Coarctation of Aorta : कारण, लक्षण, इलाज और सावधानियाँ | जानिए पूरी जानकारी

कोआर्कटेशन ऑफ एओर्टा (Coarctation of Aorta) एक जन्मजात हृदय रोग (Congenital Heart Defect) है जिसमें शरीर की मुख्य धमनी जिसे एओर्टा (Aorta) कहते हैं, का एक भाग संकुचित (narrowed) हो जाता है। यह संकुचन रक्त के प्रवाह को बाधित करता है और हृदय को अधिक जोर लगाकर खून को पंप करना पड़ता है।

यह स्थिति जन्म से ही हो सकती है, लेकिन कभी-कभी यह बाद में भी विकसित हो सकती है। यह एक गंभीर हृदय विकार है जिसका इलाज समय पर करना आवश्यक होता है।

कोआर्कटेशन ऑफ एओर्टा के कारण (Causes of Coarctation of Aorta):

  1. जन्मजात कारण (Congenital factors): यह अधिकतर जन्म से मौजूद होता है।
  2. बाईकसपिड एओर्टिक वॉल्व (Bicuspid aortic valve): हृदय के वॉल्व की असामान्यता से जुड़ा हो सकता है।
  3. सहायक हृदय दोष (Associated heart defects): अन्य जन्मजात हृदय दोषों के साथ यह स्थिति अधिक देखी जाती है।
  4. न्यूरोफाइब्रोमैटोसिस या टर्नर सिंड्रोम जैसी आनुवंशिक बीमारियाँ (Genetic disorders like Turner Syndrome)

कोआर्कटेशन ऑफ एओर्टा के लक्षण (Symptoms of Coarctation of Aorta):

शिशुओं (Infants) में:

  1. त्वचा का नीला पड़ना (Cyanosis)
  2. तेज सांस लेना (Rapid breathing)
  3. दूध पीने में कठिनाई (Feeding difficulties)
  4. अत्यधिक पसीना (Excessive sweating)
  5. सुस्ती (Lethargy)

बड़े बच्चों और वयस्कों में:

  1. उच्च रक्तचाप (High blood pressure), विशेषकर बांहों में
  2. पैरों में ठंडापन या कमजोरी (Cold legs or leg cramps)
  3. सिरदर्द (Headaches)
  4. नाक से खून आना (Nosebleeds)
  5. छाती में दर्द (Chest pain)
  6. हृदय की धड़कन तेज महसूस होना (Palpitations)

कोआर्कटेशन ऑफ एओर्टा पहचान (Diagnosis of Coarctation of Aorta):

  1. फिजिकल एग्जामिनेशन (Physical examination)
  2. एकोकार्डियोग्राफी (Echocardiography)
  3. सीटी एंजियोग्राफी या एमआरआई (CT Angiography or MRI)
  4. चेस्ट एक्स-रे (Chest X-ray)
  5. बीपी मापन – हाथ और पैरों में अंतर (BP measurement in arms and legs)

कोआर्कटेशन ऑफ एओर्टा इलाज (Treatment of Coarctation of Aorta):

  1. सर्जरी (Surgical repair): संकुचित हिस्से को हटाकर धमनी को सामान्य किया जाता है।
  2. बैलून एंजियोप्लास्टी (Balloon Angioplasty): एक कैथेटर के द्वारा संकुचित क्षेत्र को चौड़ा किया जाता है।
  3. स्टेंट लगाना (Stent placement): धमनी को खुला रखने के लिए मेटल स्टेंट डाला जाता है।
  4. ब्लड प्रेशर नियंत्रण की दवाइयाँ (Blood pressure medicines)

कोआर्कटेशन ऑफ एओर्टा इसे कैसे रोके (Prevention):

कोआर्कटेशन ऑफ एओर्टा को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता क्योंकि यह अधिकतर जन्मजात होता है, लेकिन:

  1. गर्भावस्था के दौरान नियमित स्वास्थ्य जांच
  2. आनुवंशिक परामर्श (Genetic counseling)
  3. गर्भवती महिलाओं को संक्रमण से बचाव
  4. परिवार में दिल की बीमारियों का इतिहास हो तो विशेष सतर्कता

घरेलू उपाय (Home Remedies):

घरेलू उपाय इस स्थिति का इलाज नहीं कर सकते, लेकिन इलाज के बाद हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं:

  1. संतुलित और लो-सोडियम आहार (Low-salt heart-healthy diet)
  2. हल्की-फुल्की शारीरिक गतिविधि, डॉक्टर की सलाह अनुसार
  3. तनाव नियंत्रण (Stress management)
  4. धूम्रपान और शराब से परहेज

सावधानियाँ (Precautions):

  1. नियमित हृदय जांच (Regular cardiac follow-ups)
  2. उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण
  3. सर्जरी या एंजियोप्लास्टी के बाद फॉलोअप
  4. संक्रमण से बचाव विशेषकर डेंटल इंफेक्शन (Endocarditis से बचाव)
  5. बच्चों के टीकाकरण की निगरानी

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):

Q1. क्या कोआर्कटेशन ऑफ एओर्टा का इलाज संभव है?
हां, सर्जरी या एंजियोप्लास्टी से इसका इलाज संभव है और व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है।

Q2. यह बीमारी कितनी गंभीर होती है?
यदि समय पर इलाज न किया जाए तो यह हृदय की विफलता, स्ट्रोक या मृत्यु का कारण बन सकती है।

Q3. क्या यह अनुवांशिक होती है?
कुछ मामलों में यह आनुवंशिक विकारों से जुड़ी हो सकती है, लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता।

Q4. क्या सर्जरी के बाद दोबारा संकुचन हो सकता है?
कुछ मामलों में हां, लेकिन नियमित निगरानी और जांच से इसे समय रहते पहचाना जा सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion):

कोआर्कटेशन ऑफ एओर्टा (Coarctation of Aorta) एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य हृदय रोग है। यदि इसका समय रहते निदान और उपचार किया जाए, तो प्रभावित व्यक्ति एक सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकता है। जन्म से जुड़ी हृदय समस्याओं की समय पर पहचान और उचित चिकित्सा बेहद जरूरी है।


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