FibroScan जिसे Transient Elastography भी कहा जाता है, एक विशेष प्रकार की नॉन-इनवेसिव जांच है जिसका उपयोग लीवर (Liver) की कठोरता (stiffness) को मापने के लिए किया जाता है। यह टेस्ट खासकर लिवर फाइब्रोसिस (Liver Fibrosis) और सिरोसिस (Cirrhosis) की पहचान और मॉनिटरिंग के लिए किया जाता है।
FibroScan क्या होता है (What is FibroScan)?
FibroScan एक अल्ट्रासाउंड आधारित तकनीक है, जो लीवर की लोच (elasticity) को मापता है। कठोरता ज्यादा होने का मतलब होता है कि लीवर में फाइब्रोसिस है, जो हेपेटाइटिस, फैटी लिवर या शराब के अधिक सेवन जैसी स्थितियों के कारण हो सकता है।
FibroScan इसके कारण (Causes for FibroScan Recommendation):
FibroScan की आवश्यकता इन स्थितियों में होती है:
- Chronic Hepatitis B and C (पुराना हेपेटाइटिस बी और सी)
- Alcoholic Liver Disease (शराब से संबंधित लिवर रोग)
- Non-Alcoholic Fatty Liver Disease (NAFLD)
- Cirrhosis (लिवर सिरोसिस)
- Obesity-related liver damage (मोटापे से लिवर को नुकसान)
FibroScan के लक्षण (Symptoms of Liver Conditions):
- थकावट और कमजोरी
- पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में दर्द
- भूख में कमी
- आंखों और त्वचा का पीला होना (पीलिया या Jaundice)
- पेट में सूजन (Ascites)
- पैरों में सूजन
FibroScan टेस्ट कैसे किया जाता है (How FibroScan is Done):
- रोगी को पीठ के बल लेटाया जाता है।
- डॉक्टर एक छोटा सा डिवाइस त्वचा पर रखता है (जैसे अल्ट्रासाउंड)।
- यह डिवाइस लीवर में हल्की कंपन भेजता है और उसकी प्रतिक्रिया से लिवर की कठोरता मापी जाती है।
- पूरा टेस्ट 10–15 मिनट में पूरा हो जाता है।
FibroScan इलाज (Treatment Based on Result):
FibroScan का परिणाम दिखाता है कि लिवर कितना क्षतिग्रस्त है। इसके आधार पर इलाज किया जाता है:
- Mild Fibrosis: जीवनशैली में सुधार और डाइट नियंत्रण
- Moderate to Severe Fibrosis: दवाइयां और नियमित फॉलोअप
- Cirrhosis: Advanced उपचार जैसे लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता पड़ सकती है
FibroScan कैसे रोके (Prevention of Liver Damage):
- शराब का सेवन पूरी तरह से बंद करें
- वजन नियंत्रित रखें
- फैटी और तला हुआ खाना कम करें
- वायरल हेपेटाइटिस से बचाव करें (वैक्सीनेशन लें)
- नियमित रूप से लिवर जांच कराएं यदि रिस्क फैक्टर हो
घरेलू उपाय (Home Remedies for Liver Health):
- हल्दी वाला दूध (Turmeric Milk)
- आंवला (Indian Gooseberry)
- ग्रीन टी
- नींबू पानी
- फाइबर युक्त भोजन
ध्यान दें: ये उपाय डॉक्टर की सलाह के साथ ही करें
सावधानियाँ (Precautions):
- टेस्ट से पहले भारी भोजन न करें
- नियमित रूप से लिवर की स्थिति की मॉनिटरिंग कराएं
- दवाएं या सप्लीमेंट बिना डॉक्टर की सलाह के न लें
- फैटी लिवर हो तो शारीरिक गतिविधि बढ़ाएं
FibroScan कैसे पहचाने (How to Recognize if FibroScan is Needed):
- अगर डॉक्टर ने लिवर की बीमारी का संदेह जताया है
- हेपेटाइटिस बी/सी से ग्रसित हैं
- मोटापा है और पेट में सूजन, पीलिया आदि लक्षण हैं
- नियमित जांच के दौरान लिवर एंजाइम बढ़े हुए हैं
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
प्र. क्या FibroScan दर्दनाक है?
उत्तर: नहीं, यह एक नॉन-इनवेसिव और दर्द रहित प्रक्रिया है।
प्र. क्या यह बायोप्सी की जगह ले सकता है?
उत्तर: कुछ मामलों में हां, लेकिन कुछ गंभीर मामलों में बायोप्सी जरूरी हो सकती है।
प्र. क्या खाली पेट जाना जरूरी है?
उत्तर: हां, सामान्यतः टेस्ट से 3–4 घंटे पहले भोजन नहीं करना चाहिए।
प्र. क्या यह टेस्ट सभी लिवर रोगों का पता लगा सकता है?
उत्तर: यह फाइब्रोसिस और सिरोसिस की स्थिति का माप देता है, लेकिन सभी बीमारियों के लिए अन्य जांच भी जरूरी हो सकती हैं।
निष्कर्ष (Conclusion):
FibroScan (फाइब्रोस्कैन) एक आधुनिक, सुरक्षित और प्रभावी तकनीक है जो लिवर की कठोरता का मूल्यांकन करके गंभीर बीमारियों की पहचान में मदद करती है। यदि आपके डॉक्टर इस टेस्ट की सलाह देते हैं तो इसे समय पर कराना आपके लिवर स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक हो सकता है।