Khushveer Choudhary

Targeted Anomaly Scan (टारगेटेड एनोमली स्कैन) क्या है? पूरी जानकारी

Targeted Anomaly Scan जिसे Level 2 Ultrasound या Detailed Ultrasound भी कहा जाता है, गर्भावस्था के दौरान किया जाने वाला एक विशेष अल्ट्रासाउंड परीक्षण है। यह स्कैन गर्भ में पल रहे शिशु के शरीर के संरचनात्मक विकास की विस्तृत जानकारी देता है और किसी भी संभावित जन्म दोष (Congenital Anomalies) की जांच करता है। यह आमतौर पर गर्भावस्था के 18वें से 22वें सप्ताह के बीच किया जाता है।









Targeted Anomaly Scan क्या होता है ? (What is Targeted Anomaly Scan?):

Targeted Anomaly Scan एक उच्च-स्तरीय अल्ट्रासाउंड होता है जो शिशु के अंगों जैसे मस्तिष्क (Brain), हृदय (Heart), फेफड़े (Lungs), रीढ़ (Spine), किडनी (Kidneys), पेट (Abdomen), चेहरे (Face), और हाथ-पैरों (Limbs) की संरचना की जाँच करता है। यह स्कैन यह पता लगाने में मदद करता है कि भ्रूण सामान्य रूप से विकसित हो रहा है या नहीं।

Targeted Anomaly Scan कारण (Causes to Undergo This Scan):

Targeted Anomaly Scan करने के पीछे निम्नलिखित कारण हो सकते हैं:

  1. माँ की उम्र 35 वर्ष से अधिक होना
  2. पिछली गर्भावस्था में जन्म दोष का इतिहास
  3. परिवार में आनुवंशिक विकार (Genetic Disorders)
  4. माँ को डायबिटीज़, हाई ब्लड प्रेशर या थायरॉइड की समस्या होना
  5. गर्भावस्था के पहले तिमाही में असामान्य टेस्ट परिणाम
  6. जुड़वा या अधिक भ्रूण होना (Multiple Pregnancy)

Targeted Anomaly Scan के लक्षण (Symptoms when this test may be advised):

हालांकि यह एक नियमित जांच है, लेकिन कुछ स्थितियों में यह अनिवार्य हो जाती है:

  • गर्भाशय के आकार में असमानता
  • असामान्य रक्त परीक्षण परिणाम
  • पूर्व में भ्रूण में असामान्यता पाई गई हो
  • पहले की स्कैन में अस्पष्ट या संदेहास्पद परिणाम आए हों

परीक्षण की प्रक्रिया (Procedure of the Scan):

  1. गर्भवती महिला को पीठ के बल लेटाया जाता है
  2. पेट पर जेल लगाकर प्रोब से अल्ट्रासाउंड किया जाता है
  3. स्कैन लगभग 30 से 45 मिनट का होता है
  4. यदि भ्रूण की स्थिति स्पष्ट न हो, तो दुबारा स्कैन करने के लिए कहा जा सकता है

Targeted Anomaly Scan इसे कैसे रोका जा सकता है (How to Prevent Anomalies):

हालांकि सभी जन्म दोषों को रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुछ सावधानियों से जोखिम को कम किया जा सकता है:

  1. प्रेगनेंसी से पहले फोलिक एसिड (Folic Acid) लेना
  2. धूम्रपान, शराब और ड्रग्स से बचना
  3. नियमित प्रसवपूर्व जांच
  4. स्वस्थ और संतुलित आहार
  5. मधुमेह और अन्य बीमारियों का नियंत्रण

घरेलू उपाय (Home Remedies for Healthy Pregnancy):

  1. भरपूर पानी पीना
  2. आयरन और कैल्शियम युक्त आहार लेना
  3. हल्की योग और वॉक
  4. ताजे फल और हरी सब्जियाँ खाना
  5. अधिक आराम और तनावमुक्त रहना

सावधानियाँ (Precautions):

  1. किसी भी दवा का सेवन डॉक्टर की सलाह से करें
  2. किसी भी असामान्य लक्षण पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें
  3. स्कैन समय पर करवाएं
  4. घर पर खुद से स्कैन करने वाले उपकरणों से बचें

कैसे पहचाने कि स्कैन ज़रूरी है? (How to Identify If Scan is Required):

  • डॉक्टर द्वारा बताए गए गर्भावस्था सप्ताह में स्कैन करवाना
  • यदि पिछली रिपोर्ट या अल्ट्रासाउंड में संदेह हो
  • यदि परिवार में किसी बीमारी का इतिहास हो

Targeted Anomaly Scan इलाज (If Anomaly Detected – What Next?):

यदि स्कैन में किसी प्रकार की असामान्यता मिलती है तो:

  1. अतिरिक्त स्कैन और परीक्षण जैसे Fetal Echocardiography, Amniocentesis आदि किए जा सकते हैं
  2. एक मेडिकल विशेषज्ञों की टीम से परामर्श लिया जाता है
  3. कुछ मामलों में गर्भपात पर भी विचार किया जा सकता है (जैविक और नैतिक नियमों के अनुसार)
  4. जन्म के बाद इलाज की योजना बनाई जाती है

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):

प्र. Targeted Anomaly Scan कब करवाना चाहिए?
उ. यह गर्भावस्था के 18वें से 22वें सप्ताह के बीच करवाना चाहिए।

प्र. क्या यह स्कैन सुरक्षित है?
उ. हाँ, यह एक नॉन-इनवेसिव और सुरक्षित स्कैन होता है।

प्र. क्या इस स्कैन से सभी समस्याएं पता चल जाती हैं?
उ. नहीं, यह अधिकांश संरचनात्मक दोषों का पता लगा सकता है लेकिन 100% गारंटी नहीं देता।

प्र. क्या यह स्कैन गर्भपात का कारण बन सकता है?
उ. नहीं, यह एक सामान्य अल्ट्रासाउंड है और बिल्कुल सुरक्षित है।

प्र. क्या पुरुष भ्रूण की पहचान की जाती है?
उ. भारत में लिंग निर्धारण गैरकानूनी है। यह स्कैन शिशु के स्वास्थ्य की जाँच के लिए किया जाता है।

निष्कर्ष (Conclusion):

Targeted Anomaly Scan गर्भावस्था में शिशु के संपूर्ण विकास की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है। यह न केवल संभावित जन्म दोषों का समय रहते पता लगाने में मदद करता है, बल्कि माँ और शिशु दोनों के लिए सुरक्षित प्रसव की दिशा में मार्गदर्शन करता है। इसलिए यह स्कैन समय पर और विशेषज्ञ डॉक्टर से करवाना आवश्यक होता है।


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