Canaliculitis : कारण, लक्षण, इलाज, सावधानियाँ और रोकथाम

Canaliculitis (केनालिकुलाइटिस) एक दुर्लभ लेकिन कष्टदायक आँखों का संक्रमण है जो लैक्रिमल कैनालिकुलस (lacrimal canaliculus) — यानि आँसू निकालने वाली छोटी नलियों — में होता है। ये नलिकाएं आंख के कोनों में होती हैं और आँसू को आंख से बाहर निकलने में मदद करती हैं।

इस स्थिति में इन नलिकाओं में सूजन और संक्रमण हो जाता है, जिससे आँखों में लालिमा, दर्द, सूजन, और मवाद निकल सकता है।

Canaliculitis यह क्या होता है? (What is Canaliculitis?)

Canaliculitis एक क्रॉनिक (दीर्घकालिक) या एक्यूट (तत्काल) रूप में हो सकता है। इसमें आँख के कोने में स्थित कैनालिकुलस सूज जाते हैं और उसमें से मवाद निकलता है। यह स्थिति अक्सर बार-बार होती है और शुरुआत में इसे कंजंक्टिवाइटिस या सामान्य नेत्र संक्रमण समझ लिया जाता है।

Canaliculitis कारण (Causes of Canaliculitis)

  1. Actinomyces israelii (सबसे आम बैक्टीरिया)
  2. अन्य बैक्टीरिया: Staphylococcus, Streptococcus
  3. Fungal infections
  4. Viral infections
  5. Tear duct plugs या स्टेंट
  6. आँखों की सर्जरी के बाद संक्रमण
  7. कॉन्टैक्ट लेंस या आई मेकअप का बार-बार उपयोग
  8. प्रतिरोधक क्षमता में कमी (low immunity)

Canaliculitis के लक्षण (Symptoms of Canaliculitis)

  • आंख के कोने (medial canthus) में लालिमा और सूजन
  • हल्का लेकिन लगातार दर्द
  • मवाद या पीला स्राव (discharge) आंख के कोने से
  • नलिका दबाने पर मवाद बाहर आना
  • आंखों में चुभन या जलन
  • पलकों की चिपचिपाहट
  • बार-बार होने वाला कंजंक्टिवाइटिस जैसा लक्षण

Canaliculitis कैसे पहचाने? (Diagnosis of Canaliculitis)

  1. नेत्र परीक्षण (Ophthalmic exam) – कैनालिकुलस पर हल्का दबाव देने पर मवाद आना
  2. स्लिट लैम्प जांच – संक्रमण और सूजन का मूल्यांकन
  3. डैक्रियोसिस्टोग्राफी (Dacryocystography) – आँसू की नलियों की इमेजिंग
  4. Microbiological टेस्ट – स्राव की लैब जांच, बैक्टीरिया/फंगल की पहचान
  5. Lacrimal probing and irrigation – जल प्रवाह में रुकावट की जांच

Canaliculitis इलाज (Treatment of Canaliculitis)

1. दवाइयाँ (Medications)

  • Topical antibiotic drops – जैसे tobramycin, ciprofloxacin
  • Systemic antibiotics (यदि संक्रमण गंभीर हो)
  • Antifungal drops (यदि फंगल कारण हो)

2. Lacrimal canaliculus की सफाई

  • कैनालिकुलस को धीरे से दबाकर मवाद निकालना

3. Canaliculotomy (सर्जरी)

  • पुराने और बार-बार होने वाले मामलों में आवश्यक
  • संक्रमण के स्रोत (कैल्कुलस या स्राव) को हटाना

4. Dacryoendoscopy (यदि उपलब्ध हो)

  • आँख की नलियों के अंदर कैमरा द्वारा जाँच और सफाई

इलाज में देरी करने पर संक्रमण डाक्रियोसिस्टाइटिस (Dacryocystitis) या क्रॉनिक आँखों की जलन का कारण बन सकता है।

घरेलू उपाय (Home Remedies)

सिर्फ प्राथमिक राहत के लिए – इलाज का विकल्प नहीं हैं।

  • गर्म पानी की सिकाई (Warm compress) – सूजन कम करने में मदद
  • आंखों को साफ और सूखा रखें
  • कॉन्टैक्ट लेंस और आई मेकअप का प्रयोग बंद करें
  • डिस्पोजेबल टिशू से आंखें साफ करें
  • संक्रमण के समय व्यक्तिगत वस्तुएं शेयर न करें

सावधानियाँ (Precautions)

  • आंखों की कोई भी असामान्यता होने पर नेत्र विशेषज्ञ से तुरंत संपर्क करें
  • दवाएं समय पर और पूरा कोर्स लें
  • आंखों में उंगलियाँ या गंदे हाथ न लगाएं
  • बिना डॉक्टर की सलाह के आंखों में ड्रॉप न डालें
  • कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से पहले साफ-सफाई रखें

रोकथाम (Prevention)

  • आंखों की साफ-सफाई बनाए रखें
  • पुरानी नेत्र समस्याओं का समय पर इलाज
  • कॉन्टैक्ट लेंस और मेकअप प्रोडक्ट्स को स्वच्छ रखें
  • नेत्र सर्जरी के बाद पूरी देखभाल
  • कमजोर इम्यून सिस्टम वालों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: Canaliculitis कितने समय में ठीक होता है?

उत्तर: यदि सही इलाज किया जाए तो 1–2 सप्ताह में सुधार होता है। लेकिन क्रॉनिक केस में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है।

प्रश्न 2: क्या यह आंख के अंदर फैल सकता है?

उत्तर: हां, यदि समय पर इलाज न हो तो यह Lacrimal sac या आंखों के अन्य भागों में फैल सकता है।

प्रश्न 3: क्या Canaliculitis बार-बार होता है?

उत्तर: हां, अगर मूल कारण (जैसे actinomyces infection या tear duct blockage) को नहीं हटाया जाए तो बार-बार हो सकता है।

प्रश्न 4: क्या Canaliculitis और Conjunctivitis अलग हैं?

उत्तर: हां, Canaliculitis कैनालिकुलस का संक्रमण है जबकि Conjunctivitis आंखों की बाहरी परत की सूजन है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Canaliculitis (केनालिकुलाइटिस) एक दुर्लभ लेकिन परेशान करने वाली नेत्र स्थिति है, जिसे शुरुआती चरण में पहचानकर सही इलाज दिया जाए तो पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। आंखों की नियमित देखभाल, स्वच्छता और नेत्र विशेषज्ञ की सलाह इस स्थिति से बचाव और इलाज के लिए जरूरी हैं।


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