Congenital Varicella Syndrome कारण, लक्षण, इलाज और सावधानियाँ

Congenital Varicella Syndrome (CVS) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर जन्मजात विकार है जो तब होता है जब गर्भवती महिला को चिकनपॉक्स (Varicella Zoster Virus infection) गर्भावस्था के शुरुआती चरणों में हो जाता है। यह वायरस गर्भस्थ शिशु को संक्रमित कर देता है, जिससे जन्म के समय शारीरिक, न्यूरोलॉजिकल और विकासात्मक दोष देखने को मिल सकते हैं।यह स्थिति अक्सर 13 से 20 सप्ताह की गर्भावस्था के दौरान संक्रमण के कारण होती है और शिशु के अंगों के विकास में रुकावट डाल सकती है।








Congenital Varicella Syndrome क्या होता है (What is Congenital Varicella Syndrome)?

यह एक प्रकार की इन्ट्रा-यूटेरिन वायरल इन्फेक्शन है जो गर्भ में ही शिशु को प्रभावित करती है। इसमें शिशु के शरीर पर दाग, आंखों, मस्तिष्क और हाथ-पैरों के विकास में दोष हो सकता है। यह संक्रमण Varicella-Zoster Virus (VZV) के कारण होता है जो चिकनपॉक्स का कारक है।

Congenital Varicella Syndrome कारण (Causes of Congenital Varicella Syndrome)

  1. Varicella-Zoster Virus (VZV) – चिकनपॉक्स का वायरस
  2. गर्भावस्था के पहले 20 सप्ताह के भीतर संक्रमण
  3. माता को बचपन में वैरीसेला संक्रमण का न होना (No past immunity)
  4. Unvaccinated pregnancy (टीकाकरण न होना)
  5. Immunocompromised अवस्था में वैरीसेला संक्रमण

Congenital Varicella Syndrome के लक्षण (Symptoms of Congenital Varicella Syndrome)

Congenital Varicella Syndrome के लक्षण जन्म के समय या कुछ समय बाद प्रकट होते हैं:

  1. त्वचा पर निशान या जख्म (Skin scarring)
  2. छोटा सिर (Microcephaly)
  3. मस्तिष्क विकास में दोष (Cortical atrophy or hydrocephalus)
  4. आंखों की असामान्यता (Cataract, chorioretinitis, microphthalmia)
  5. हाथ-पैर की विकृति (Limb hypoplasia)
  6. शारीरिक कमजोरी या पक्षाघात (Muscular atrophy or paresis)
  7. मानसिक विकास में देरी (Intellectual disability)
  8. कम वजन से जन्म (Low birth weight)
  9. कभी-कभी नवजात मृत्यु (Perinatal death)
  10. Seizures और neurological समस्याएं

Congenital Varicella Syndrome कैसे पहचाने (How to Identify CVS)

  1. मां को गर्भावस्था के दौरान चिकनपॉक्स होना
  2. Prenatal ultrasound से शिशु में शारीरिक असामान्यता का पता चलना
  3. Amniocentesis – भ्रूण के फ्लूइड में वायरस की पहचान
  4. Cord blood testing – Viral DNA की पुष्टि के लिए
  5. नवजात की त्वचा, आंखों, और अंगों की जांच
  6. Postnatal imaging – MRI, CT scan (brain and limbs)

निदान (Diagnosis of Congenital Varicella Syndrome)

  1. Maternal history of varicella during pregnancy
  2. Ultrasound findings: limb deformities, brain anomalies
  3. PCR test of amniotic fluid for VZV DNA
  4. Neonatal examination for visible birth defects
  5. TORCH panel testing in newborn
  6. Ophthalmological and neurological evaluation

Congenital Varicella Syndrome इलाज (Treatment of Congenital Varicella Syndrome)

इस स्थिति का कोई पूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन कुछ supportive और symptomatic इलाज किए जा सकते हैं:

1. Supportive care

  • फिजियोथेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी
  • पोषण संबंधी देखभाल
  • मानसिक विकास के लिए विशेष शिक्षा

2. Symptomatic treatment

  • Seizures के लिए anticonvulsant दवाएं
  • Eye surgery यदि मोतियाबिंद हो
  • ऑर्थोपेडिक सर्जरी विकृत अंगों के लिए

3. Antiviral Therapy (गर्भावस्था में)

  • Acyclovir या Valacyclovir दवाएं (गर्भवती महिला के लिए यदि संक्रमण होता है)
  • Varicella Zoster Immune Globulin (VZIG) संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए

Congenital Varicella Syndrome कैसे रोके (Prevention Tips)

  1. गर्भधारण से पहले वैरीसेला का टीका लगवाएं (Varicella vaccination)
  2. यदि गर्भवती महिला वैरीसेला मरीज के संपर्क में आए तो VZIG दिया जा सकता है
  3. Infected व्यक्ति से दूरी बनाए रखें (खासकर पहले 20 सप्ताह में)
  4. Immunity जांच – Anti-varicella antibody test से पहले ही पता करें
  5. Public health awareness और routine vaccination का पालन करें

घरेलू उपाय (Home Care / Support)

Congenital Varicella Syndrome का घरेलू इलाज नहीं होता, लेकिन सर्जरी व थेरेपी के बाद:

  1. घर का वातावरण साफ और संक्रमण मुक्त रखें
  2. शिशु को फिजियोथेरेपी के लिए नियमित ले जाएं
  3. विशेष पोषण और विकास पर ध्यान दें
  4. मानसिक विकास के लिए early stimulation techniques अपनाएं
  5. परिवार के अन्य लोगों को टीकाकरण सुनिश्चित कराएं

सावधानियाँ (Precautions)

  1. गर्भावस्था में कभी भी चिकनपॉक्स न हो इसके लिए वैक्सीनेशन जरूरी है
  2. गर्भवती महिला को संक्रमित बच्चों या वयस्कों से दूर रखें
  3. किसी भी त्वचा के दाने या बुखार पर डॉक्टर से तुरंत मिलें
  4. यदि मां को वैरीसेला हो जाए तो समय रहते antiviral इलाज शुरू करें
  5. शिशु में किसी भी विकास संबंधित समस्या पर early intervention कराएं

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्र1: क्या Congenital Varicella Syndrome को रोका जा सकता है?
हाँ, वैरीसेला वैक्सीनेशन से इसे रोका जा सकता है।

प्र2: क्या यह बच्चा जीवन भर प्रभावित रहेगा?
हाँ, CVS से प्रभावित शिशुओं में अधिकांश लक्षण जीवन भर रहते हैं और उन्हें विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है।

प्र3: अगर गर्भावस्था में वैरीसेला हो जाए तो क्या करें?
डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें। Acyclovir और VZIG से असर को कम किया जा सकता है।

प्र4: क्या यह वंशानुगत रोग है?
नहीं, यह संक्रामक बीमारी से संबंधित है, वंशानुगत नहीं।

प्र5: क्या संक्रमित मां का बच्चा हमेशा CVS से प्रभावित होता है?
नहीं, जोखिम होता है लेकिन 13–20 सप्ताह के बीच संक्रमण में संभावना अधिक होती है (~1–2% cases में CVS होता है)।

निष्कर्ष (Conclusion)

Congenital Varicella Syndrome एक दुर्लभ लेकिन गंभीर जन्मजात विकार है जो गर्भवती महिला को चिकनपॉक्स होने पर शिशु को प्रभावित करता है। इसे रोका जा सकता है अगर समय रहते महिला को टीकाकरण और आवश्यक सावधानियाँ दी जाएं। यदि समय पर निदान और सहायक इलाज किया जाए तो कुछ मामलों में जीवन की गुणवत्ता बेहतर की जा सकती है। सबसे प्रभावी तरीका है – प्रभावी टीकाकरण और जागरूकता।


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