Age-Related Hearing Loss जिसे मेडिकल भाषा में Presbycusis (प्रेस्बायकुसिस) कहा जाता है, एक सामान्य स्थिति है जो उम्र बढ़ने के साथ सुनने की क्षमता में धीरे-धीरे कमी के रूप में देखी जाती है। यह स्थिति अक्सर 60 वर्ष की उम्र के बाद होती है और दोनों कानों को समान रूप से प्रभावित करती है।
Age-Related Hearing Loss क्या होता है (What is Age-Related Hearing Loss):
यह एक धीरे-धीरे होने वाली और स्थायी सुनने की हानि (permanent hearing loss) है जो उम्र बढ़ने के कारण कान के भीतरी हिस्से (inner ear), श्रवण तंत्रिका (auditory nerve) या मस्तिष्क की प्रोसेसिंग में बदलाव के कारण होती है। यह किसी रोग नहीं बल्कि एक उम्र संबंधित शारीरिक परिवर्तन है।
Age-Related Hearing Loss कारण (Causes of Age-Related Hearing Loss):
- कान की भीतरी कोशिकाओं का क्षय (Degeneration of inner ear hair cells)
- लंबे समय तक तेज आवाज़ के संपर्क में रहना (Long-term noise exposure)
- आनुवंशिक कारण (Genetics)
- रक्त प्रवाह में कमी (Reduced blood circulation to the ear)
- मधुमेह (Diabetes)
- धूम्रपान और शराब का सेवन (Smoking and alcohol consumption)
- दवाओं का दुष्प्रभाव (Side effects of ototoxic drugs)
- उच्च रक्तचाप (High blood pressure)
Age-Related Hearing Loss के लक्षण (Symptoms of Age-Related Hearing Loss):
- धीरे-धीरे सुनाई देना कम हो जाना
- बातचीत को समझने में कठिनाई, खासकर जब बैकग्राउंड में शोर हो
- लोगों को बार-बार दोहराने के लिए कहना
- टेलीफोन पर बात करते समय आवाज़ समझना कठिन लगना
- पुरुषों की तुलना में महिलाओं की आवाज़ सुनना कठिन होना
- टेलीविज़न या रेडियो की आवाज़ बहुत ज़्यादा कर देना
- कानों में हल्की सी आवाज़ या भनभनाहट (Tinnitus)
निदान (Diagnosis):
- ऑडियोमेट्री परीक्षण (Audiometry Test)
- ओटोस्कोपी (Otoscopy)
- श्रवण परीक्षण (Hearing Test by ENT specialist)
- ओटोएकॉस्टिक इमीशन्स (Otoacoustic Emissions - OAEs)
Age-Related Hearing Loss इलाज (Treatment of Age-Related Hearing Loss):
Age-related hearing loss का स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसके प्रबंधन के लिए विकल्प मौजूद हैं:
- हियरिंग एड (Hearing Aids)
- कोक्लियर इम्प्लांट (Cochlear Implants) - गंभीर मामलों में
- सुनने की ट्रेनिंग (Auditory training)
- लिप-रीडिंग और सांकेतिक भाषा (Lip reading or sign language)
- फोन/टीवी सुनने के लिए विशेष उपकरण
Age-Related Hearing Loss कैसे रोके (Prevention of Age-Related Hearing Loss):
- तेज आवाज़ से कानों की सुरक्षा करें (Use ear protection in loud environments)
- नियमित रूप से श्रवण परीक्षण कराएं
- धूम्रपान और शराब से बचें
- उच्च रक्तचाप और मधुमेह को नियंत्रित रखें
- कानों की सफाई सावधानी से करें
- ओटोटॉक्सिक दवाओं से परहेज करें या डॉक्टर से परामर्श लें
घरेलू उपाय (Home Remedies):
- लहसुन का सेवन – रक्त संचार में सुधार करता है
- अदरक की चाय – सूजन को कम करने में मददगार
- बादाम और अखरोट – विटामिन E और ओमेगा-3 से भरपूर
- आंवला – एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर, श्रवण कोशिकाओं की रक्षा करता है
- तुलसी का रस – कानों में ड्रॉप के रूप में नहीं, बल्कि इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए सेवन करें
सावधानियाँ (Precautions):
- कान में कभी भी तेज वस्तु न डालें
- कान की खुजली या दर्द को नजरअंदाज न करें
- नियमित श्रवण जांच कराएं
- हेडफोन का उपयोग सीमित करें
- कम आवाज़ में टीवी/फोन का प्रयोग करें
कैसे पहचाने (How to Identify):
अगर आपको बार-बार दूसरों की बातों को दोहराने की ज़रूरत महसूस होती है, बैकग्राउंड नॉइज़ में बात समझ नहीं आती, या कानों में हमेशा सीटी जैसी आवाज़ रहती है – तो यह Age-Related Hearing Loss के संकेत हो सकते हैं।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
प्र.1: क्या यह स्थिति पूरी तरह से ठीक हो सकती है?
उत्तर: नहीं, लेकिन हियरिंग एड और अन्य तकनीकों से प्रबंधन संभव है।
प्र.2: हियरिंग एड की कीमत क्या होती है?
उत्तर: यह मॉडल और ब्रांड पर निर्भर करता है; सामान्यतः ₹5,000 से ₹2,00,000 तक हो सकते हैं।
प्र.3: क्या यह सभी बुजुर्गों में होता है?
उत्तर: नहीं, लेकिन 60 वर्ष से ऊपर के 30-40% लोगों में यह देखा जाता है।
प्र.4: क्या कान की सफाई का तरीका इस पर असर डालता है?
उत्तर: हां, गलत तरीके से सफाई करने से संक्रमण और हानि हो सकती है।
निष्कर्ष (Conclusion):
Age-Related Hearing Loss एक आम लेकिन प्रभावशाली उम्रजनित समस्या है जिसे समय रहते पहचाना और प्रबंधित किया जा सकता है। सही देखभाल, नियमित जांच और आधुनिक तकनीकों के उपयोग से जीवन की गुणवत्ता में सुधार संभव है।