Congenital Facial Nerve Palsy: के कारण, लक्षण, इलाज और सावधानियाँ

Congenital Facial Nerve Palsy एक ऐसी स्थिति है जिसमें नवजात शिशु के जन्म से ही चेहरे की सातवीं नस (Facial nerve) का आंशिक या पूर्ण रूप से कार्य बाधित होता है। इससे बच्चे के चेहरे के एक हिस्से में कमजोरी या लकवा (paralysis) आ सकता है, जिससे वह हँसने, रोने या आंख बंद करने जैसे सामान्य चेहरे के हाव-भाव नहीं दिखा पाता।

Congenital Facial Nerve Palsy क्या होता है ? (What is Congenital Facial Nerve Palsy?)

जब शिशु के जन्म के समय ही facial nerve क्षतिग्रस्त होती है या उसका विकास पूर्ण नहीं होता, तो उसे Congenital Facial Nerve Palsy कहा जाता है। यह समस्या जन्म के समय ट्रॉमा या गर्भावस्था में विकास की खराबी के कारण हो सकती है।

Congenital Facial Nerve Palsy कारण (Causes of Congenital Facial Nerve Palsy)

  1. जन्म के समय सिर या चेहरे पर चोट (Birth trauma)
  2. Forceps या vacuum-assisted delivery
  3. प्रसव में अधिक समय लगना (Prolonged labor)
  4. गर्भावस्था के दौरान facial nerve का पूर्ण विकास न होना (Developmental defect)
  5. सिंड्रोमिक कारण:
    1. Möbius syndrome
    1. Goldenhar syndrome
    1. CHARGE syndrome
  6. माँ की स्थितियाँ: मधुमेह (Diabetes), संक्रमण आदि

Congenital Facial Nerve Palsy लक्षण (Symptoms of Congenital Facial Nerve Palsy)

  • शिशु के चेहरे का एक हिस्सा ढीला लगना
  • रोने पर एक तरफ का मुँह न हिलना
  • एक आंख न पूरी तरह बंद होना
  • दूध पीने में परेशानी
  • चिड़चिड़ापन या असामान्य रोना
  • एक ओर का चेहरा सपाट दिखना
  • दोनों तरफ असर होने पर गंभीर अभिव्यक्ति की कमी

Congenital Facial Nerve Palsy कैसे पहचाने (Diagnosis)

  1. क्लिनिकल निरीक्षण (Clinical observation) – चेहरे की हरकतें जांची जाती हैं
  2. Neurological examination – अन्य नसों की जाँच
  3. Imaging (MRI/CT scan) – चेहरे की नस की संरचना में कोई दोष
  4. Electromyography (EMG) – नसों की कार्यक्षमता का मूल्यांकन
  5. Hearing और Eye Evaluation – सहवर्ती समस्याओं के लिए

Congenital Facial Nerve Palsy इलाज (Treatment of Congenital Facial Nerve Palsy)

1. हल्के मामलों में (Self-resolving):

  • किसी भी इलाज की आवश्यकता नहीं होती
  • 3–6 महीनों में स्वतः सुधार हो सकता है

2. गंभीर मामलों में (Severe cases):

  • Steroids (डॉक्टर की सलाह से) – यदि सूजन हो
  • Physiotherapy और facial exercises – चेहरे की मांसपेशियों को सक्रिय रखने के लिए
  • Eye care (आंख बंद न होने पर):
    1. Artificial tears
    1. Eye taping या moist chamber

3. सर्जरी (यदि आवश्यक हो):

  • Facial nerve grafting
  • Eyelid correction surgery
  • Muscle transfer surgery (जैसे temporalis muscle transfer)

Congenital Facial Nerve Palsy कैसे रोके (Prevention)

  • सुरक्षित और प्रशिक्षित हाथों से प्रसव कराना
  • Forceps या vacuum delivery में सावधानी
  • जन्मपूर्व नियमित जांच
  • मातृ संक्रमणों और उच्च रक्त शर्करा का नियंत्रण
  • गर्भावस्था में पर्याप्त पोषण और चिकित्सकीय देखरेख

घरेलू उपाय (Home Remedies – सहायक उपाय)

मुख्य इलाज चिकित्सकीय होता है। घरेलू उपाय केवल सहायक भूमिका निभा सकते हैं:

  • आंख की सुरक्षा के लिए डॉक्टर की सलाह से आँखों की नमी बनाए रखना
  • गर्म सेक (Hot compress) – मांसपेशियों को आराम देने हेतु
  • धीरे-धीरे चेहरे की मालिश
  • रोशनी और धूल से आंख की रक्षा
  • फिजियोथेरेपी निर्देशों का पालन

सावधानियाँ (Precautions)

  • आँख में सूखापन होने पर तुरंत इलाज करें
  • दूध पीने में कठिनाई हो तो चिकित्सकीय सलाह लें
  • शिशु के चेहरे में कोई भी असमानता या असमान हरकतें नजर आएं तो डॉक्टर को दिखाएं
  • सर्जरी के बाद नियमित फॉलो-अप कराएं
  • संक्रमण से बचाव रखें

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. क्या Congenital Facial Nerve Palsy अपने आप ठीक हो जाती है?
हाँ, हल्के मामलों में यह 3 से 6 महीने में अपने आप ठीक हो सकती है।

Q2. क्या यह स्थिति स्थायी हो सकती है?
यदि nerve पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो तो यह स्थायी हो सकती है, पर सर्जरी और थैरेपी से सुधार संभव है।

Q3. क्या यह दोनों तरफ हो सकती है?
हाँ, लेकिन बहुत ही दुर्लभ मामलों में। इसे bilateral facial palsy कहते हैं।

Q4. क्या इस स्थिति से आंखों को खतरा होता है?
अगर आंख बंद नहीं होती तो सूखापन और संक्रमण का खतरा होता है।

Q5. क्या facial nerve palsy के साथ सुनने की समस्या भी हो सकती है?
कुछ सिंड्रोमिक मामलों में हाँ, इसलिए शिशु की श्रवण जांच जरूरी होती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Congenital Facial Nerve Palsy एक जटिल लेकिन प्रबंधनीय स्थिति है। यदि समय रहते पहचान और उचित इलाज हो जाए, तो शिशु सामान्य जीवन जी सकता है। सावधानी, नियमित चिकित्सा परीक्षण और माता-पिता की जागरूकता इस स्थिति से निपटने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।


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