुरानी बीमारी है
- संक्रमणों से बचने के लिए स्वच्छता बनाए रखें
- हाई प्रोटीन और संतुलित आहार लें
घरेलू उपाय (Home Remedies):
घरेलू उपाय केवल सहायक होते हैं, मुख्य इलाज के विकल्प नहीं:
- नमक का सेवन सीमित करें (Low sodium diet)
- तरल पदार्थ का सीमित सेवन (Fluid restriction - डॉक्टर की सलाह से)
- अर्ध-लेटकर आराम करें (Semi-reclining rest to ease breathing)
- हल्का, सुपाच्य भोजन लें
- एल्कोहल से पूरी तरह परहेज करें
सावधानियाँ (Precautions):
- बगैर डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न लें
- पेट में अचानक सूजन हो तो तुरंत जांच कराएं
- बार-बार परासेंटेसिस से संक्रमण का खतरा होता है, ध्यान दें
- लीवर या किडनी की बीमारी है तो नियमित फॉलो-अप कराएं
- उच्च प्रोटीन युक्त आहार लें, लेकिन डॉक्टर की सलाह पर
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
Q1. क्या Ascitic Tap दर्दनाक होता है?
अधिकतर मामलों में यह प्रक्रिया लोकल एनेस्थेसिया के साथ की जाती है, जिससे दर्द कम होता है।
Q2. क्या पेट में फ्लूइड दोबारा भर सकता है?
हां, यदि मूल कारण का इलाज नहीं होता तो फ्लूइड फिर से जमा हो सकता है।
Q3. क्या Ascites जानलेवा हो सकता है?
यदि इलाज न हो तो यह गंभीर हो सकता है, खासकर अगर लीवर फेलियर या संक्रमण के कारण हो।
Q4. SAAG टेस्ट का क्या महत्व है?
SAAG (Serum-Ascites Albumin Gradient) यह निर्धारित करने में मदद करता है कि Ascites ट्रांस्युडेटिव है या एक्स्युडेटिव।
निष्कर्ष (Conclusion):
पेरिटोनियल फ्लूइड एनालिसिस यानी Ascitic Tap एक महत्वपूर्ण जांच है जो पेट में तरल जमा होने के कारणों का पता लगाती है। समय रहते पहचान और इलाज से गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है। यदि आपको पेट में लगातार सूजन, असहजता या सांस लेने में दिक्कत हो रही है, तो डॉक्टर से जांच जरूर कराएं।
