Autoimmune Lymphoproliferative Syndrome (ALPS) एक दुर्लभ (rare) अनुवांशिक (genetic) रोग है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) ठीक से कार्य नहीं करती। इस स्थिति में शरीर की लिम्फोसाइट्स (Lymphocytes – सफेद रक्त कोशिकाओं का एक प्रकार) अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, जिससे लसीका ग्रंथियों (Lymph nodes), प्लीहा (Spleen), और यकृत (Liver) का आकार बढ़ जाता है। साथ ही, यह रोग शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं पर भी हमला करता है, जिसके कारण ऑटोइम्यून (autoimmune) लक्षण दिखाई देते हैं।
Autoimmune Lymphoproliferative Syndrome क्या होता है (What is ALPS)
ALPS में FAS gene या इससे संबंधित अन्य जीन में बदलाव (mutation) हो जाता है। ये जीन शरीर की पुरानी या असामान्य कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए ज़िम्मेदार होते हैं। जब यह प्रक्रिया बाधित हो जाती है, तो असामान्य कोशिकाएं शरीर में इकट्ठी होने लगती हैं। इसका परिणाम लिम्फ नोड्स और अंगों का बढ़ना तथा रक्त से संबंधित विकार (blood disorders) हो सकता है।
Autoimmune Lymphoproliferative Syndrome कारण (Causes of Autoimmune Lymphoproliferative Syndrome)
- जीन में म्यूटेशन (Genetic Mutation) – मुख्य रूप से FAS gene और कभी-कभी FASLG, CASP10 जैसे अन्य जीन।
- वंशानुगत (Hereditary) – यह रोग माता-पिता से बच्चों में स्थानांतरित हो सकता है।
- प्रतिरक्षा तंत्र की गड़बड़ी (Immune system disorder) – शरीर की कोशिकाएं समय पर नष्ट न होना।
Autoimmune Lymphoproliferative Syndrome लक्षण (Symptoms of Autoimmune Lymphoproliferative Syndrome)
- लसीका ग्रंथियों का बार-बार और लगातार बढ़ना (Enlarged lymph nodes)
- प्लीहा और यकृत का बढ़ जाना (Splenomegaly, Hepatomegaly)
- बार-बार बुखार (Recurrent fever)
- खून की कमी (Anemia)
- प्लेटलेट्स की कमी (Low platelets – Thrombocytopenia)
- सफेद रक्त कोशिकाओं की कमी (Low white blood cells – Neutropenia)
- थकान और कमजोरी (Fatigue and weakness)
- संक्रमण (Infections) का खतरा बढ़ना
- त्वचा पर चकत्ते या दाने (Skin rashes)
Autoimmune Lymphoproliferative Syndrome कैसे पहचाने (Diagnosis of Autoimmune Lymphoproliferative Syndrome)
- रक्त जांच (Blood tests) – लिम्फोसाइट्स की असामान्य मात्रा पता करने के लिए।
- Flow cytometry test – डबल-नेगेटिव T-cells (DNT cells) की पहचान के लिए।
- Genetic testing – FAS gene mutation की पुष्टि के लिए।
- Bone marrow test – रक्त उत्पादन और कोशिका असामान्यता का पता लगाने के लिए।
- Ultrasound/CT scan – प्लीहा और यकृत का आकार देखने के लिए।
Autoimmune Lymphoproliferative Syndrome इलाज (Treatment of Autoimmune Lymphoproliferative Syndrome)
ALPS का अभी तक पूर्ण इलाज संभव नहीं है, लेकिन उपचार से लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।
- स्टेरॉयड (Steroids – Prednisone, Dexamethasone) – ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने के लिए।
- Immunosuppressive drugs – Mycophenolate mofetil, Sirolimus आदि का प्रयोग।
- Intravenous Immunoglobulin (IVIG) – संक्रमण से बचाने और प्रतिरक्षा को संतुलित करने के लिए।
- Splenectomy (प्लीहा निकालना) – गंभीर मामलों में।
- नियमित निगरानी – खून और अंगों की जांच समय-समय पर।
Autoimmune Lymphoproliferative Syndrome कैसे रोके (Prevention of Autoimmune Lymphoproliferative Syndrome)
- यह एक आनुवांशिक रोग है, इसलिए इसे पूरी तरह रोकना संभव नहीं है।
- Genetic counseling – जिन परिवारों में ALPS का इतिहास है, वहां बच्चों के जन्म से पहले जीन संबंधी जांच।
- संक्रमण से बचने के लिए स्वच्छता और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना।
घरेलू उपाय (Home Remedies for ALPS)
- संतुलित आहार (Balanced diet) – प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर।
- हाइड्रेशन (Hydration) – पर्याप्त मात्रा में पानी पीना।
- संक्रमण से बचाव – साफ-सफाई का ध्यान रखना।
- तनाव कम करना – योग और हल्के व्यायाम से।
- नियमित डॉक्टर परामर्श – घरेलू उपाय केवल सहायक हैं, इलाज का विकल्प नहीं।
सावधानियाँ (Precautions in ALPS)
- भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें (संक्रमण का खतरा)।
- डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न लें।
- चोट और खून बहने से बचें (क्योंकि प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं)।
- हर 3–6 महीने में ब्लड टेस्ट और मेडिकल चेकअप करवाएं।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. क्या Autoimmune Lymphoproliferative Syndrome पूरी तरह ठीक हो सकता है?
नहीं, इसका पूर्ण इलाज नहीं है लेकिन दवाओं और निगरानी से लक्षण नियंत्रित किए जा सकते हैं।
Q2. यह रोग किस उम्र में होता है?
अक्सर बचपन में लक्षण दिखने लगते हैं, लेकिन कभी-कभी वयस्कों में भी प्रकट हो सकता है।
Q3. क्या ALPS कैंसर का रूप ले सकता है?
कुछ मरीजों में लिम्फोमा (Lymphoma) का खतरा बढ़ जाता है।
Q4. क्या यह रोग बच्चों को माता-पिता से हो सकता है?
हाँ, यह आनुवांशिक रूप से आगे बढ़ सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Autoimmune Lymphoproliferative Syndrome (ALPS) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर आनुवांशिक रोग है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली की असामान्य कार्यप्रणाली के कारण होता है। इसके लक्षणों में लिम्फ नोड्स का बढ़ना, खून की गड़बड़ी और संक्रमण का खतरा प्रमुख हैं। हालाँकि इसका पूर्ण इलाज उपलब्ध नहीं है, लेकिन समय पर निदान, उचित दवा और जीवनशैली में सुधार से मरीज सामान्य जीवन जी सकते हैं।