Cholangitis यानी बाइल डक्ट में संक्रमण (Infection of the bile ducts), एक गंभीर मेडिकल स्थिति है जिसमें जिगर (liver) से आंतों (intestines) तक पित्त (bile) ले जाने वाले मार्ग (bile ducts) में सूजन या संक्रमण हो जाता है। यह आमतौर पर बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है, और यदि समय पर इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है।यह रोग अक्सर गॉलब्लैडर स्टोन (Gallstones), बाइल डक्ट ब्लॉकेज, या सर्जरी के बाद जटिलताओं के कारण होता है।
Cholangitis क्या है ? (What is Cholangitis?)
Cholangitis एक सूजन और संक्रमण वाली स्थिति है जो मुख्य रूप से बिलियरी सिस्टम (biliary system) को प्रभावित करती है। इसमें पित्त नलिकाएं (bile ducts) संकुचित या अवरुद्ध हो जाती हैं, जिससे पित्त का प्रवाह रुक जाता है और बैक्टीरिया पनपने लगते हैं।
मुख्य प्रकार:
- Acute Cholangitis (तीव्र कोलैंजाइटिस): अचानक शुरू होने वाला संक्रमण
- Chronic Cholangitis (पुरानी कोलैंजाइटिस): धीरे-धीरे बढ़ने वाली और लंबे समय तक रहने वाली स्थिति
- Primary Sclerosing Cholangitis (PSC): एक ऑटोइम्यून रोग, जिसमें पित्त नलिकाएं धीरे-धीरे खराब होती हैं
Cholangitis कारण (Causes of Cholangitis)
- Gallstones (पित्ताशय की पथरी)
- बाइल डक्ट में ब्लॉकेज या संकुचन
- बाइल डक्ट में ट्यूमर या कैंसर
- ERCP या सर्जरी के बाद बैक्टीरियल संक्रमण
- Primary sclerosing cholangitis (PSC)
- कृमि संक्रमण (parasitic infection) – विशेषकर विकासशील देशों में
- इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी
Cholangitis लक्षण (Symptoms of Cholangitis)
मुख्य लक्षण (Classic symptoms - Charcot’s Triad):
- तेज बुखार (Fever with chills)
- पेट के दाहिने ऊपरी भाग में दर्द (Right upper abdominal pain)
- पीलिया (Jaundice)
अन्य लक्षण:
- उल्टी और मतली
- कमजोरी और थकावट
- गहरे रंग का मूत्र
- बदन दर्द
- ब्लड प्रेशर गिरना (गंभीर मामलों में)
- मानसिक भ्रम या बेहोशी (Reynold’s pentad में – life-threatening)
निदान (Diagnosis of Cholangitis)
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ब्लड टेस्ट:
- WBC Count (बैक्टीरियल संक्रमण दिखाने हेतु)
- Bilirubin levels (पीलिया की पुष्टि के लिए)
- LFT (Liver Function Test)
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इमेजिंग टेस्ट:
- Ultrasound – Gallstones या डक्ट में ब्लॉकेज पता करने के लिए
- CT Scan या MRI – विस्तृत जांच
- MRCP (Magnetic Resonance Cholangiopancreatography) – बिना इनवेसिव जांच
- ERCP (Endoscopic Retrograde Cholangiopancreatography) – डायग्नोसिस और इलाज दोनों के लिए
Cholangitis इलाज (Treatment of Cholangitis)
इलाज की प्रक्रिया संक्रमण को नियंत्रित करने, ब्लॉकेज हटाने और अंगों को सुरक्षित रखने पर केंद्रित होती है।
1. एंटीबायोटिक्स (Antibiotics):
- संक्रमण को तुरंत नियंत्रित करने के लिए IV एंटीबायोटिक्स
2. ERCP प्रक्रिया:
- पित्त नलिका में स्टंट डालना या स्टोन निकालना
- सबसे आम और प्रभावी प्रक्रिया
3. सर्जरी (यदि आवश्यक):
- गंभीर मामलों में बाइल डक्ट की सर्जरी या बायपास
4. IV Fluids और Supportive Care:
- ब्लड प्रेशर और इलेक्ट्रोलाइट्स नियंत्रित करने हेतु
रोकथाम (Prevention)
- गॉलब्लैडर स्टोन का समय पर इलाज कराएं
- ERCP या बाइल डक्ट सर्जरी के बाद साफ-सफाई और संक्रमण से बचाव
- स्वस्थ खानपान अपनाएं
- PSC के मरीज नियमित रूप से निगरानी में रहें
- संदिग्ध लक्षणों की अनदेखी न करें
घरेलू उपाय (Home Remedies)
Cholangitis एक मेडिकल इमरजेंसी हो सकती है। घरेलू उपाय केवल उपचार के बाद रिकवरी में सहायक हो सकते हैं:
- हल्का और वसा रहित भोजन लें
- नींबू पानी और नारियल पानी जैसे प्राकृतिक पेय लें
- अदरक और हल्दी – एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए
- भरपूर पानी पिएं – शरीर से विषैले तत्व निकालने में मदद
सावधानियाँ (Precautions)
- कभी भी दर्द या पीलिया को हल्के में न लें
- डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का कोर्स पूरा करें
- बार-बार संक्रमण या गॉलब्लैडर स्टोन हो तो सर्जरी का विचार करें
- PSC या पुरानी लिवर बीमारियों वाले रोगी नियमित टेस्ट कराएं
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. क्या Cholangitis जानलेवा हो सकता है?
A: हाँ, यदि इलाज में देर हो जाए तो यह सेप्सिस और अंग विफलता का कारण बन सकता है।
Q2. क्या कोलैंजाइटिस केवल पथरी से होता है?
A: नहीं, यह ट्यूमर, स्कारिंग, सर्जरी के बाद की जटिलताओं या ऑटोइम्यून बीमारी से भी हो सकता है।
Q3. क्या कोलैंजाइटिस का इलाज पूरी तरह संभव है?
A: तीव्र कोलैंजाइटिस को समय पर इलाज से ठीक किया जा सकता है। PSC जैसी स्थितियों में लंबे समय तक निगरानी और मैनेजमेंट की जरूरत होती है।
Q4. PSC में लीवर ट्रांसप्लांट जरूरी होता है?
A: कुछ गंभीर मामलों में, जब लीवर पूरी तरह खराब हो जाए तो लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता हो सकती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Cholangitis (कोलैंजाइटिस) एक गंभीर और संभावित रूप से जानलेवा बीमारी है, जो समय पर पहचान और उचित इलाज से पूरी तरह नियंत्रित की जा सकती है। पित्ताशय की पथरी, संक्रमण और ऑटोइम्यून कारणों से यह उत्पन्न हो सकती है। इसलिए यदि आपको बुखार, पेट में दर्द और पीलिया जैसे लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।