Congenital Esophageal Atresia (CEA) एक गंभीर जन्मजात विकार है जिसमें नवजात शिशु की अन्ननली (esophagus) पूरी तरह से विकसित नहीं होती। यह स्थिति उस समय उत्पन्न होती है जब गर्भ में अन्ननली दो हिस्सों में बँट जाती है और पेट से जुड़ने की बजाय बंद रह जाती है। इस स्थिति के कारण बच्चा भोजन या दूध निगल नहीं पाता और अक्सर सांस की नली (trachea) से जुड़ा fistula भी होता है, जिसे Tracheoesophageal Fistula (TEF) कहते हैं।
Congenital Esophageal Atresia क्या होता है (What happens in Congenital Esophageal Atresia)
इस स्थिति में अन्ननली (esophagus) दो टुकड़ों में होती है:
- ऊपरी हिस्सा मुँह से जुड़ा होता है।
- निचला हिस्सा पेट से जुड़ा होता है लेकिन बीच में कोई संपर्क नहीं होता।
- कभी-कभी निचला हिस्सा सांस की नली से जुड़ जाता है जिससे TEF बनता है।
इससे दूध या खाना निगलते समय शिशु को सांस लेने में दिक्कत होती है और फेफड़ों में भोजन चला जाता है।
Congenital Esophageal Atresia कारण (Causes of Congenital Esophageal Atresia)
- जीन में विकृति (Genetic mutation)
- क्रोमोसोमल असामान्यता, जैसे Trisomy 13, 18 या 21
- VACTERL Syndrome – जिसमें रीढ़, गुदा, हृदय, ट्रेकिया, अन्ननली, गुर्दा और हाथ-पैर से संबंधित दोष होते हैं।
- प्रेग्नेंसी में रसायनों या दवाओं का प्रभाव
- पर्यावरणीय कारण, जैसे radiation exposure या संक्रमण
Congenital Esophageal Atresia के लक्षण (Symptoms of Congenital Esophageal Atresia)
- दूध पिलाने पर बार-बार उल्टी (Regurgitation)
- अत्यधिक लार टपकना (Drooling)
- खाँसी और सांस की रुकावट
- Cyanosis (त्वचा का नीला पड़ना)
- पेट में सूजन (अगर TEF हो तो)
- दूध निगलने में असमर्थता
Congenital Esophageal Atresia कैसे पहचाने (Diagnosis of Congenital Esophageal Atresia)
- गर्भावस्था में अल्ट्रासाउंड द्वारा polyhydramnios (अत्यधिक amniotic fluid) देखा जाता है।
- नवजात में नली (nasogastric tube) डालने पर वह पेट में नहीं जा पाती।
- X-ray से अन्ननली के बंद होने की पुष्टि होती है।
- Contrast Study और Echocardiogram अन्य जन्मजात दोषों का पता लगाने में मदद करते हैं।
Congenital Esophageal Atresia इलाज (Treatmenof Congenital Esophageal Atresia)
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सर्जरी (Surgical Repair):
- जन्म के कुछ दिनों के भीतर सर्जरी की जाती है।
- अन्ननली के दो हिस्सों को जोड़ दिया जाता है।
- अगर TEF मौजूद हो तो उसे भी बंद किया जाता है।
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Pre-operative Care:
- IV fluids और nutrition
- Nasogastric suction द्वारा पेट से स्राव निकाला जाता है।
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Post-operative Care:
- शिशु को ICU या NICU में रखा जाता है।
- Feeding ट्यूब के माध्यम से दूध दिया जाता है।
- संक्रमण और फेफड़ों की निगरानी की जाती है।
Congenital Esophageal Atresia कैसे रोके (Prevention of Congenital Esophageal Atresia)
- गर्भावस्था में नियमित prenatal checkups कराएं।
- फोलिक एसिड युक्त संतुलित आहार लें।
- तंबाकू, शराब और अवैध दवाओं से बचें।
- गर्भावस्था के दौरान संभावित हानिकारक रसायनों से दूरी बनाए रखें।
- अनुवांशिक परामर्श लें यदि परिवार में कोई जन्मजात विकृति का इतिहास हो।
घरेलू उपाय (Home Remedies)
चूँकि यह एक जन्मजात स्थिति है और सर्जिकल उपचार की आवश्यकता होती है, इसलिए इसका कोई घरेलू इलाज नहीं है। लेकिन सर्जरी के बाद देखभाल में निम्न घरेलू सावधानियाँ सहायक हो सकती हैं:
- शिशु को सीधा बैठाकर दूध पिलाना।
- स्तनपान के बाद शिशु को डकार दिलाना।
- साफ-सफाई का ध्यान रखना ताकि संक्रमण न हो।
- डॉक्टर द्वारा बताए गए पोषण निर्देशों का पालन करना।
सावधानियाँ (Precautions)
- सर्जरी के बाद डॉक्टर की सभी follow-ups नियमित रूप से कराएं।
- सांस की तकलीफ या उल्टी जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- शिशु को भारी गतिविधियों से दूर रखें।
- reflux को रोकने के लिए शिशु को झुकाकर दूध न पिलाएं।
- शिशु के आहार में नमी और संतुलन बनाए रखें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
प्रश्न 1: क्या Congenital Esophageal Atresia का इलाज संभव है?
उत्तर: हाँ, इसका इलाज संभव है। सर्जरी के जरिए अन्ननली को जोड़ा जा सकता है।
प्रश्न 2: क्या बच्चा पूरी तरह से ठीक हो सकता है?
उत्तर: हाँ, अगर समय पर इलाज हो जाए तो बच्चा सामान्य जीवन जी सकता है।
प्रश्न 3: क्या यह अनुवांशिक बीमारी है?
उत्तर: कुछ मामलों में यह अनुवांशिक हो सकती है, लेकिन अधिकतर मामलों में कारण अज्ञात होते हैं।
प्रश्न 4: क्या सर्जरी के बाद कोई जटिलताएँ हो सकती हैं?
उत्तर: हाँ, जैसे कि stricture (संकुचन), acid reflux, या फेफड़ों में संक्रमण की आशंका हो सकती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Congenital Esophageal Atresia (जन्मजात इसोफेगियल एट्रेशिया) एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य जन्मजात रोग है। यदि समय रहते सही चिकित्सा सहायता मिल जाए तो शिशु सामान्य जीवन जी सकता है। माता-पिता को चाहिए कि वे गर्भावस्था के दौरान सतर्क रहें और जन्म के बाद यदि कोई भी असामान्य लक्षण दिखाई दे तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।