Kidney Function Tests क्या है? कारण, लक्षण, प्रक्रिया, इलाज, सावधानियाँ, घरेलू उपाय और निष्कर्ष

Kidney Function Tests (KFT) को हिंदी में गुर्दा कार्य परीक्षण कहा जाता है। यह एक महत्वपूर्ण रक्त और मूत्र जांचों का समूह है जो यह पता लगाने में मदद करता है कि आपकी गुर्दे (Kidneys) कितनी अच्छी तरह से काम कर रहे हैं। किडनी हमारे शरीर से विषैले तत्वों और अतिरिक्त पानी को निकालने का काम करती है। जब किडनी ठीक से कार्य नहीं करती, तो शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा होने लगते हैं जो गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं।

Kidney Function Test क्या होता है ? (What is Kidney Function Test?)

Kidney Function Test एक समूह होता है जिसमें रक्त और मूत्र की कई जांचें शामिल होती हैं जो किडनी के स्वास्थ्य और कार्यक्षमता की जानकारी देती हैं।

मुख्य KFT टेस्ट में शामिल हैं:

  1. Serum Creatinine (सीरम क्रिएटिनिन): यह किडनी की फ़िल्टरिंग क्षमता मापता है।
  2. Blood Urea Nitrogen (BUN): यूरिया नाइट्रोजन का स्तर किडनी की स्थिति दर्शाता है।
  3. Estimated Glomerular Filtration Rate (eGFR): किडनी की फ़िल्ट्रेशन दर का अनुमान।
  4. Urine Protein (मूत्र में प्रोटीन): प्रोटीन लीक होना किडनी की खराबी का संकेत है।
  5. Uric Acid (यूरिक एसिड): इसका असंतुलन किडनी स्टोन या गाउट से जुड़ा होता है।
  6. Electrolytes (इलेक्ट्रोलाइट्स): जैसे सोडियम, पोटेशियम – जो किडनी से नियंत्रित होते हैं।

Kidney Function Test कराने के कारण (Causes of Needing KFT):

  1. हाई ब्लड प्रेशर या डायबिटीज के मरीजों में किडनी डैमेज की आशंका
  2. बार-बार पेशाब की समस्या या मूत्र मार्ग संक्रमण
  3. पैरों में सूजन, थकान और अपच जैसी शिकायतें
  4. पारिवारिक इतिहास में किडनी की बीमारी होना
  5. किडनी स्टोन, पुरानी दवाओं का सेवन, या टॉक्सिक एक्सपोजर
  6. प्रोटीन यूरिया या मूत्र में झाग दिखना
  7. रक्त में यूरिया/क्रिएटिनिन बढ़ने की आशंका

किडनी की खराबी के लक्षण (Symptoms of Kidney Dysfunction):

  1. थकान और कमजोरी (Fatigue and weakness)
  2. चेहरे, पैरों और टखनों में सूजन (Swelling)
  3. पेशाब में झाग या रंग बदलना (Foamy or discolored urine)
  4. बार-बार या कम पेशाब आना (Frequent or decreased urination)
  5. सांस फूलना (Shortness of breath)
  6. भूख की कमी और मतली (Loss of appetite and nausea)
  7. अनियंत्रित हाई बीपी (Uncontrolled high blood pressure)
  8. मांसपेशियों में ऐंठन (Muscle cramps)
  9. त्वचा पर खुजली (Itchy skin)

जांच की प्रक्रिया (Test Process – Diagnosis):

  1. रक्त सैंपल और मूत्र सैंपल लिए जाते हैं
  2. फास्टिंग की आवश्यकता नहीं होती, पर डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करता है
  3. सैंपल को प्रयोगशाला में भेजा जाता है
  4. रिपोर्ट में क्रिएटिनिन, BUN, eGFR, यूरिक एसिड और इलेक्ट्रोलाइट्स के स्तर की जानकारी मिलती है

सामान्य KFT मानक (Normal Reference Range):

जांच सामान्य सीमा (Normal Range)
Serum Creatinine पुरुष: 0.7 – 1.3 mg/dL, महिला: 0.6 – 1.1 mg/dL
BUN 7 – 20 mg/dL
eGFR > 90 mL/min (सामान्य)
Uric Acid पुरुष: 3.4 – 7.0 mg/dL, महिला: 2.4 – 6.0 mg/dL
Urine Protein Negative to Trace

Kidney Function Test इलाज (Treatment):

KFT खुद कोई बीमारी नहीं है, यह एक डायग्नोस्टिक टूल है। उपचार जांच रिपोर्ट और लक्षणों पर निर्भर करता है:

  1. डायबिटीज या हाई बीपी का नियंत्रण
  2. दवाएं जो किडनी पर असर डालती हों, उन्हें बंद करना या बदलना
  3. प्रोटीन की मात्रा सीमित करना (खानपान में)
  4. किडनी संक्रमण का इलाज (एंटीबायोटिक्स आदि)
  5. डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट (गंभीर मामलों में)

कैसे रोकें किडनी की बीमारी (Prevention of Kidney Disease):

  1. ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें
  2. पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं (2-3 लीटर रोज)
  3. प्रोटीन और नमक का सेवन संतुलित रखें
  4. धूम्रपान और शराब से दूर रहें
  5. मूल कारणों का इलाज समय पर कराएं (जैसे डायबिटीज, इंफेक्शन)
  6. नियमित रूप से KFT या अन्य संबंधित जांचें कराएं

घरेलू उपाय (Home Remedies):

  1. नीम और गिलोय का सेवन: संक्रमण को रोकने और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक
  2. नारियल पानी और जौ का पानी: किडनी को डिटॉक्स करता है
  3. करेला और धनिया का रस: मूत्र मार्ग को साफ करता है
  4. त्रिफला चूर्ण: शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में सहायक
  5. एलोवेरा जूस: लघुशंका को नियंत्रित करने और किडनी को स्वस्थ रखने में मददगार

सावधानियाँ (Precautions):

  1. कोई भी दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें
  2. मूत्र में झाग या सूजन को नजरअंदाज न करें
  3. पेनकिलर्स या स्टेरॉयड का बार-बार सेवन न करें
  4. नियमित रूप से ब्लड शुगर और बीपी की जांच कराएं
  5. यदि किडनी की पुरानी बीमारी है तो हर 3-6 महीने में KFT करवाएं

कैसे पहचानें कि Kidney Function Test की जरूरत है? (How to Identify When KFT is Required):

  1. पेशाब में परिवर्तन (झाग, रंग, गंध, मात्रा)
  2. चेहरे, पैरों में बार-बार सूजन होना
  3. थकान और सांस लेने में परेशानी
  4. हाई बीपी या डायबिटीज का इतिहास
  5. बार-बार किडनी स्टोन या इंफेक्शन
  6. किसी भी दवा के लंबे समय तक सेवन से पहले या दौरान

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):

प्र.1. KFT टेस्ट की कीमत क्या होती है?
उत्तर: ₹300 से ₹800 के बीच, प्रयोगशाला और स्थान पर निर्भर करता है।

प्र.2. क्या KFT के लिए फास्टिंग जरूरी है?
उत्तर: नहीं, लेकिन कुछ मामलों में डॉक्टर फास्टिंग की सलाह दे सकते हैं।

प्र.3. KFT टेस्ट से कौन-कौन सी बीमारियों का पता चलता है?
उत्तर: किडनी की कार्यक्षमता, फेल्योर, इंफेक्शन, स्टोन, और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन।

प्र.4. KFT कितने समय में कराना चाहिए?
उत्तर: सामान्य व्यक्ति को साल में एक बार और जोखिम वाले लोगों को हर 3-6 महीने में।

निष्कर्ष (Conclusion):

Kidney Function Tests (KFT) किडनी की सेहत का मूल्यांकन करने के लिए एक आवश्यक जांच है। समय पर यह टेस्ट कराने से आप किडनी संबंधी गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं। यदि आपके पास डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, किडनी स्टोन, या कोई भी किडनी से जुड़ा लक्षण है, तो डॉक्टर से सलाह लेकर यह टेस्ट अवश्य कराएं। सही खानपान, नियमित व्यायाम और सावधानी बरतकर आप अपनी किडनी को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं।


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