Autoimmune Hypoglycemia (ऑटोइम्यून हाइपोग्लाइसीमिया) एक दुर्लभ रोग है जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) गलती से इंसुलिन (Insulin) या उसके रिसेप्टर (Receptor) पर एंटीबॉडी (Antibodies) बना देती है। इससे शरीर में शुगर (ग्लूकोज़) का स्तर असामान्य रूप से कम हो जाता है। इसे Insulin Autoimmune Syndrome (IAS) भी कहा जाता है।
यह समस्या अधिकतर उन लोगों में देखी जाती है जिन्हें मधुमेह (Diabetes) नहीं होता, लेकिन उनके शरीर में इंसुलिन से संबंधित असामान्य प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया विकसित हो जाती है।
Autoimmune Hypoglycemia क्या होता है (What is Autoimmune Hypoglycemia)
इस स्थिति में शरीर के खून में:
- एंटी-इंसुलिन एंटीबॉडी (Anti-Insulin Antibodies) बनते हैं।
- ये इंसुलिन से बंधकर उसे लंबे समय तक खून में बनाए रखते हैं।
- अचानक इंसुलिन रिलीज होकर खून में शुगर (ग्लूकोज़) को तेजी से कम कर देता है।
- इससे बार-बार Hypoglycemia (लो ब्लड शुगर) के अटैक होते हैं।
Autoimmune Hypoglycemia कारण (Causes of Autoimmune Hypoglycemia)
ऑटोइम्यून हाइपोग्लाइसीमिया के कई कारण हो सकते हैं:
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आनुवंशिक कारण (Genetic Causes):
कुछ विशेष HLA (Human Leukocyte Antigen) जीन वाले लोगों में यह समस्या ज्यादा होती है। -
दवाओं का प्रभाव (Drug-Induced):
- कुछ दवाएँ (जैसे Methimazole, Alpha-lipoic acid) एंटीबॉडी बनाने की प्रक्रिया को ट्रिगर कर सकती हैं।
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इम्यून सिस्टम की गड़बड़ी (Immune Dysfunction):
- ऑटोइम्यून बीमारियों (जैसे Lupus, Rheumatoid Arthritis) वाले लोगों में यह अधिक देखा जाता है।
Autoimmune Hypoglycemia लक्षण (Symptoms of Autoimmune Hypoglycemia)
ऑटोइम्यून हाइपोग्लाइसीमिया के दौरान ब्लड शुगर लेवल अचानक गिरने से लक्षण दिखाई देते हैं:
- कमजोरी (Weakness)
- पसीना आना (Excessive Sweating)
- चक्कर आना (Dizziness)
- धड़कन तेज होना (Palpitations)
- कंपकंपी (Shaking or Tremors)
- भूख लगना (Intense Hunger)
- धुंधला दिखना (Blurred Vision)
- मानसिक भ्रम (Confusion)
- गंभीर मामलों में – दौरे (Seizures) या बेहोशी (Unconsciousness)
निदान (Diagnosis of Autoimmune Hypoglycemia)
इस रोग की पहचान करने के लिए निम्नलिखित जांचें की जाती हैं:
- ब्लड शुगर टेस्ट (Blood Glucose Test)
- इंसुलिन लेवल (Serum Insulin Level)
- सी-पेप्टाइड लेवल (C-Peptide Test)
- एंटी-इंसुलिन एंटीबॉडी टेस्ट (Anti-Insulin Antibody Test)
- ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट (OGTT)
Autoimmune Hypoglycemia इलाज (Treatment of Autoimmune Hypoglycemia)
इस रोग का इलाज मरीज की स्थिति और लक्षणों के आधार पर किया जाता है:
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डायट मैनेजमेंट (Diet Management):
- बार-बार छोटे-छोटे भोजन करना।
- हाई-प्रोटीन और कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स लेना।
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दवाइयाँ (Medications):
- स्टेरॉयड (Steroids) – इम्यून सिस्टम को दबाने के लिए।
- इम्यूनोसप्रेसिव ड्रग्स (Immunosuppressants)।
- कुछ मामलों में Acarbose जैसी दवाएँ।
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गंभीर मामलों में (Severe Cases):
- Intravenous Glucose (IV Glucose)।
- Plasma Exchange (कभी-कभी इस्तेमाल किया जाता है)।
Autoimmune Hypoglycemia कैसे रोके (Prevention of Autoimmune Hypoglycemia)
- अनजानी दवाएँ डॉक्टर की सलाह के बिना न लें।
- अगर परिवार में ऑटोइम्यून रोग का इतिहास है तो समय-समय पर चेकअप कराएं।
- संतुलित आहार लें।
- शुगर लेवल को मॉनिटर करें।
घरेलू उपाय (Home Remedies for Autoimmune Hypoglycemia)
- खाली पेट लंबे समय तक न रहें।
- बार-बार हल्का और पौष्टिक भोजन करें।
- मीठे फल (जैसे केला, सेब, संतरा) लें।
- कम शुगर आने पर तुरंत मीठा पेय (Fruit Juice, Glucose Water) लें।
- तनाव कम करें और नियमित व्यायाम करें।
सावधानियाँ (Precautions)
- हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण आने पर तुरंत ग्लूकोज लें।
- हमेशा अपने पास ग्लूकोज टेबलेट या मीठा पेय रखें।
- गाड़ी चलाते समय या मशीन ऑपरेट करते समय सावधानी रखें।
- डॉक्टर से नियमित परामर्श लें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. क्या Autoimmune Hypoglycemia डायबिटीज का हिस्सा है?
नहीं, यह अलग रोग है, इसमें डायबिटीज न होने पर भी शरीर इंसुलिन से जुड़ी एंटीबॉडी बना सकता है।
Q2. क्या यह रोग जीवनभर रहता है?
कुछ मामलों में यह अस्थायी होता है और दवाओं से ठीक हो सकता है।
Q3. क्या इसका इलाज संभव है?
हाँ, सही निदान और उपचार से इस पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
कैसे पहचानें (How to Identify Autoimmune Hypoglycemia)
- अगर बार-बार बिना कारण ब्लड शुगर गिर रहा हो।
- टेस्ट रिपोर्ट में इंसुलिन लेवल बहुत अधिक लेकिन ग्लूकोज लेवल कम हो।
- Anti-Insulin Antibody पॉजिटिव मिले।
निष्कर्ष (Conclusion)
Autoimmune Hypoglycemia (ऑटोइम्यून हाइपोग्लाइसीमिया) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर स्थिति है। इसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से इंसुलिन पर हमला करती है और ब्लड शुगर अचानक कम हो जाता है। सही समय पर पहचान, नियमित मॉनिटरिंग, संतुलित भोजन और उचित दवाइयों से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।