Khushveer Choudhary

G6PD Deficiency और टेस्ट: कारण, लक्षण, जांच प्रक्रिया, इलाज और बचाव

G6PD (ग्लूकोज-6-फॉस्फेट डिहाइड्रोजेनेज) की कमी एक आनुवंशिक (genetic) विकार है जिसमें शरीर की लाल रक्त कोशिकाएं (Red Blood Cells - RBCs) जल्दी टूटने लगती हैं, जिससे हेमोलाइटिक एनीमिया (Hemolytic Anemia) हो सकता है। इस कमी को पहचानने के लिए G6PD Deficiency Test किया जाता है, जो यह मापता है कि व्यक्ति के खून में यह एंजाइम पर्याप्त मात्रा में मौजूद है या नहीं।









G6PD Deficiency Test क्या होता है ? (What is G6PD Deficiency Test):

यह एक ब्लड टेस्ट है जो यह जांचता है कि शरीर में G6PD एंजाइम की मात्रा कितनी है। यह एंजाइम लाल रक्त कोशिकाओं को हानिकारक अणुओं (free radicals) से बचाने में मदद करता है। अगर यह एंजाइम पर्याप्त नहीं है, तो शरीर की RBCs जल्दी टूट सकती हैं।

G6PD की कमी के कारण (Causes of G6PD Deficiency):

  1. आनुवंशिक कारण (Genetic Causes) – यह X-Linked Genetic Disorder होता है, जो अधिकतर पुरुषों को प्रभावित करता है।
  2. कुछ दवाओं का सेवन (Certain Medications) – जैसे कि सल्फा ड्रग्स, एंटी-मलेरियल दवाएं, एस्पिरिन आदि।
  3. इन्फेक्शन (Infection) – गंभीर संक्रमण G6PD की कमी के लक्षण ट्रिगर कर सकते हैं।
  4. कुछ खाद्य पदार्थ (Certain Foods) – जैसे fava beans (बकला या बाकला) का सेवन।

G6PD Deficiency Test के लक्षण (Symptoms of G6PD Deficiency):

कई लोगों में कोई लक्षण नहीं होते, लेकिन जब RBCs टूटने लगती हैं, तो ये लक्षण दिखाई दे सकते हैं:

  1. थकान और कमजोरी (Fatigue and weakness)
  2. पीला पड़ना या पीलिया (Jaundice or yellowing of skin and eyes)
  3. डार्क यूरिन (गाढ़ा पेशाब)
  4. तेज़ सांसें या हृदय गति (Rapid breathing or heartbeat)
  5. सिरदर्द (Headache)
  6. पेट या पीठ में दर्द (Abdominal or back pain)
  7. ठंड लगना और बुखार (Chills and fever, in some cases)

जांच प्रक्रिया (Diagnosis Process):

  • ब्लड टेस्ट: एक सैंपल लिया जाता है और उसमें G6PD एंजाइम की मात्रा मापी जाती है।
  • प्रक्रिया: सामान्यतः यह एक सरल ब्लड सैंपल होता है।
  • परिणाम: अगर एंजाइम की मात्रा सामान्य से कम है, तो G6PD deficiency की पुष्टि होती है।

G6PD Deficiency Test इलाज (Treatment):

इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन सावधानी और ट्रिगर से बचाव से स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है:

  1. दवाइयों से परहेज़ जो RBCs को नुकसान पहुँचा सकती हैं।
  2. संक्रमण का तुरंत इलाज कराना।
  3. जरूरत पड़ने पर खून चढ़ाना (Blood transfusion)।
  4. फॉलिक एसिड सप्लीमेंट्स लेना।

G6PD Deficiency Test कैसे रोके (Prevention):

  1. ट्रिगर करने वाली दवाओं और खाद्य पदार्थों से दूर रहें।
  2. डॉक्टर को अपनी G6PD स्थिति की जानकारी दें ताकि वह उपयुक्त दवा लिख सकें।
  3. इन्फेक्शन से बचाव के लिए वैक्सीनेशन और साफ-सफाई रखें।

घरेलू उपाय (Home Remedies):

यह आनुवंशिक समस्या है, इसलिए घरेलू उपायों से इसका इलाज नहीं होता, लेकिन आप ये काम कर सकते हैं:

  1. विटामिन C और फॉलिक एसिड से भरपूर आहार लें।
  2. हल्दी वाला दूध सूजन कम करने में मदद कर सकता है।
  3. पर्याप्त पानी पिएं ताकि टॉक्सिन्स बाहर निकलें।

सावधानियाँ (Precautions):

  1. कभी भी डॉक्टर से बिना पूछे दवा ना लें।
  2. बच्चों को fava beans (बकला) या अन्य प्रतिबंधित खाद्य पदार्थ न दें।
  3. बुखार या कमजोरी होने पर तुरंत जाँच कराएं।
  4. नियमित रूप से टेस्ट कराते रहें यदि स्थिति पहले से ज्ञात हो।

FAQs:

प्रश्न 1: क्या G6PD Deficiency गंभीर है?
उत्तर: हाँ, अगर सही देखभाल न की जाए तो यह गंभीर हेमोलाइटिक एनीमिया का कारण बन सकता है।

प्रश्न 2: क्या यह स्थायी बीमारी है?
उत्तर: हाँ, यह एक आनुवंशिक स्थिति है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

प्रश्न 3: क्या G6PD की कमी वाले व्यक्ति को कोई विशेष आहार नहीं लेना चाहिए?
उत्तर: हाँ, खासकर fava beans (बकला) और कुछ दवाएं जैसे सल्फा ड्रग्स से बचना चाहिए।

प्रश्न 4: क्या यह महिलाओं को भी होता है?
उत्तर: बहुत कम मामलों में, लेकिन हाँ, महिलाएं वाहक (carrier) हो सकती हैं और लक्षण भी हो सकते हैं।

G6PD Deficiency Test कैसे पहचाने (How to Identify):

यदि किसी बच्चे या व्यक्ति को मामूली संक्रमण या दवा लेने के बाद:

  • तेज़ कमजोरी
  • पीलापन
  • गाढ़ा पेशाब
    होने लगे तो G6PD टेस्ट की सलाह दी जा सकती है।

निष्कर्ष (Conclusion):

G6PD की कमी एक गंभीर लेकिन प्रबंधनीय स्थिति है। समय रहते टेस्ट, सही जानकारी, सावधानी और ट्रिगर से बचाव से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आपके परिवार में यह समस्या पहले से मौजूद है, तो नवजात शिशु की जल्द से जल्द जांच कराना जरूरी है।


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