Primary Congenital Glaucoma : कारण, लक्षण, इलाज और देखभाल

Primary Congenital Glaucoma (PCG) या प्राथमिक जन्मजात ग्लूकोमा एक दुर्लभ लेकिन गंभीर नेत्र रोग है, जो नवजात शिशुओं या शिशु अवस्था में देखने को मिलता है। इसमें आंख के अंदर तरल द्रव (Aqueous Humor) का प्रवाह बाधित हो जाता है, जिससे आंख के अंदर दबाव (Intraocular Pressure – IOP) बढ़ जाता है और यह आंख की ऑप्टिक नस (Optic Nerve) को क्षति पहुंचाता है।

यह रोग जन्म के समय मौजूद होता है और यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए, तो यह स्थायी अंधापन (Blindness) का कारण बन सकता है।

Primary Congenital Glaucoma यह क्या होता है? (What is Primary Congenital Glaucoma?)

Primary congenital glaucoma आंख के ट्रेबेक्युलर मेष नेटवर्क (Trabecular Meshwork) के विकास में विकृति के कारण होता है, जिससे आंख का तरल द्रव बाहर नहीं निकल पाता और आंख के अंदर का दबाव असामान्य रूप से बढ़ जाता है।

Primary Congenital Glaucoma कारण (Causes of Primary Congenital Glaucoma)

  1. आंख के तरल निकासी तंत्र का अपूर्ण विकास
  2. आनुवंशिक कारण (Genetic mutations) – जैसे CYP1B1 जीन में बदलाव
  3. पारिवारिक इतिहास – माता-पिता या भाई-बहनों में ग्लूकोमा
  4. संभवतः भ्रूणीय विकास के दौरान दोष

यह आमतौर पर जन्म से 3 साल की उम्र के अंदर दिखाई देता है।

Primary Congenital Glaucoma लक्षण (Symptoms of Primary Congenital Glaucoma)

लक्षण अक्सर शिशु के जन्म के बाद पहले कुछ महीनों में दिखाई देने लगते हैं:

  • लगातार और अत्यधिक आंसू बहना (Excessive tearing)
  • रोशनी से डरना (Photophobia)
  • आंखों की धुंधली या सफेद कॉर्निया
  • आंखों का असामान्य रूप से बड़ा आकार (Buphthalmos)
  • आंखों की पुतली के ऊपर हल्का सफेदपन
  • आँखों की लालिमा
  • बेचैनी या चिड़चिड़ापन

निदान (Diagnosis)

  1. ऑप्थाल्मोलॉजिकल जांच (Eye examination) – विशेष रूप से बच्चों के लिए
  2. Intraocular Pressure (IOP) की माप
  3. गोनियोस्कोपी (Gonioscopy) – आंख के एंगल की स्थिति देखने के लिए
  4. Corneal Diameter मापना
  5. ऑप्टिक नर्व की जांच
  6. EUA (Examination Under Anesthesia) – छोटे बच्चों में अधिकतर टेस्ट बेहोशी में किए जाते हैं

Primary Congenital Glaucoma इलाज (Treatment)

Primary congenital glaucoma का मुख्य इलाज सर्जिकल (surgical) होता है:

1. Goniotomy

  • जब आंख का एंगल पारदर्शी हो
  • ट्रेबेक्युलर मेष को काटकर तरल प्रवाह को बहाल किया जाता है

2. Trabeculotomy

  • आंख के बाहरी भाग से तरल बहाव के लिए मार्ग बनाना

3. Trabeculectomy या Combined surgery

  • जब अन्य सर्जरी विफल हो जाएं या बीमारी गंभीर हो

4. दवाएं (Medications)

  • केवल अस्थायी राहत के लिए
  • जैसे Timolol, Dorzolamide, Latanoprost
  • Surgery से पहले या बाद में

घरेलू देखभाल और सहयोग (Home Care and Support)

  • आंखों में दी गई दवाओं को समय पर डालें
  • नियमित रूप से डॉक्टर से फॉलोअप करें
  • बच्चे की आंखों की गतिविधियों पर ध्यान दें
  • चश्मे या अन्य सहायक उपकरण का उपयोग करें यदि डॉक्टर बताएं
  • आंखों को रगड़ने से रोकें
  • स्कूल/पारिवारिक देखभाल में जानकारी साझा करें

सावधानियाँ (Precautions)

  • किसी भी प्रकार की आंखों में जलन, आंसू या सफेदी को नजरअंदाज न करें
  • खुद से दवाएं बंद न करें
  • फॉलोअप अपॉइंटमेंट कभी न छोड़ें
  • डॉक्टर द्वारा बताए गए तरीके से आंख की सफाई करें
  • दूसरी आंख पर भी नजर रखें (यह रोग दोनों आंखों में हो सकता है)

रोकथाम (Prevention)

  • Primary congenital glaucoma का रोकथाम सीधे तौर पर संभव नहीं है, लेकिन:
  1. यदि परिवार में इतिहास है, तो गर्भावस्था के दौरान जेनेटिक काउंसलिंग कराएं
  2. नवजात शिशु की आंखों की नियमित जांच कराएं
  3. संभावित लक्षण दिखें तो शीघ्र नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लें

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: क्या Primary congenital glaucoma का इलाज संभव है?

उत्तर: हां, सर्जरी द्वारा इलाज संभव है, और यदि समय पर किया जाए तो दृष्टि बचाई जा सकती है।

प्रश्न 2: क्या यह रोग दोबारा हो सकता है?

उत्तर: हां, कुछ मामलों में दोबारा इलाज की आवश्यकता पड़ सकती है।

प्रश्न 3: क्या दोनों आंखें प्रभावित होती हैं?

उत्तर: हां, लगभग 70% मामलों में दोनों आंखें प्रभावित होती हैं।

प्रश्न 4: इलाज के बाद क्या बच्चा सामान्य दृष्टि पा सकता है?

उत्तर: यदि इलाज जल्दी हो जाए, तो दृष्टि में सुधार की संभावना रहती है, लेकिन दृष्टि पूरी तरह सामान्य नहीं भी हो सकती।

निष्कर्ष (Conclusion)

Primary Congenital Glaucoma एक गंभीर नेत्र विकार है जो शिशु की आंखों की रोशनी पर असर डाल सकता है। लेकिन समय पर सही निदान और सर्जिकल हस्तक्षेप के जरिए इसे नियंत्रित किया जा सकता है और बच्चे को बेहतर दृष्टि प्रदान की जा सकती है। माता-पिता को सतर्क रहना चाहिए और शिशु की आंखों से जुड़ी किसी भी असामान्यता को तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।


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