Congenital Syphilis (जन्मजात सिफलिस) एक गंभीर यौन संचारित संक्रमण (STI) है, जो तब होता है जब गर्भवती महिला में सिफलिस का संक्रमण होता है और वह संक्रमण प्लेसेंटा के माध्यम से भ्रूण को संक्रमित करता है। यह स्थिति भ्रूण और नवजात शिशु के स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकती है और जन्मजात विकृतियों, मृत जन्म (Stillbirth) या नवजात मृत्यु का कारण बन सकती है।
Congenital Syphilis यह क्या होता है? (What is Congenital Syphilis?)
Congenital Syphilis वह स्थिति है जिसमें Treponema pallidum नामक बैक्टीरिया गर्भवती महिला से भ्रूण में चला जाता है। यह संक्रमण किसी भी तिमाही में हो सकता है, लेकिन शुरुआती पहचान और इलाज न हो तो शिशु में कई अंगों को प्रभावित कर सकता है। यह WHO द्वारा चिन्हित एक गंभीर लेकिन रोके जाने योग्य रोग है।
Congenital Syphilis कारण (Causes of Congenital Syphilis)
- Treponema pallidum बैक्टीरिया से संक्रमित मां
- गर्भावस्था में बिना जांच या इलाज के सिफलिस होना
- संक्रमित मां से भ्रूण को प्लेसेंटा के माध्यम से संक्रमण
- जन्म के समय संक्रमित मां से नवजात को संक्रमण होना
Congenital Syphilis के लक्षण (Symptoms of Congenital Syphilis)
जन्म के समय (Early Congenital Syphilis – 0 से 2 साल):
- पीलिया (Jaundice)
- नाक से स्राव (Snuffles – अत्यधिक पानीदार या खूनयुक्त)
- त्वचा पर फफोले या चकत्ते (Bullous or maculopapular rash)
- यकृत और तिल्ली का बढ़ जाना (Hepatosplenomegaly)
- एनीमिया (Anemia)
- हड्डियों में असामान्यता (Osteochondritis, periostitis)
- वजन न बढ़ना (Failure to thrive)
2 साल से अधिक उम्र में (Late Congenital Syphilis):
- हचिंसन के दाँत (Hutchinson’s teeth – खास आकृति के स्थायी दाँत)
- हड्डियों की विकृति (Saber shins – टिबिया की टेढ़ी आकृति)
- कानों की सुनवाई में कमी (Sensorineural hearing loss)
- दृष्टि में कमी (Interstitial keratitis)
- मानसिक मंदता (Intellectual disability)
- नाक की विकृति (Saddle nose deformity)
Congenital Syphilis कैसे पहचाने? (Diagnosis of Congenital Syphilis)
- Serologic testing (VDRL, RPR) मां और शिशु दोनों में
- FTA-ABS (Fluorescent treponemal antibody absorption test)
- CSF analysis (Lumbar puncture) – न्यूरो सिफलिस के लिए
- X-ray – हड्डियों में असामान्यता जांचने के लिए
- Placenta और Umbilical cord की जांच
- PCR या Dark-field microscopy (कुछ विशेष प्रयोगशालाओं में)
Congenital Syphilis इलाज (Treatment of Congenital Syphilis)
- Penicillin G – इलाज की मुख्य दवा है, और यह सबसे प्रभावी भी है
- नवजातों के लिए Benzathine या Aqueous crystalline Penicillin G (डॉक्टर की देखरेख में)
- इलाज की अवधि संक्रमण की गंभीरता और लक्षणों पर निर्भर करती है
- गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती की जरूरत होती है
ध्यान दें: Penicillin allergy की स्थिति में भी विशेष सावधानी के साथ Desensitization के बाद penicillin दिया जाता है
Congenital Syphilis रोकथाम (Prevention of Congenital Syphilis)
- गर्भावस्था के शुरू में सिफलिस स्क्रीनिंग कराना (रूटीन TORCH में शामिल होता है)
- यदि मां पॉजिटिव है तो तुरंत पेनिसिलिन से इलाज
- गर्भावस्था के दौरान यौन संबंधों में सावधानी बरतना
- संक्रमित यौन साथी का भी इलाज जरूरी
- प्रसव से पहले और बाद में शिशु की निगरानी और फॉलो-अप
घरेलू उपाय (Home Remedies)
Congenital syphilis का कोई घरेलू इलाज नहीं है। यह एक गंभीर संक्रमण है जो केवल एंटीबायोटिक (Penicillin) से ही ठीक हो सकता है। हालांकि कुछ सहायक उपाय:
- पोषण युक्त आहार देना
- साफ-सफाई बनाए रखना
- डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवा और फॉलो-अप को गंभीरता से लेना
सावधानियाँ (Precautions)
- गर्भावस्था के शुरुआती चरण में जांच जरूर कराएं
- संक्रमित होने पर दवा बीच में न छोड़ें
- यौन साथी को भी जांच कराएं
- भविष्य की गर्भावस्था में फिर से जांच कराएं
- नवजात शिशु की सुनवाई, दृष्टि और मानसिक विकास की नियमित निगरानी करें
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या Congenital Syphilis संक्रामक है?
उत्तर: हाँ, जन्म के समय शिशु से शिशु, या शिशु से देखभाल करने वाले को फैल सकता है, विशेष रूप से खुली त्वचा की चोटों से।
प्रश्न 2: क्या इसका इलाज संभव है?
उत्तर: हाँ, Penicillin द्वारा पूरी तरह इलाज संभव है, लेकिन जल्दी पहचान बहुत जरूरी है।
प्रश्न 3: क्या इससे बचा जा सकता है?
उत्तर: हाँ, समय पर जांच और इलाज से यह पूरी तरह रोका जा सकता है।
प्रश्न 4: क्या यह जन्मजात विकृति का कारण बन सकता है?
उत्तर: हाँ, विशेष रूप से यदि इलाज न हुआ हो तो यह आंखों, दांतों, हड्डियों और मस्तिष्क को प्रभावित कर सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Congenital Syphilis (जन्मजात सिफलिस) एक गंभीर लेकिन पूरी तरह से रोके जाने योग्य और इलाज योग्य रोग है। इसका समय पर निदान और इलाज गर्भस्थ शिशु को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बचा सकता है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान नियमित जांच और सुरक्षित यौन व्यवहार बेहद आवश्यक है।