Gastroscopy क्या है? कारण, लक्षण, प्रक्रिया, इलाज और सावधानियाँ

गैस्ट्रोस्कोपी (Gastroscopy) एक एंडोस्कोपिक प्रक्रिया है जिसमें एक पतली, लचीली ट्यूब जिसके सिरे पर कैमरा और लाइट लगी होती है (जिसे गैस्ट्रोस्कोप कहते हैं), मुंह के रास्ते से भोजननली (Esophagus), पेट (Stomach), और छोटी आंत के पहले भाग (Duodenum) तक पहुँचाई जाती है। इसका उपयोग पेट संबंधी बीमारियों की जाँच और निदान के लिए किया जाता है।

गैस्ट्रोस्कोपी क्या होता है ? (What is Gastroscopy):

गैस्ट्रोस्कोपी एक डायग्नोस्टिक और कभी-कभी थेरेप्यूटिक प्रक्रिया होती है जिसमें डॉक्टर गैस्ट्रोस्कोप की मदद से गले से लेकर डुओडेनम तक की आंतरिक सतह को स्क्रीन पर देख सकते हैं। यह प्रक्रिया सूजन, अल्सर, ट्यूमर, ब्लीडिंग, और संक्रमण जैसे कारणों की पुष्टि करने के लिए की जाती है।

गैस्ट्रोस्कोपी करवाने के कारण (Reasons for Gastroscopy):

  1. लंबे समय से पेट दर्द (Chronic Abdominal Pain)
  2. बार-बार एसिडिटी या सीने में जलन (Chronic Acidity or Heartburn)
  3. उल्टी में खून आना (Vomiting Blood)
  4. बिना कारण वजन कम होना (Unexplained Weight Loss)
  5. निगलने में परेशानी (Difficulty in Swallowing)
  6. मल में खून आना (Blood in Stool)
  7. गैस्ट्रिक अल्सर या कैंसर की आशंका (Suspected Ulcer or Cancer)

गैस्ट्रोस्कोपी के लक्षण (Symptoms Indicating Need for Gastroscopy):

  1. पेट के ऊपरी हिस्से में लगातार दर्द
  2. बार-बार खट्टी डकारें आना
  3. खाने के बाद जी मिचलाना या उल्टी
  4. निगलने में कठिनाई
  5. भूख न लगना
  6. बिना कारण कमजोरी
  7. खून की कमी (Anemia)

गैस्ट्रोस्कोपी की प्रक्रिया (Procedure of Gastroscopy):

  1. रोगी को 6–8 घंटे उपवास में रखा जाता है।
  2. गले को सुन्न करने के लिए स्प्रे दिया जाता है और ज़रूरत हो तो हल्का बेहोशी का इंजेक्शन भी।
  3. गैस्ट्रोस्कोप को मुंह के जरिए गले से होते हुए पेट और डुओडेनम तक पहुँचाया जाता है।
  4. स्क्रीन पर आंतरिक सतह की जाँच की जाती है।
  5. ज़रूरत होने पर बायोप्सी (Tissue Sample) भी ली जाती है।

समय: 10 से 20 मिनट
प्रक्रिया के बाद: रोगी को 1-2 घंटे निगरानी में रखा जाता है।

गैस्ट्रोस्कोपी से कैसे रोके या बचाव करें (Prevention Tips):

गैस्ट्रोस्कोपी खुद कोई बीमारी नहीं बल्कि निदान की प्रक्रिया है, परन्तु जिन बीमारियों की पहचान इसके ज़रिए की जाती है, उनसे बचाव के उपाय निम्नलिखित हैं:

  • मसालेदार और तैलीय भोजन से परहेज
  • समय पर खाना खाना
  • शराब और धूम्रपान से बचाव
  • तनाव को कम करना
  • हाइड्रेशन बनाए रखना
  • नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराना

गैस्ट्रोस्कोपी के बाद के घरेलू उपाय (Home Remedies Post Procedure):

  1. कुछ घंटों तक ठोस भोजन से परहेज करें
  2. गुनगुना पानी पिएं
  3. हल्का, सुपाच्य भोजन लें
  4. चाय या कॉफी से परहेज करें
  5. गले में खराश हो तो गरारा करें या डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा लें

सावधानियाँ (Precautions):

  • गैस्ट्रोस्कोपी से पहले डॉक्टर को अपनी एलर्जी, दवाएं, और स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में बताएं
  • प्रक्रिया के बाद कुछ घंटों तक वाहन न चलाएं (यदि सेडेटिव लिया गया हो)
  • यदि प्रक्रिया के बाद अत्यधिक दर्द, बुखार, उल्टी में खून या साँस लेने में दिक्कत हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

कैसे पहचाने कि गैस्ट्रोस्कोपी की ज़रूरत है? (How to Recognize if Gastroscopy is Needed):

  • यदि पेट की समस्याएं दवाओं से ठीक नहीं हो रही हों
  • बार-बार उल्टी या खून आ रहा हो
  • लंबे समय से पेट फूलना या गैस की समस्या हो
  • डॉक्टर किसी बीमारी की पुष्टि के लिए इस प्रक्रिया की सलाह दें

संभावित जोखिम (Risks of Gastroscopy):

  • गले में हल्की खराश
  • उल्टी का एहसास
  • गैस्ट्रोस्कोप से हल्की चोट
  • दुर्लभ मामलों में संक्रमण या रक्तस्राव
    (सही तकनीक और अनुभवी डॉक्टर से प्रक्रिया करवा कर इन जोखिमों को कम किया जा सकता है)

इलाज (Treatment After Diagnosis):

गैस्ट्रोस्कोपी के जरिए मिलने वाले निष्कर्षों के अनुसार उपचार तय किया जाता है, जैसे:

  • एंटीबायोटिक या एसिड कम करने वाली दवाएं
  • एच. पायलोरी संक्रमण का इलाज
  • अल्सर के लिए दवाएं या एंडोस्कोपिक सर्जरी
  • कैंसर के लिए बायोप्सी रिपोर्ट के अनुसार विशेष उपचार

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):

प्रश्न 1: क्या गैस्ट्रोस्कोपी दर्दनाक होती है?
उत्तर: नहीं, प्रक्रिया के दौरान गले को सुन्न कर दिया जाता है जिससे दर्द महसूस नहीं होता।

प्रश्न 2: क्या गैस्ट्रोस्कोपी सुरक्षित है?
उत्तर: हाँ, यह एक सुरक्षित और सामान्य प्रक्रिया है।

प्रश्न 3: क्या गैस्ट्रोस्कोपी के लिए अस्पताल में भर्ती होना जरूरी है?
उत्तर: नहीं, यह एक आउटपेशेंट (OPD) प्रक्रिया है, मरीज उसी दिन घर जा सकता है।

प्रश्न 4: क्या गैस्ट्रोस्कोपी में बायोप्सी लेना जरूरी है?
उत्तर: यदि कोई असामान्यता पाई जाती है तो डॉक्टर बायोप्सी ले सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):

गैस्ट्रोस्कोपी (Gastroscopy) पेट, भोजननली और छोटी आंत के ऊपरी भाग की समस्याओं की जांच का एक आधुनिक और प्रभावी तरीका है। यह प्रक्रिया कई गंभीर बीमारियों का समय रहते निदान करने में मदद करती है। किसी भी प्रकार की लक्षणों की उपेक्षा न करें और समय पर डॉक्टर से परामर्श लेकर उचित जांच और उपचार कराएं।



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