Image-Guided Biopsy (CT/Ultrasound Guided Biopsy) क्या है? प्रक्रिया, कारण, फायदे, जोखिम और पूरी जानकारी

Image-Guided Biopsy यानी इमेज-गाइडेड बायोप्सी एक आधुनिक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें शरीर के अंदर मौजूद संदिग्ध ऊतक (tissue) या गांठ से सैंपल निकालने के लिए CT Scan या Ultrasound की मदद ली जाती है। इसका उद्देश्य कैंसर, इंफेक्शन या किसी अन्य रोग की पुष्टि करना होता है।

इमेज-गाइडेड बायोप्सी क्या है ? (What is Image-Guided Biopsy?)

यह एक न्यूनतम इनवेसिव (minimally invasive) प्रक्रिया है जिसमें डॉक्टर स्कैनिंग तकनीक (CT या अल्ट्रासाउंड) का उपयोग करके सटीक स्थान से सैंपल लेते हैं। यह बायोप्सी विशेष रूप से उन अंगों के लिए होती है जो शरीर के अंदर गहराई में स्थित होते हैं जैसे कि लिवर, फेफड़े, किडनी, थायरॉइड आदि।

इमेज-गाइडेड बायोप्सी कारण (Causes/Indications for Image-Guided Biopsy):

इसे तब किया जाता है जब किसी टेस्ट, एक्स-रे, CT स्कैन या अल्ट्रासाउंड में कोई गांठ, घाव या असामान्यता दिखती है, जैसे:

  1. कैंसर (Cancer) की पुष्टि
  2. अनजान ट्यूमर का मूल्यांकन
  3. इन्फेक्शन या सूजन की जांच
  4. फेफड़ों, लिवर, किडनी या हड्डी में गाठों की जांच
  5. थायरॉइड या लिम्फ नोड्स में असामान्यता

लक्षण जिनके आधार पर यह टेस्ट कराया जाता है (Symptoms of Conditions Leading to Biopsy):

  1. अस्पष्ट गांठ या सूजन
  2. लगातार खांसी, बुखार या वजन घटाना
  3. किसी अंग में दर्द या फंक्शन में गड़बड़ी
  4. ब्लड टेस्ट में असामान्यता
  5. इमेजिंग रिपोर्ट में संदिग्ध धब्बे

प्रक्रिया (Procedure):

  1. रोगी को CT Scan या Ultrasound मशीन पर लिटाया जाता है।
  2. प्रभावित क्षेत्र को स्कैन कर उसका सटीक स्थान तय किया जाता है।
  3. स्थान को स्टरलाइज़ कर लोकल एनेस्थीसिया दिया जाता है।
  4. एक पतली सुई की मदद से गांठ या ऊतक से सैंपल लिया जाता है।
  5. सैंपल को लैब में जांच के लिए भेजा जाता है।

इमेज-गाइडेड बायोप्सी कैसे पहचाने (Diagnosis Indication):

अगर इमेजिंग रिपोर्ट में कोई संदिग्ध क्षेत्र दिखाई दे और डॉक्टर को संदेह हो कि यह कैंसर, इन्फेक्शन या कोई अन्य गंभीर रोग हो सकता है, तो इमेज-गाइडेड बायोप्सी से इसकी पुष्टि की जाती है।

इमेज-गाइडेड बायोप्सी इलाज (Treatment Based on Biopsy Report):

बायोप्सी रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर निर्णय लेते हैं कि मरीज को:

  • सर्जरी की आवश्यकता है या नहीं
  • कीमोथैरेपी/रेडियोथैरेपी दी जाए
  • एंटीबायोटिक या अन्य दवाओं से इलाज किया जाए
  • ट्यूमर बिनाइन (non-cancerous) है या मॉलिग्नेंट (cancerous)

इमेज-गाइडेड बायोप्सी कैसे रोके (Prevention):

हालांकि इमेज-गाइडेड बायोप्सी एक निदान प्रक्रिया है, न कि रोग, लेकिन जिन बीमारियों के लिए यह की जाती है, उन्हें रोकने के लिए:

  1. हेल्दी डाइट और जीवनशैली
  2. नियमित हेल्थ चेकअप
  3. धूम्रपान और शराब से परहेज
  4. संक्रमणों से बचाव

घरेलू उपाय (Home Remedies):

बायोप्सी प्रक्रिया के बाद दर्द या सूजन को कम करने के लिए:

  1. बर्फ की थैली से प्रभावित स्थान पर सेक
  2. पर्याप्त आराम
  3. हल्का भोजन
  4. डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं समय पर लेना

सावधानियाँ (Precautions):

  1. प्रक्रिया से पहले खाली पेट रहें (यदि डॉक्टर कहें)
  2. रक्त पतला करने वाली दवाएं बंद करें (जैसे Aspirin – डॉक्टर की सलाह पर)
  3. संक्रमण से बचाव के लिए स्थान को साफ और सूखा रखें
  4. यदि बुखार, अत्यधिक खून बहना या तेज दर्द हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):

Q1. क्या इमेज-गाइडेड बायोप्सी दर्दनाक होती है?
A: नहीं, इसे लोकल एनेस्थीसिया के साथ किया जाता है, जिससे बहुत हल्का दर्द महसूस होता है।

Q2. यह प्रक्रिया कितनी देर में होती है?
A: आमतौर पर 30 मिनट से 1 घंटे के बीच में प्रक्रिया पूरी हो जाती है।

Q3. क्या इसके बाद हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ता है?
A: अधिकतर मामलों में नहीं, यह ओपीडी प्रक्रिया है।

Q4. क्या इससे कैंसर फैल सकता है?
A: नहीं, यह एक मिथक है। बायोप्सी से कैंसर नहीं फैलता।

निष्कर्ष (Conclusion):

Image-Guided Biopsy (CT/Ultrasound Guided Biopsy) एक सुरक्षित और सटीक तरीका है जिससे शरीर के अंदर की किसी भी संदिग्ध बीमारी की पुष्टि की जा सकती है। इसका उपयोग खासकर तब किया जाता है जब रोग की स्थिति स्पष्ट न हो। यदि डॉक्टर इस जांच की सलाह दें, तो घबराएं नहीं – यह आपकी बीमारी को जल्दी पहचानकर सही इलाज की दिशा में पहला कदम होता है।


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