Positron Emission Tomography क्या है? जानें कारण, प्रक्रिया, फायदे और सावधानियाँ

 एक विशेष इमेजिंग तकनीक है जो शरीर के अंदर की जैविक गतिविधियों को दिखाने में सक्षम होती है। यह स्कैन कैंसर, मस्तिष्क विकार, हृदय रोग और अन्य गंभीर बीमारियों के निदान में बहुत सहायक होता है। PET स्कैन आमतौर पर CT या MRI स्कैन के साथ मिलाकर किया जाता है ताकि संरचना और कार्यात्मक जानकारी एक साथ मिल सके।

PET स्कैन क्या होता है ? (What is PET Scan in Hindi):

PET स्कैन एक न्यूक्लियर मेडिसिन टेस्ट है जिसमें शरीर में रेडियोधर्मी पदार्थ (Tracer) इंजेक्ट किया जाता है। यह ट्रेसर शरीर की कोशिकाओं द्वारा अवशोषित होता है और कैमरा उसकी गतिविधि को रिकॉर्ड करता है। इससे यह पता चलता है कि शरीर के कौन से हिस्से सामान्य से ज्यादा सक्रिय हैं।

क्यों किया जाता है PET स्कैन? (Reasons for PET Scan):

  1. कैंसर का पता लगाने, फैलाव और स्टेजिंग जानने के लिए
  2. मस्तिष्क संबंधी रोग जैसे अल्जाइमर, मिर्गी आदि के मूल्यांकन हेतु
  3. हृदय की रक्त प्रवाह और हृदय मांसपेशियों की क्रियाशीलता जांचने के लिए
  4. उपचार के बाद रोग की स्थिति जानने हेतु

PET स्कैन के लक्षणों का मूल्यांकन कब किया जाता है? (Symptoms for Which PET Scan is Done):

PET स्कैन किसी बीमारी के डायग्नोसिस या मूल्यांकन हेतु किया जाता है, ये कुछ लक्षण हैं जिनके आधार पर यह टेस्ट कराया जा सकता है:

  • अस्पष्ट वज़न घटाव (Unexplained Weight Loss)
  • लगातार बुखार या थकावट (Chronic Fever or Fatigue)
  • सिरदर्द या दौरे (Seizures or Headache)
  • स्मृति में कमी (Memory Loss)
  • छाती में दर्द या सांस लेने में कठिनाई (Chest Pain or Difficulty Breathing)

PET स्कैन की प्रक्रिया (Procedure of PET Scan):

  1. मरीज को स्कैन से कुछ घंटे पहले खाने से मना किया जाता है।
  2. रेडियोधर्मी ट्रेसर इंजेक्ट किया जाता है।
  3. ट्रेसर को शरीर में फैलने के लिए समय दिया जाता है (लगभग 30-60 मिनट)।
  4. स्कैनिंग टेबल पर लेटाया जाता है और शरीर की इमेजिंग की जाती है (20-45 मिनट)।
  5. पूरा स्कैन आमतौर पर 1.5 से 2 घंटे में पूरा हो जाता है।

PET स्कैन से पहले की तैयारी (Preparation Before PET Scan):

  • स्कैन से 6 घंटे पहले कुछ न खाएं
  • डॉक्टर को अपने सभी दवाओं और एलर्जी के बारे में बताएं
  • मधुमेह रोगियों को विशेष निर्देश मिल सकते हैं

PET स्कैन के जोखिम (Risks of PET Scan):

  • रेडियोधर्मी ट्रेसर के कारण मामूली विकिरण जोखिम
  • गर्भवती या स्तनपान कर रही महिलाओं को सावधानी बरतनी चाहिए
  • कभी-कभी इंजेक्शन साइट पर सूजन या एलर्जी

इसे कैसे रोके (How to Prevent Need of PET Scan):

PET स्कैन एक निदान प्रक्रिया है, जिसे रोकना नहीं बल्कि रोगों से बचाव ही एकमात्र उपाय है:

  • संतुलित आहार और नियमित व्यायाम
  • धूम्रपान और शराब से बचाव
  • समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराना

घरेलू उपाय (Home Remedies Related to Prevention):

  • एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार जैसे फल और सब्जियाँ
  • हल्दी और ग्रीन टी का सेवन
  • तनाव से मुक्ति हेतु ध्यान और योग

सावधानियाँ (Precautions Before and After PET Scan):

  • स्कैन के दिन भारी व्यायाम या शारीरिक श्रम न करें
  • स्कैन के बाद अधिक मात्रा में पानी पीना ताकि ट्रेसर जल्दी बाहर निकल सके
  • डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें

कैसे पहचाने कि PET स्कैन की ज़रूरत है? (How to Identify Need for PET Scan):

  • यदि डॉक्टर अन्य टेस्टों के बाद भी स्पष्ट निदान नहीं कर पा रहे
  • कैंसर या न्यूरोलॉजिकल समस्या का संदेह हो
  • पहले हुए ट्रीटमेंट के परिणाम जानने के लिए

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):

Q1. PET स्कैन में कितना समय लगता है?
A: लगभग 1.5 से 2 घंटे का समय लगता है।

Q2. क्या PET स्कैन दर्दनाक होता है?
A: नहीं, केवल ट्रेसर इंजेक्शन में हल्का चुभन महसूस हो सकती है।

Q3. क्या यह स्कैन सुरक्षित है?
A: हां, यह सुरक्षित है लेकिन गर्भवती महिलाओं को इससे बचना चाहिए।

Q4. PET स्कैन और CT स्कैन में क्या अंतर है?
A: PET स्कैन जैविक गतिविधियों को दर्शाता है, जबकि CT स्कैन शरीर की संरचना दिखाता है।

Q5. PET स्कैन की कीमत कितनी होती है?
A: यह स्कैन आमतौर पर 15,000 से 35,000 रुपये तक हो सकता है, स्थान और सुविधा के अनुसार।

निष्कर्ष (Conclusion):

PET स्कैन एक उन्नत इमेजिंग तकनीक है जो गंभीर बीमारियों के सही निदान में अत्यंत उपयोगी है। यदि डॉक्टर आपको यह टेस्ट कराने की सलाह देते हैं, तो इसे नज़रअंदाज़ न करें। सही समय पर निदान से रोग का प्रभावी उपचार संभव है।


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