कीमोथेरेपी जनित म्यूकोसाइटिस (Chemotherapy-Induced Mucositis) कैंसर रोगियों में होने वाला एक सामान्य और कष्टदायक दुष्प्रभाव है, जो मुख्यतः कीमोथेरेपी के दौरान या बाद में विकसित होता है। इसमें मुँह, गले, आंतों आदि की अंदरूनी झिल्लियों (mucous membranes) में सूजन और अल्सर बन जाते हैं, जिससे दर्द, खाने-पीने में कठिनाई और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
कीमोथेरेपी जनित म्यूकोसाइटिस क्या होता है ? (What is Chemotherapy-Induced Mucositis?)
यह एक सूजनकारी स्थिति (inflammatory condition) है जो कीमोथेरेपी के कारण मुंह, गले, पेट या आंतों की म्यूकस झिल्ली (mucous membrane) को प्रभावित करती है। यह स्थिति कीमोथेरेपी दवाओं द्वारा तेजी से विभाजित होने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाने के कारण उत्पन्न होती है।
कीमोथेरेपी जनित म्यूकोसाइटिस कारण (Causes of Chemotherapy-Induced Mucositis)
- कीमोथेरेपी की उच्च-तीव्रता वाली दवाएं जैसे:
- 5-Fluorouracil
- Methotrexate
- Doxorubicin
- Cyclophosphamide
- विकिरण चिकित्सा (Radiation therapy) विशेष रूप से सिर, गर्दन या पेट के क्षेत्र में
- कमजोर रोग प्रतिरोधक प्रणाली (Weak immunity)
- मुँह की खराब स्वच्छता
- पोषण की कमी
कीमोथेरेपी जनित म्यूकोसाइटिस के लक्षण (Symptoms of Chemotherapy-Induced Mucositis)
- मुँह में छाले या अल्सर
- गले में खराश या जलन
- भोजन या पानी निगलने में कठिनाई
- लार में कमी या अत्यधिक लार बनना
- दर्द और जलन, खासकर खाते समय
- खून आना (severe cases में)
- बदबूदार सांस (Bad breath)
- बुखार (यदि संक्रमण हो जाए)
निदान (Diagnosis)
- क्लीनिकल जांच (Clinical examination): मुँह और गले की दृश्य जांच
- मरीज का विवरण: कीमोथेरेपी का इतिहास और लक्षणों का विवरण
- ब्लड टेस्ट: संक्रमण की स्थिति जांचने के लिए
- कल्चर टेस्ट: यदि घाव में संक्रमण हो तो
कीमोथेरेपी जनित म्यूकोसाइटिस इलाज (Treatment)
- दर्द निवारक दवाएं (Pain relievers): जैसे लिडोकैन जेल, ट्रामाडोल
- माउथवॉश और ऐंटिसेप्टिक घोल: जैसे क्लोरहेक्सिडीन (Chlorhexidine)
- टॉपिकल जेल और मरहम: अल्सर और जलन को शांत करने के लिए
- सलाइन से कुल्ला (Saline rinse): दिन में कई बार
- गंभीर मामलों में ट्यूब फीडिंग या IV न्यूट्रिशन
- एंटीबायोटिक्स या एंटीफंगल दवाएं: यदि संक्रमण हो जाए
- Palifermin (Kepivance): विशेष रूप से हेमेटोलॉजिकल कीमोथेरेपी में उपयोग
कीमोथेरेपी जनित म्यूकोसाइटिस कैसे रोके (Prevention)
- कीमोथेरेपी से पहले और दौरान मुँह की अच्छी देखभाल
- बर्फ चूसना (Cryotherapy) कीमोथेरेपी के दौरान
- अल्कोहल और तीखे भोजन से परहेज
- नरम, गुनगुना और सरल आहार का सेवन
- नियमित ब्रश और फ्लॉसिंग (Soft brush का उपयोग करें)
- धूम्रपान और शराब से बचाव
- Palifermin जैसी रोकथाम दवाओं का उपयोग
घरेलू उपाय (Home Remedies)
- गुनगुने पानी और नमक से गरारे करना
- एलोवेरा जेल का मुँह पर प्रयोग
- तुलसी के पत्तों का सेवन
- नारियल पानी और ठंडे तरल पदार्थ
- शहद – मुँह की झिल्ली को शांत करता है
- बर्फ के टुकड़े चूसना
Note: ये उपाय केवल लक्षणों से राहत देने के लिए हैं, पूर्ण इलाज नहीं।
सावधानियाँ (Precautions)
- मुँह की सफाई पर विशेष ध्यान दें
- अपने चिकित्सक को लक्षणों की जानकारी तुरंत दें
- अधिक गर्म, तीखा या सख्त भोजन न लें
- खुद से कोई एंटीबायोटिक न लें
- थकावट और संक्रमण के लक्षणों को अनदेखा न करें
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्र.1: म्यूकोसाइटिस कब तक रहता है?
उत्तर: यह आमतौर पर 7 से 14 दिनों तक रह सकता है, लेकिन गंभीर मामलों में अधिक समय भी लग सकता है।
प्र.2: क्या म्यूकोसाइटिस केवल मुँह में होता है?
उत्तर: नहीं, यह गले, आंतों और एनल क्षेत्र में भी हो सकता है।
प्र.3: क्या यह स्थिति दोबारा हो सकती है?
उत्तर: हाँ, यदि कीमोथेरेपी दोहराई जाती है तो म्यूकोसाइटिस दोबारा हो सकता है।
कीमोथेरेपी जनित म्यूकोसाइटिस कैसे पहचाने (How to Identify)
- यदि कीमोथेरेपी के कुछ दिनों के भीतर मुँह में छाले, जलन या दर्द हो
- खाना-पीना कठिन हो जाए
- मुँह लाल और छिलने लगे
- बोलने में तकलीफ होने लगे
निष्कर्ष (Conclusion)
कीमोथेरेपी जनित म्यूकोसाइटिस कैंसर के इलाज के दौरान एक सामान्य लेकिन कष्टदायक समस्या है। सही समय पर इसकी पहचान, समुचित इलाज और देखभाल से न केवल दर्द को कम किया जा सकता है बल्कि संक्रमण से भी बचाव संभव है। मरीज को मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करना भी आवश्यक है ताकि वह इस अवस्था को बेहतर ढंग से झेल सके।
