Chorionic Villus Sampling टेस्ट क्या है? कोरियोनिक विलस सैंपलिंग की प्रक्रिया, फायदे और जोखिम

Chorionic Villus Sampling (CVS) एक प्रकार की प्रसवपूर्व जांच (prenatal diagnostic test) है जो गर्भवती महिला के पहले तिमाही (10 से 13 सप्ताह) में की जाती है। इसका उद्देश्य भ्रूण (fetus) में मौजूद अनुवांशिक (genetic) और क्रोमोसोमल (chromosomal) बीमारियों का पता लगाना होता है।

Chorionic Villus Sampling क्या है ? (What is Chorionic Villus Sampling)

CVS में गर्भाशय (uterus) से कोरियोनिक विलस (chorionic villi) नामक ऊतक का छोटा नमूना लिया जाता है। यह ऊतक प्लेसेंटा (placenta) का हिस्सा होता है और इसमें भ्रूण जैसा ही DNA होता है। इस DNA की जांच करके संभावित विकारों की पहचान की जाती है।

Chorionic Villus Sampling क्यों किया जाता है? (Why is CVS Done?)

CVS मुख्य रूप से उन गर्भवती महिलाओं में किया जाता है जिनमें निम्न जोखिम हो:

  • परिवार में आनुवंशिक बीमारियों का इतिहास
  • पिछली गर्भावस्थाओं में कोई अनुवांशिक विकार
  • 35 वर्ष से अधिक की आयु में गर्भावस्था
  • पहले के स्कैन या ब्लड टेस्ट में असामान्यता
  • थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया, टै-सैक्स डिजीज, डाउन सिंड्रोम, सिस्टिक फाइब्रोसिस जैसे रोगों का संदेह

प्रक्रिया कैसे की जाती है? (How CVS is Performed)

CVS दो तरीकों से किया जा सकता है:

  1. ट्रांस-सर्वाइकल (Transcervical Method):

    1. योनि के रास्ते एक पतली नली (catheter) से सैंपल लिया जाता है।
    1. अल्ट्रासाउंड गाइडेंस के साथ किया जाता है।
  2. ट्रांस-एब्डॉमिनल (Transabdominal Method):

    1. पेट की त्वचा से सुई डालकर सैंपल लिया जाता है।
    1. यह तरीका अधिक सामान्य है और कम जोखिम वाला माना जाता है।

समय:

  • आमतौर पर गर्भावस्था के 11वें से 13वें सप्ताह के बीच किया जाता है।
  • प्रक्रिया में लगभग 15-30 मिनट लगते हैं।

क्या समस्याएं जानी जा सकती हैं? (What Disorders Can Be Detected?)

  • Down syndrome (ट्राईसोमी 21)
  • Turner syndrome, Edwards syndrome
  • Cystic fibrosis
  • Sickle cell anemia
  • Tay-Sachs disease
  • Thalassemia
  • अन्य single-gene disorders और chromosomal abnormalities

जोखिम (Risks of Chorionic Villus Sampling)

CVS एक सुरक्षित प्रक्रिया है, लेकिन इसमें कुछ संभावित जोखिम हो सकते हैं:

  • गर्भपात (Miscarriage) – लगभग 0.2% से 0.5%
  • संक्रमण (Infection) – बहुत ही दुर्लभ
  • खून आना (Bleeding) या ऐंठन
  • Rh Sensitization – Rh-negative मां के लिए
  • मोज़ेइकिज़्म (Mosaicism) – कुछ मामलों में मिश्रित परिणाम

Chorionic Villus Sampling के फायदे (Benefits of Chorionic Villus Sampling)

  • जल्दी निदान – 11वें सप्ताह में पता चल सकता है
  • जल्दी निर्णय लेने में सहायक
  • सटीकता 98–99% तक
  • अनुवांशिक परामर्श के साथ किया जा सकता है

Chorionic Villus Sampling के बाद क्या करना चाहिए? (Post Procedure Care)

  • 24–48 घंटे तक आराम करें
  • भारी काम, सेक्स, और व्यायाम से बचें
  • पेट में दर्द, रक्तस्राव, बुखार या द्रव रिसाव होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
  • अल्ट्रासाउंड से गर्भ की स्थिति की दोबारा पुष्टि की जा सकती है

Chorionic Villus Sampling और Amniocentesis में अंतर

विशेषता CVS Amniocentesis
समय 10–13 सप्ताह 15–20 सप्ताह
नमूना प्लेसेंटा ऊतक एम्नियोटिक तरल
परिणाम जल्दी हाँ थोड़ा देर से
जोखिम थोड़ा अधिक थोड़ा कम

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

प्र.1: क्या CVS अनिवार्य होता है?
उत्तर: नहीं, यह केवल उन्हीं गर्भवती महिलाओं के लिए होता है जिनमें आनुवंशिक बीमारियों का जोखिम हो।

प्र.2: क्या CVS के बाद भ्रूण को नुकसान हो सकता है?
उत्तर: बहुत कम मामलों में जोखिम होता है, लेकिन अनुभवी डॉक्टर द्वारा प्रक्रिया करने पर यह सुरक्षित मानी जाती है।

प्र.3: CVS कब नहीं कराना चाहिए?
उत्तर: यदि जुड़वां गर्भावस्था हो, योनि से खून आ रहा हो, या प्लेसेंटा की स्थिति असामान्य हो।

प्र.4: क्या CVS के नतीजे विश्वसनीय होते हैं?
उत्तर: हाँ, लगभग 98-99% सटीकता होती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Chorionic Villus Sampling (CVS) एक महत्वपूर्ण प्रसवपूर्व जांच है, जो गर्भस्थ शिशु की आनुवंशिक सेहत की जानकारी देती है। हालांकि इससे जुड़े कुछ जोखिम होते हैं, पर यदि यह अनुभवी विशेषज्ञ द्वारा और सही समय पर किया जाए, तो यह निर्णय लेने में मददगार साबित होता है। अगर आपके डॉक्टर ने आपको CVS की सलाह दी है, तो सभी पहलुओं को समझकर और परामर्श लेकर ही आगे बढ़ें।


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