Alternating Hemiplegia of Childhood : कारण, लक्षण, इलाज और रोकथाम

Alternating Hemiplegia of Childhood (AHC) एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल (तंत्रिका संबंधी) विकार है, जो आमतौर पर 18 महीने से पहले बच्चों में शुरू होता है। इसमें शरीर के एक या दोनों तरफ़ कमजोरी (hemiplegia) के दौरे आते हैं, जो समय के साथ बदल सकते हैं। यह बीमारी शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित कर सकती है।

Alternating Hemiplegia of Childhood क्या होता है (What is Alternating Hemiplegia of Childhood)?

Alternating Hemiplegia of Childhood (AHC) में बच्चों को अस्थायी अर्धांगघात (partial paralysis), अनैच्छिक गति (involuntary movements), आँखों की हरकतों में गड़बड़ी और दौरे (seizures) का अनुभव होता है। यह स्थिति ATP1A3 जीन में उत्परिवर्तन (mutation) के कारण होती है।

Alternating Hemiplegia of Childhood कारण (Causes of Alternating Hemiplegia of Childhood):

  1. जीन उत्परिवर्तन (Genetic Mutation) – विशेष रूप से ATP1A3 gene में mutation पाया गया है।
  2. परिवार में आनुवंशिक इतिहास – हालांकि यह विरासत में बहुत कम पाया जाता है।
  3. Central nervous system (CNS) dysfunction – मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र में असामान्यता।

Alternating Hemiplegia of Childhood के लक्षण (Symptoms of Alternating Hemiplegia of Childhood):

  1. बार-बार होने वाला अर्धांगघात (Hemiplegia) – शरीर के एक या दोनों हिस्सों में कमजोरी।
  2. आँखों की असामान्य हरकतें (Abnormal eye movements) – जैसे नज़र का अचानक झुकना।
  3. असामान्य गतियाँ (Dystonia) – जैसे हाथ-पैर का ऐंठना या मुड़ना।
  4. दौरे (Seizures) – झटके आना या बेहोशी।
  5. बोलने और समझने में कठिनाई (Speech delay or difficulty).
  6. मानसिक विकास में विलंब (Developmental delay).
  7. लक्षण नींद के दौरान ठीक हो सकते हैं, लेकिन जागने पर वापस आ सकते हैं।

निदान (Diagnosis of Alternating Hemiplegia of Childhood):

  1. न्यूरोलॉजिकल परीक्षण (Neurological evaluation)
  2. MRI और EEG स्कैन – मस्तिष्क की संरचना और इलेक्ट्रिकल गतिविधि की जाँच।
  3. Genetic Testing – ATP1A3 gene mutation की पुष्टि।

Alternating Hemiplegia of Childhood इलाज (Treatment of Alternating Hemiplegia of Childhood):

इसका कोई पूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन कुछ उपाय लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं:

  1. Flunarizine – एक दवा जो दौरे और अर्धांगघात के एपिसोड को कम कर सकती है।
  2. Antiepileptic drugs (AEDs) – दौरे को नियंत्रित करने के लिए।
  3. Physiotherapy – शरीर की गति को बेहतर बनाने के लिए।
  4. Speech therapy – बोलने की क्षमता सुधारने के लिए।
  5. Occupational therapy – दैनिक क्रियाओं को सरल बनाने हेतु।

रोकथाम (Prevention):

चूँकि यह एक आनुवंशिक रोग है, इसलिए इसे पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता, लेकिन:

  • Genetic counseling परिवार नियोजन के समय सहायक हो सकता है।
  • जल्दी पहचान और उपचार लक्षणों को नियंत्रित करने में मददगार होता है।

घरेलू उपाय (Home Remedies):

  1. बच्चे को तनाव से बचाना।
  2. पर्याप्त नींद और आराम सुनिश्चित करना।
  3. नियमित फिजियोथेरेपी और व्यायाम।
  4. संतुलित आहार देना जो तंत्रिका स्वास्थ्य को समर्थन दे।

सावधानियाँ (Precautions):

  1. दौरे आने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  2. बच्चे की गतिविधियों पर विशेष ध्यान दें।
  3. स्कूल और देखभालकर्ताओं को स्थिति की जानकारी दें।
  4. नियमित रूप से न्यूरोलॉजिस्ट की सलाह लें।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):

Q. क्या Alternating Hemiplegia उम्र के साथ ठीक हो जाती है?
A. यह उम्र के साथ बदल सकती है लेकिन पूरी तरह ठीक नहीं होती।

Q. क्या यह मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालती है?
A. हाँ, यह मानसिक और शारीरिक विकास को प्रभावित कर सकती है।

Q. क्या इसका इलाज संभव है?
A. लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन यह बीमारी पूरी तरह से ठीक नहीं होती।

कैसे पहचाने (How to Identify):

  • अगर बच्चा अचानक शरीर के किसी हिस्से को हिलाने में असमर्थ हो जाता है और नींद के बाद ठीक हो जाता है।
  • आँखों की हरकतों में गड़बड़ी, बोलने में दिक्कत और असामान्य हरकतें दिखें।

निष्कर्ष (Conclusion):

Alternating Hemiplegia of Childhood एक गंभीर लेकिन दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी है। यदि लक्षणों को जल्दी पहचान लिया जाए और समय पर इलाज शुरू किया जाए, तो बच्चे के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है। जागरूकता, देखभाल और विशेषज्ञ सलाह इसके प्रबंधन में अहम भूमिका निभाते हैं।


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