विलंबित स्खलन (Delayed Ejaculation): कारण, इलाज, आयुर्वेदिक उपाय और FAQs

विलंबित स्खलन क्या है?

What is Delayed Ejaculation?

विलंबित स्खलन (Delayed Ejaculation) एक यौन समस्या है जिसमें पुरुष संभोग के दौरान या हस्तमैथुन करते समय सामान्य समय से काफी देर में स्खलित होता है, या कई बार स्खलन हो ही नहीं पाता। यह समस्या शारीरिक और मानसिक दोनों कारणों से हो सकती है। यदि यह स्थिति समय-समय पर होती है तो सामान्य मानी जा सकती है, लेकिन यदि यह बार-बार हो रही हो और यौन संतुष्टि को प्रभावित कर रही हो, तो इसे गंभीरता से लेना आवश्यक है। यह समस्या पुरुष की आत्मविश्वास, संबंधों और मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकती है।

विलंबित स्खलन के कारण

Causes of Delayed Ejaculation

इस समस्या के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिन्हें तीन भागों में बांटा जा सकता है: मानसिक, शारीरिक और दवा संबंधित।

मानसिक कारणों में प्रदर्शन का डर, रिश्तों में तनाव, अवसाद, या बचपन से जुड़ी यौन कुंठाएँ शामिल हो सकती हैं। ये स्थितियाँ मस्तिष्क में तनाव पैदा करती हैं और पुरुष को यौन उत्तेजना के बावजूद चरमसुख तक पहुँचने में बाधा उत्पन्न करती हैं।

शारीरिक कारणों में मधुमेह, न्यूरोपैथी, प्रोस्टेट ग्रंथि की समस्या, हार्मोनल असंतुलन (विशेषकर टेस्टोस्टेरोन की कमी), और नर्व सिस्टम से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, अत्यधिक शराब पीना, तंबाकू सेवन, और बढ़ती उम्र के साथ भी यह समस्या देखने को मिलती है।

कुछ दवाएं जैसे एंटीडिप्रेसेंट्स (SSRIs), ब्लड प्रेशर की दवाएं, या मानसिक रोगों के लिए दी जाने वाली दवाएं भी विलंबित स्खलन का कारण बन सकती हैं।

आयुर्वेदिक उपचार

Ayurvedic Remedies for Delayed Ejaculation

आयुर्वेद में विलंबित स्खलन का कारण “वीर्यविकार” और “धातु क्षय” माना गया है। इसका इलाज शरीर के अंदर से ताकत बढ़ाकर, वात दोष को संतुलित कर और वीर्य की गुणवत्ता सुधार कर किया जाता है।

अश्वगंधा (Ashwagandha):

अश्वगंधा एक शक्तिवर्धक और तनावनाशक जड़ी-बूटी है। यह वीर्य की गुणवत्ता में सुधार लाने, मानसिक तनाव को कम करने और पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करती है। इसे रोज सुबह–शाम दूध के साथ लिया जा सकता है।

शुद्ध शिलाजीत (Shuddha Shilajit):

शिलाजीत एक प्राकृतिक मिनरल है जो शरीर की ऊर्जा और सहनशक्ति को बढ़ाता है। यह नर्वस सिस्टम को मज़बूत बनाता है और स्खलन प्रक्रिया को नियंत्रित करने में सहायता करता है।

कौंच बीज चूर्ण (Kaunch Beej Powder):

यह शुक्राणु उत्पादन बढ़ाता है और यौन अंगों को पोषण देता है। इससे वीर्य स्खलन का समय बेहतर होता है। 1 चम्मच कौंच बीज चूर्ण को गर्म दूध के साथ लेने से लाभ होता है।

सफेद मूसली (Safed Musli):

सफेद मूसली शरीर की थकावट दूर करने, वीर्य को गाढ़ा करने और यौन इच्छा को बनाए रखने में मदद करती है। यह प्राकृतिक कामोत्तेजक भी है।

आयुर्वेदिक तेल मालिश:

बाला तेल, अश्वगंधा तेल या नारायण तेल से कमर और जांघों की मालिश करने से स्नायु मजबूत होते हैं, जिससे यौन प्रदर्शन में सुधार हो सकता है।

ध्यान रखें: कोई भी आयुर्वेदिक औषधि अपनाने से पहले योग्य वैद्य या डॉक्टर से परामर्श ज़रूर लें।

सावधानियाँ और जीवनशैली में सुधार

Precautions and Lifestyle Tips

  • तनाव कम करें, नियमित योग और ध्यान करें।

  • शराब, तंबाकू और नशीले पदार्थों से दूरी बनाएं।

  • पर्याप्त नींद लें और देर रात तक जागने से बचें।

  • पोर्न की आदत और अत्यधिक हस्तमैथुन को नियंत्रित करें।

  • संतुलित आहार लें जिसमें बादाम, अखरोट, दूध, और हरी सब्ज़ियाँ शामिल हों।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Frequently Asked Questions – Delayed Ejaculation in Hindi

क्या विलंबित स्खलन एक गंभीर बीमारी है?

विलंबित स्खलन कोई जानलेवा या स्थायी बीमारी नहीं है, लेकिन यह व्यक्ति की यौन संतुष्टि, आत्मविश्वास और संबंधों को प्रभावित कर सकती है। यदि यह लंबे समय तक बनी रहती है तो इसका इलाज कराना ज़रूरी है। समय रहते उपचार और काउंसलिंग से यह समस्या पूरी तरह ठीक हो सकती है।

क्या आयुर्वेदिक इलाज से इसका समाधान संभव है?

जी हां, आयुर्वेदिक चिकित्सा में विलंबित स्खलन का काफी प्रभावी इलाज मौजूद है। इसमें शरीर की अंदरूनी कमजोरी, वात दोष और मानसिक तनाव को संतुलित किया जाता है। अश्वगंधा, शिलाजीत, मूसली, कौंच बीज जैसे जड़ी-बूटियों से न सिर्फ वीर्य की गुणवत्ता सुधरती है बल्कि यौन क्षमता भी बेहतर होती है।

इस समस्या के लिए कौन से योग और प्राणायाम फायदेमंद हैं?

भ्रामरी प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, कपालभाति और मूलबंध योग इस स्थिति में विशेष रूप से लाभकारी हैं। ये शरीर के नर्वस सिस्टम को शांत करते हैं और पेल्विक एरिया की मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं, जिससे स्खलन पर नियंत्रण बनता है।

क्या हस्तमैथुन करने से यह समस्या हो सकती है?

अत्यधिक हस्तमैथुन, विशेषकर तेज़ गति से और लंबे समय तक करने की आदत, ब्रेन को एक खास पैटर्न की आदत डाल सकती है। इसके कारण जब व्यक्ति सामान्य सेक्स करता है, तब मस्तिष्क को प्रतिक्रिया देने में देर होती है, जिससे विलंबित स्खलन हो सकता है। संयम और संतुलन बेहद ज़रूरी है।

कितने समय में इलाज से सुधार दिख सकता है?

यदि मानसिक तनाव का कारण है तो काउंसलिंग से 2–3 सप्ताह में सुधार आने लगता है। आयुर्वेदिक दवाओं के साथ 4–6 सप्ताह में अच्छे परिणाम मिलने लगते हैं। लेकिन यह पूरी तरह इस पर निर्भर करता है कि समस्या कितनी पुरानी है और व्यक्ति की जीवनशैली कैसी है।

निष्कर्ष

Conclusion

विलंबित स्खलन भले ही एक जटिल यौन समस्या लगे, लेकिन यह पूरी तरह से इलाज योग्य है – खासकर यदि आप समय रहते इसका निदान कर लें। आयुर्वेद में इसके लिए सुरक्षित और प्रभावशाली उपाय मौजूद हैं जो शरीर की प्राकृतिक शक्ति को बढ़ाकर स्थायी समाधान प्रदान करते हैं। तनाव मुक्त जीवन, संतुलित आहार, नियमित योग और सही जड़ी-बूटियों का सेवन इस समस्या से बाहर निकलने की कुंजी है। यदि आप या आपका कोई प्रिय व्यक्ति इससे जूझ रहा है, तो देर न करें – विशेषज्ञ से सलाह लें और समाधान की ओर कदम बढ़ाएं।

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