डायबिटिक फुट अल्सर (Diabetic Foot Ulcer) एक गंभीर और आम जटिलता है जो मधुमेह (Diabetes) से ग्रस्त लोगों में पाई जाती है। यह पैर के तलवे, एड़ी या अंगूठे के आसपास एक गहरा घाव होता है जो जल्दी ठीक नहीं होता और संक्रमण का कारण बन सकता है। यदि समय पर इलाज न हो तो यह अल्सर गंभीर संक्रमण, गैंगरीन और अंग विच्छेदन (amputation) तक की स्थिति में पहुंच सकता है।
Diabetic Foot Ulcer क्या होता है ? (What is Diabetic Foot Ulcer?)
डायबिटिक फुट अल्सर एक ओपन सोर (open sore) या जख्म होता है, जो त्वचा में गहराई तक फैल सकता है। यह ज़्यादातर तब होता है जब व्यक्ति के पैर में चोट लगती है और उसे महसूस नहीं होता क्योंकि डायबिटीज से नसों की संवेदनशीलता (neuropathy) कम हो जाती है। घाव समय पर नहीं भरता और बैक्टीरिया संक्रमण का कारण बनते हैं।
Diabetic Foot Ulcer के कारण (Causes of Diabetic Foot Ulcer):
- न्यूरोपैथी (Neuropathy) – डायबिटीज के कारण पैरों की नसें सुन्न हो जाती हैं, जिससे व्यक्ति को चोट या जलन महसूस नहीं होती।
- ब्लड सर्कुलेशन की कमी (Peripheral Arterial Disease) – पैरों में रक्त प्रवाह कम हो जाता है जिससे घाव भरने में समय लगता है।
- पैरों की सफाई में लापरवाही – नाखून काटते समय कट लगना या साफ-सफाई न रखना।
- अनुपयुक्त जूते पहनना – तंग या घिसे हुए जूते पहनने से छाले या घाव हो सकते हैं।
- पूर्व में घाव या अल्सर का इतिहास – पहले हो चुके घाव दोबारा हो सकते हैं।
Diabetic Foot Ulcer के लक्षण (Symptoms of Diabetic Foot Ulcer):
- पैर या तलवे में लगातार घाव या फोड़ा
- घाव से पीला या बदबूदार तरल निकलना
- पैरों की त्वचा का रंग बदलना (काला या नीला होना)
- सूजन, लालिमा या गर्मी महसूस होना
- बुखार या थकान (संक्रमण के कारण)
- चलने में परेशानी या दर्द (गंभीर मामलों में)
Diabetic Foot Ulcer की पहचान (Diagnosis of Diabetic Foot Ulcer):
- शारीरिक परीक्षण (Physical examination) – डॉक्टर घाव का निरीक्षण करते हैं।
- ब्लड शुगर टेस्ट (Blood Sugar Test) – शुगर का स्तर जांचा जाता है।
- एक्स-रे या एमआरआई (X-ray or MRI) – संक्रमण की गहराई जानने के लिए।
- कल्चर टेस्ट (Wound Culture Test) – बैक्टीरिया की पहचान के लिए।
Diabetic Foot Ulcer का इलाज (Treatment of Diabetic Foot Ulcer):
- ब्लड शुगर नियंत्रण (Blood Sugar Control) – नियमित दवा और इंसुलिन से शुगर नियंत्रित करें।
- वाउंड ड्रेसिंग (Wound Dressing) – डॉक्टर द्वारा नियमित सफाई और ड्रेसिंग।
- एंटीबायोटिक दवाएं (Antibiotics) – संक्रमण रोकने के लिए।
- डिब्राइडमेंट (Debridement) – मरी हुई त्वचा हटाना।
- विशेष जूते (Orthopedic Footwear) – दबाव को कम करने के लिए।
- सर्जरी (Surgery) – गंभीर मामलों में।
Diabetic Foot Ulcer फुट अल्सर (Prevention of Diabetic Foot Ulcer):
- रोज़ाना पैरों की जांच करें।
- हमेशा साफ और आरामदायक जूते पहनें।
- नंगे पैर न चलें।
- ब्लड शुगर नियंत्रित रखें।
- पैरों को रोज़ धोकर सुखाएं और मॉइस्चराइज़र लगाएं।
घरेलू उपाय (Home Remedies for Diabetic Foot Ulcer):
- हल्दी का लेप (Turmeric Paste) – एंटीसेप्टिक गुण होते हैं।
- एलोवेरा जेल (Aloe Vera Gel) – घाव भरने में सहायक।
- नीम का पानी – पैर धोने के लिए संक्रमण कम करने हेतु।
- गुनगुने पानी से पैर धोकर सुखाना।
नोट: केवल घरेलू उपाय पर निर्भर न रहें, डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
सावधानियाँ (Precautions for Diabetic Foot Ulcer):
- घाव को छूने से पहले हाथ धोएं।
- खुद से कोई क्रीम या दवा न लगाएं।
- घाव को खरोंचें नहीं।
- घाव खुला न छोड़ें, डॉक्टर की सलाह से ही ड्रेसिंग करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):
प्रश्न 1: क्या डायबिटिक फुट अल्सर ठीक हो सकता है?
उत्तर: हां, यदि समय पर और सही इलाज हो तो ठीक हो सकता है।
प्रश्न 2: क्या अल्सर के कारण पैर काटना पड़ सकता है?
उत्तर: यदि संक्रमण बहुत बढ़ जाए और टिशू मर जाएं तो अम्प्यूटेशन की जरूरत पड़ सकती है।
प्रश्न 3: क्या यह केवल टाइप 2 डायबिटीज़ में होता है?
उत्तर: नहीं, टाइप 1 और टाइप 2 दोनों ही प्रकार के डायबिटीज़ में हो सकता है।
प्रश्न 4: क्या नियमित जांच से इसे रोका जा सकता है?
उत्तर: हां, नियमित जांच और देखभाल से इसे रोका जा सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
डायबिटिक फुट अल्सर (Diabetic Foot Ulcer) मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए एक गंभीर जटिलता हो सकती है, लेकिन जागरूकता, नियमित जांच, और समय पर इलाज से इसे रोका और नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आप या आपके परिवार में किसी को मधुमेह है, तो पैरों की नियमित देखभाल को प्राथमिकता दें।