Catheter-Associated Infection (कैथेटर से जुड़ा संक्रमण) एक सामान्य लेकिन गंभीर स्वास्थ्य समस्या है जो तब होती है जब कैथेटर (Catheter)—यानी शरीर में डाला गया ट्यूब—के माध्यम से बैक्टीरिया या फंगस शरीर में प्रवेश कर जाता है और संक्रमण उत्पन्न करता है।
यह संक्रमण अक्सर अस्पतालों, ICU या दीर्घकालिक चिकित्सा देखभाल में उपयोग होने वाले कैथेटरों के कारण होता है और यदि समय रहते इलाज न किया जाए, तो यह सेप्सिस जैसी जानलेवा स्थिति उत्पन्न कर सकता है।
Catheter-Associated Infection क्या है? (What is a Catheter?)
कैथेटर एक पतली, लचीली ट्यूब होती है जिसे शरीर के अंदर किसी विशेष उद्देश्य से डाला जाता है:
- मूत्र कैथेटर (Urinary Catheter) – पेशाब निकालने के लिए
- सेंट्रल लाइन या IV कैथेटर (Intravenous Catheter) – दवाएं, न्यूट्रिशन, या फ्लूइड देने के लिए
- डायलिसिस कैथेटर – ब्लड फिल्ट्रेशन के लिए
- शल्य चिकित्सा या घाव की ड्रेनेज कैथेटर
Catheter-Associated Infection कारण (Causes of Catheter-Associated Infection)
- अस्वच्छ तरीके से कैथेटर डालना
- लंबे समय तक कैथेटर का प्रयोग
- कैथेटर के आसपास की त्वचा की सही सफाई न होना
- इम्युनिटी कमजोर होना (कैंसर, HIV, ICU मरीज)
- कैथेटर में बार-बार छेड़छाड़ करना
- स्टाफ द्वारा हाथ न धोना या सेनेटाइज न करना
Catheter-Associated Infection लक्षण (Symptoms of Catheter-Associated Infection)
A. Urinary Catheter Infection (CAUTI):
- बुखार
- पेशाब करते समय जलन
- बदबूदार या गाढ़ा मूत्र
- निचले पेट या पीठ में दर्द
- पेशाब में खून
B. Central Line Infection (CLABSI):
- बुखार और ठंड लगना
- साइट पर लालिमा, सूजन या दर्द
- तेजी से गिरता ब्लड प्रेशर
- सेप्सिस के लक्षण (घबराहट, भ्रम, ऑर्गन फेलियर)
C. Dialysis Catheter Infection:
- साइट पर लाली और सूजन
- बुखार
- डायलिसिस के दौरान बेचैनी
- थकान, उल्टी
निदान (Diagnosis)
- ब्लड कल्चर (Blood Culture) – संक्रमण की पुष्टि के लिए
- यूरिन कल्चर (Urine Culture) – मूत्र संक्रमण में
- कैथेटर टिप कल्चर (Catheter Tip Culture) – गंभीर मामलों में
- CBC (Complete Blood Count) – सफेद रक्त कोशिकाओं की संख्या
- CRP और ESR – सूजन के संकेत
- सीरम लैक्टेट लेवल – सेप्सिस के संकेतों की पुष्टि
Catheter-Associated Infection इलाज (Treatment)
-
एंटीबायोटिक्स या एंटीफंगल दवाएं
- संक्रमण के प्रकार के अनुसार
- IV या ओरल रूप में
-
कैथेटर को हटाना या बदलना
- यदि संक्रमण गंभीर हो या पुराना कैथेटर संदिग्ध हो
-
IV Fluids और सपोर्टिव केयर
- डिहाइड्रेशन या BP नियंत्रण के लिए
-
सेप्सिस का इलाज
- ICU निगरानी
- Vasopressors, ऑक्सीजन सपोर्ट
घरेलू देखभाल (Home Care After Infection)
केवल रिकवरी के बाद सहायक है:
- डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं समय पर लें
- घाव या कैथेटर साइट की साफ-सफाई रखें
- पेशाब या ब्लड की जांच रिपोर्टों की निगरानी करें
- शरीर के तापमान की नियमित जांच करें
- पुनः कैथेटर लगाने से पहले डॉक्टर की सलाह लें
सावधानियाँ (Precautions)
- हाथों को धोकर ही कैथेटर को छुएं
- ड्रेसिंग को समय पर बदलवाएं
- साइट पर खून, मवाद, या सूजन दिखे तो तुरंत सूचित करें
- कैथेटर को बार-बार न छुएं या हिलाएं
- डॉक्टर द्वारा बताई गई अधिकतम अवधि तक ही कैथेटर रखें
रोकथाम (Prevention)
- Aseptic Technique का पालन करें
- प्रशिक्षित स्टाफ से ही कैथेटर लगवाएं
- कैथेटर जितनी जल्दी हो सके, हटा दें
- रोगी को नियमित रूप से कैथेटर के जोखिमों के बारे में शिक्षित करें
- अस्पतालों में इन्फेक्शन कंट्रोल प्रोटोकॉल का पालन करें
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या कैथेटर से संक्रमण जानलेवा हो सकता है?
उत्तर: हां, यदि यह सेप्सिस का रूप ले ले तो जानलेवा हो सकता है।
प्रश्न 2: क्या संक्रमण के बाद कैथेटर दोबारा लगाया जा सकता है?
उत्तर: हां, लेकिन संक्रमण ठीक होने के बाद, और डॉक्टर की निगरानी में।
प्रश्न 3: कितने समय तक कैथेटर सुरक्षित रूप से लगाया जा सकता है?
उत्तर: यह कैथेटर के प्रकार और रोगी की स्थिति पर निर्भर करता है। लेकिन लंबी अवधि के लिए नियमित निगरानी आवश्यक है।
प्रश्न 4: क्या हर मरीज को कैथेटर संक्रमण होता है?
उत्तर: नहीं, अगर उचित स्वच्छता और सावधानियां बरती जाएं तो इसे पूरी तरह रोका जा सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Catheter-Associated Infection एक ऐसी स्थिति है जिसे उचित देखभाल, स्वच्छता और समय पर चिकित्सीय हस्तक्षेप से रोकना और ठीक करना संभव है। यह खासकर अस्पतालों और ICU में भर्ती रोगियों के लिए महत्वपूर्ण है। रोगी और देखभाल करने वाले दोनों को इसके बारे में जागरूक रहना चाहिए ताकि संक्रमण को समय पर पहचाना और रोका जा सके।