Crigler-Najjar Syndrome (क्रिगलर-नज्जार सिंड्रोम) एक दुर्लभ और गंभीर आनुवांशिक विकार (genetic disorder) है, जिसमें शरीर में बिलीरुबिन (bilirubin) को तोड़ने वाला एंजाइम नहीं बनता या बहुत कम बनता है। यह बीमारी नवजात अवस्था से ही शुरू हो जाती है और इसका मुख्य असर लिवर (यकृत) की कार्यप्रणाली पर पड़ता है। इसका समय पर इलाज न होने पर यह मस्तिष्क को नुकसान (brain damage) पहुंचा सकता है।
Crigler-Najjar Syndrome क्या होता है ? (What is Crigler-Najjar Syndrome)
यह एक इनहेरिटेड मेटाबोलिक डिसऑर्डर है जिसमें UGT1A1 जीन में गड़बड़ी के कारण शरीर में unconjugated bilirubin की मात्रा अत्यधिक बढ़ जाती है। यह bilirubin encephalopathy या kernicterus जैसी खतरनाक स्थितियों का कारण बन सकता है।
Crigler-Najjar Syndrome के प्रकार (Types of Crigler-Najjar Syndrome)
- Type 1 (टाइप 1) – यह अधिक गंभीर होता है। इसमें UGT एंजाइम पूरी तरह अनुपस्थित होता है। पीलिया जन्म से ही होता है और तेज़ी से मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है।
- Type 2 (टाइप 2) – यह हल्का होता है। इसमें एंजाइम की थोड़ी मात्रा मौजूद होती है और मरीज को अक्सर Phenobarbital नामक दवा से लाभ होता है।
Crigler-Najjar Syndrome के कारण (Causes of Crigler-Najjar Syndrome)
- UGT1A1 जीन में उत्परिवर्तन (Mutation in UGT1A1 gene)
- यह Autosomal Recessive तरीके से विरासत में मिलती है, यानी माता-पिता दोनों से दोषपूर्ण जीन मिलने पर ही रोग विकसित होता है।
Crigler-Najjar Syndrome के लक्षण (Symptoms of Crigler-Najjar Syndrome)
- लगातार पीलिया (Persistent jaundice)
- आँखों की सफेदी और त्वचा का पीला रंग (Yellowing of skin and eyes)
- थकान और सुस्ती (Fatigue and lethargy)
- चिड़चिड़ापन (Irritability)
- भूख में कमी (Loss of appetite)
- मांसपेशियों में अकड़न (Muscle rigidity - गंभीर मामलों में)
- मस्तिष्क क्षति के संकेत (Neurological symptoms) जैसे – सुनने की समस्या, दौरे (seizures), सुन्नता
Crigler-Najjar Syndrome की पहचान कैसे करें (Diagnosis of Crigler-Najjar Syndrome)
- रक्त परीक्षण (Blood test) – Bilirubin levels (Unconjugated bilirubin)
- लिवर फंक्शन टेस्ट (Liver Function Test)
- Genetic Testing (जीन परीक्षण) – UGT1A1 gene mutation की पुष्टि के लिए
- Phenobarbital टेस्ट – टाइप 2 में असर दिखता है, जबकि टाइप 1 में नहीं
Crigler-Najjar Syndrome का इलाज (Treatment of Crigler-Najjar Syndrome)
टाइप 1 (Type 1):
- Phototherapy (फोटोथेरेपी) – रोज़ाना नीली रोशनी से बिलीरुबिन को कम किया जाता है
- ब्लड एक्सचेंज ट्रांसफ्यूजन (Exchange blood transfusion) – उच्च बिलीरुबिन स्तर को तुरंत कम करने के लिए
- Liver Transplant (लिवर ट्रांसप्लांट) – स्थायी समाधान, विशेषकर टाइप 1 में
टाइप 2 (Type 2):
- Phenobarbital दवा – यह दवा कुछ मात्रा में एंजाइम बनाकर बिलीरुबिन की मात्रा को घटाती है
- नियमित निगरानी और इलाज आवश्यक होता है
Crigler-Najjar Syndrome से कैसे बचाव करें (How to Prevent Crigler-Najjar Syndrome)
- यह एक अनुवांशिक रोग है, इसलिए बचाव सीमित है
- Genetic Counseling (आनुवांशिक परामर्श) – यदि परिवार में इतिहास है तो विवाह या संतान की योजना से पहले परामर्श ज़रूरी
- Prenatal Genetic Testing
Crigler-Najjar Syndrome के घरेलू उपाय (Home Remedies for Crigler-Najjar Syndrome)
Crigler-Najjar Syndrome का कोई घरेलू इलाज नहीं है, लेकिन कुछ सपोर्टिव उपाय मदद कर सकते हैं:
- सूरज की रोशनी से बचाव करें (बिलीरुबिन फोटोसेंसिटिव होता है)
- संतुलित और पौष्टिक आहार लें
- पानी और तरल पदार्थ अधिक मात्रा में लें
- थकावट से बचें और पर्याप्त आराम करें
Crigler-Najjar Syndrome में सावधानियाँ (Precautions in Crigler-Najjar Syndrome)
- नियमित रूप से बिलीरुबिन स्तर की जांच कराते रहें
- बुखार, उल्टी या सुस्ती जैसे लक्षणों पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
- दवा डॉक्टर की सलाह से ही लें
- Phototherapy में उपकरणों का सही इस्तेमाल करें
- मानसिक और न्यूरोलॉजिकल लक्षणों की अनदेखी न करें
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs on Crigler-Najjar Syndrome)
Q1. क्या Crigler-Najjar का इलाज संभव है?
हां, टाइप 2 का इलाज Phenobarbital से किया जा सकता है और टाइप 1 के लिए लिवर ट्रांसप्लांट अंतिम उपाय होता है।
Q2. क्या यह बीमारी जानलेवा हो सकती है?
हां, यदि टाइप 1 का समय पर इलाज न हो तो यह मस्तिष्क को स्थायी नुकसान पहुंचा सकती है।
Q3. क्या यह रोग वंशानुगत है?
हां, यह एक अनुवांशिक बीमारी है जो माता-पिता से बच्चे में जाती है।
Q4. क्या नवजात शिशु में यह बीमारी पहचान में आ सकती है?
हां, जन्म के कुछ दिनों के भीतर अत्यधिक पीलिया इसका पहला संकेत होता है।
Q5. क्या बच्चे सामान्य जीवन जी सकते हैं?
टाइप 2 वाले बच्चे उचित इलाज से सामान्य जीवन जी सकते हैं, परंतु टाइप 1 वाले बच्चों को विशेष देखभाल और ट्रांसप्लांट की ज़रूरत पड़ती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Crigler-Najjar Syndrome (क्रिगलर-नज्जार सिंड्रोम) एक गंभीर लेकिन दुर्लभ जेनेटिक बीमारी है जिसमें शरीर बिलीरुबिन को तोड़ नहीं पाता। यह स्थिति मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकती है, खासकर यदि समय पर इलाज न हो। समय पर निदान, नियमित निगरानी, फोटोथेरेपी, उचित दवाइयां और आवश्यक होने पर लिवर ट्रांसप्लांट इस रोग से जूझने में मदद करते हैं। जागरूकता, परामर्श और सही चिकित्सा मार्गदर्शन से जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है।