Panel Reactive Antibody Test अंग प्रत्यारोपण में इसकी भूमिका, प्रक्रिया और सावधानियाँ

Panel Reactive Antibody (PRA) टेस्ट एक महत्वपूर्ण ब्लड टेस्ट है जो यह मापता है कि आपके शरीर में पहले से मौजूद कितनी एंटीबॉडीज़ अन्य मनुष्यों के HLA (Human Leukocyte Antigen) के विरुद्ध प्रतिक्रिया कर सकती हैं। यह टेस्ट अंग प्रत्यारोपण (Organ Transplantation) से पहले रिसीवर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का मूल्यांकन करने के लिए आवश्यक होता है।

Panel Reactive Antibody क्या होता है (What is Panel Reactive Antibody Test):

PRA टेस्ट यह निर्धारित करता है कि किसी व्यक्ति की इम्यून सिस्टम में कितनी मात्रा में ऐसी एंटीबॉडीज़ (Antibodies) हैं जो संभावित डोनर के ऊतकों को पहचानकर उन्हें नष्ट कर सकती हैं। यह एक प्रतिशत के रूप में दर्शाया जाता है (0% से 100%)। उच्च PRA स्तर का अर्थ है कि व्यक्ति के शरीर में अधिक एंटीबॉडी हैं, जिससे अंग अस्वीकार (Rejection) होने का खतरा बढ़ जाता है।

PRA टेस्ट क्यों किया जाता है (Causes for Testing):

  • अंग प्रत्यारोपण (Organ Transplant) से पहले रिसीवर की इम्यून प्रतिक्रिया की जांच के लिए
  • ट्रांसप्लांट रिजेक्शन के जोखिम का आकलन करने के लिए
  • ब्लड ट्रांसफ्यूजन के बाद या गर्भावस्था के बाद एंटीबॉडी विकसित होने की संभावना के मूल्यांकन के लिए
  • बोन मैरो ट्रांसप्लांट या हार्ट/किडनी ट्रांसप्लांट से पहले
  • पिछले ट्रांसप्लांट फेल हो जाने के कारण की पहचान के लिए

Panel Reactive Antibody के लक्षण (Symptoms of Conditions When PRA Test is Needed):

PRA टेस्ट स्वयं किसी बीमारी के लक्षण नहीं दिखाता, लेकिन यह कुछ विशेष परिस्थितियों में किया जाता है जहां निम्न लक्षण हो सकते हैं:

  • पुरानी किडनी फेलियर (Chronic Kidney Failure)
  • हार्ट फेलियर (Heart Failure)
  • पिछले ट्रांसप्लांट के बाद अंग अस्वीकार होना
  • बार-बार ब्लड ट्रांसफ्यूजन का इतिहास
  • गर्भावस्था के दौरान इम्यून रिएक्शन

PRA टेस्ट की प्रक्रिया (Test Procedure):

  1. ब्लड सैंपल लिया जाता है।
  2. सैंपल को विशेष लैब में भेजा जाता है जहां HLA एंटीजन और एंटीबॉडी रिएक्शन को जांचा जाता है।
  3. रिपोर्ट प्रतिशत (%) में आती है:
    1. 0-20% PRA = कम जोखिम
    1. 20-80% PRA = मध्यम जोखिम
    1. 80-100% PRA = उच्च जोखिम (Highly sensitized)

PRA टेस्ट में मिलने वाले परिणाम (Results Meaning):

  • Low PRA (0-20%): अंग ट्रांसप्लांट की सफलता की संभावना अधिक होती है।
  • Moderate PRA (20-80%): डोनर के साथ संगतता देखने की जरूरत होती है।
  • High PRA (80-100%): अधिक एंटीबॉडी मौजूद होती हैं, जिससे ट्रांसप्लांट रिजेक्शन की संभावना ज्यादा होती है।

Panel Reactive Antibody इलाज (Treatment/Management if PRA is High):

  • Desensitization Therapy: यह थेरेपी एंटीबॉडी की मात्रा को कम करने के लिए की जाती है।
  • Plasmapheresis: खून से एंटीबॉडी को हटाने की प्रक्रिया।
  • IVIG (Intravenous Immunoglobulin): इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करने के लिए दी जाती है।
  • Immunosuppressive Drugs: शरीर की इम्यून प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने के लिए उपयोगी।

Panel Reactive Antibody इसे कैसे रोके (How to Prevent PRA Elevation):

  • बिना जरूरत ब्लड ट्रांसफ्यूजन से बचें
  • पिछले ट्रांसप्लांट में ह्यूमन एरर को रोका जाए
  • गर्भावस्था के दौरान इम्यून मॉनिटरिंग
  • Immunosuppressive दवाएं समय पर लेना

घरेलू उपाय (Home Remedies):

PRA की स्थिति को घरेलू उपायों से नहीं बदला जा सकता क्योंकि यह इम्यून सिस्टम से संबंधित तकनीकी स्थिति है। लेकिन अंग प्रत्यारोपण की तैयारी में निम्न सामान्य स्वास्थ्य सुझाव सहायक हो सकते हैं:

  • संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार
  • तनाव नियंत्रण और पर्याप्त नींद
  • संक्रमण से बचाव
  • डॉक्टर की सलाह अनुसार दवा लेना

सावधानियाँ (Precautions):

  • यदि पहले से ट्रांसप्लांट हुआ है, तो नियमित इम्यून जांच कराते रहें
  • ब्लड ट्रांसफ्यूजन कराने से पहले PRA की जांच कराएं
  • रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टर से उचित सलाह लें
  • डोनर के साथ सही HLA मैचिंग सुनिश्चित करें

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):

Q1. PRA टेस्ट क्यों जरूरी है?
A1. यह टेस्ट ट्रांसप्लांट से पहले रिसीवर के इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया को जांचता है, जिससे रिजेक्शन से बचाव होता है।

Q2. क्या PRA टेस्ट में किसी प्रकार का दर्द होता है?
A2. नहीं, यह केवल ब्लड सैंपल पर आधारित टेस्ट है।

Q3. PRA बढ़ा हुआ हो तो ट्रांसप्लांट संभव है?
A3. हाँ, लेकिन इसके लिए विशेष थेरेपी और सावधानी की आवश्यकता होती है।

Q4. PRA की रिपोर्ट कितने दिन में आती है?
A4. आमतौर पर 7 से 14 दिन में रिपोर्ट मिल जाती है।

Q5. क्या PRA का स्तर समय के साथ बदल सकता है?
A5. हाँ, ब्लड ट्रांसफ्यूजन, ट्रांसप्लांट या गर्भावस्था के बाद PRA बढ़ सकता है।

कैसे पहचाने कि यह टेस्ट कब करवाना है (When to Get the Test):

  • ट्रांसप्लांट की योजना बनने पर
  • पहले ट्रांसप्लांट रिजेक्शन के इतिहास में
  • बार-बार ब्लड ट्रांसफ्यूजन होने पर
  • बोन मैरो या किडनी ट्रांसप्लांट के लिए डोनर की तलाश में

निष्कर्ष (Conclusion):

Panel Reactive Antibody टेस्ट अंग प्रत्यारोपण की सफलता सुनिश्चित करने के लिए एक अहम कदम है। यह इम्यून सिस्टम की प्रतिक्रिया को समझने और डोनर के साथ संगतता तय करने में मदद करता है। PRA का स्तर जितना अधिक होगा, ट्रांसप्लांट रिजेक्शन की संभावना उतनी ही अधिक होगी। समय पर जांच और उचित प्रबंधन से सफलता की संभावना बढ़ाई जा सकती है।


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