स्पर्म मॉर्फोलॉजी टेस्टिंग (Sperm Morphology Testing) एक प्रयोगशाला जांच (Lab Test) है जिसमें शुक्राणुओं (Sperm) के आकार (Shape), संरचना (Structure) और बनावट की जांच की जाती है।
यह पुरुषों में बांझपन (Male Infertility) का एक महत्वपूर्ण परीक्षण है और यह Strict Kruger Criteria के अनुसार किया जाता है, जो सबसे सटीक माने जाने वाले मापदंडों में से एक है।
इस टेस्ट से यह समझा जाता है कि क्या शुक्राणु अंडाणु (Egg) को निषेचित (Fertilize) करने में सक्षम हैं या नहीं।
स्पर्म मॉर्फोलॉजी टेस्टिंग क्या होता है? (What is Sperm Morphology Testing?):
यह टेस्ट यह निर्धारित करता है कि किसी पुरुष के शुक्राणुओं का आकार (हेड, मिडपीस और टेल) सामान्य है या नहीं।
Strict Kruger Morphology एक सख्त मापदंड है जिसमें केवल उन शुक्राणुओं को "सामान्य" माना जाता है जो एकदम सटीक आकार और बनावट के होते हैं।
इसके कारण (Reasons for Performing Sperm Morphology Testing):
- बांझपन की जांच (Evaluation of Infertility)
- आईवीएफ (IVF) या आईयूआई (IUI) से पहले पुरुष की फर्टिलिटी जानना
- बार-बार गर्भधारण में असफलता
- वैरिकोसील (Varicocele) या हार्मोनल असंतुलन की स्थिति
- सर्जरी या इंफेक्शन के बाद शुक्राणु की स्थिति देखना
- स्पर्म काउंट सामान्य होने पर भी गर्भधारण न हो पाना
स्पर्म मॉर्फोलॉजी टेस्टिंग के लक्षण (Symptoms of Conditions Indicating This Test):
- एक साल या अधिक समय तक नियमित प्रयास के बावजूद गर्भधारण न होना
- बार-बार गर्भपात होना (Recurrent Miscarriages)
- यौन क्रिया सामान्य होने पर भी गर्भ न ठहरना
- पुरुष में टेस्टिकुलर दर्द या सूजन
- वीर्य (Semen) की गुणवत्ता में बदलाव
- वैरिकोसील या अंडकोष की चोट का इतिहास
स्पर्म मॉर्फोलॉजी टेस्टिंग इलाज / प्रक्रिया (Procedure of Sperm Morphology Testing):
- मरीज से वीर्य सैंपल (Semen Sample) लिया जाता है – आमतौर पर हस्तमैथुन द्वारा
- सैंपल 2–7 दिन की सेक्सुअल एब्स्टिनेंस (Sexual Abstinence) के बाद लिया जाता है
- सैंपल को लैब में स्लाइड पर फैलाकर माइक्रोस्कोप से देखा जाता है
- Kruger Criteria के अनुसार प्रत्येक शुक्राणु का मूल्यांकन किया जाता है –
- हेड (Head) आकार
- मिडपीस
- टेल (Tail) लंबाई व संरचना
- नतीजा प्रतिशत में दिया जाता है – कितने प्रतिशत शुक्राणु सामान्य हैं
Normal Kruger Morphology: ≥4% सामान्य शुक्राणु (Strict Criteria)
स्पर्म मॉर्फोलॉजी टेस्टिंग कैसे पहचाने (How to Diagnose Male Infertility Before Testing):
- फर्टिलिटी हिस्ट्री लेना
- सामान्य स्पर्म एनालिसिस (Semen Analysis)
- हार्मोनल जांच (जैसे FSH, LH, Testosterone)
- स्क्रोटल अल्ट्रासाउंड
- जेनेटिक टेस्टिंग
- इरेक्टाइल या इजैक्युलेशन डिसऑर्डर की जानकारी
स्पर्म मॉर्फोलॉजी टेस्टिंग कैसे रोके (Prevention of Abnormal Sperm Morphology):
- अत्यधिक गर्मी (Hot tubs, लैपटॉप गोद में रखना) से बचें
- धूम्रपान, शराब और नशीले पदार्थों से दूरी
- तनाव को कम करें
- टाइट अंडरवियर या जाँघें दबाने वाले कपड़े न पहनें
- पौष्टिक और एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार लें
- नियमित व्यायाम करें
- मोबाइल या रेडिएशन डिवाइस से अंडकोष को दूर रखें
घरेलू उपाय (Home Remedies to Improve Sperm Morphology):
ये उपाय सपोर्टिव हैं, लेकिन टेस्ट की आवश्यकता को समाप्त नहीं करते।
- आंवला, अश्वगंधा, शतावरी, गोखरू का सेवन
- विटामिन C, E, Zinc और Selenium युक्त आहार
- बादाम, अखरोट, बीज (Pumpkin seeds, Flaxseeds)
- पालक, हरी सब्जियाँ और फल
- लहसुन और शहद
सावधानियाँ (Precautions Before and After Test):
- टेस्ट से 2–7 दिन पहले संभोग न करें
- बुखार, संक्रमण या किसी दवा का सेवन हो तो डॉक्टर को जानकारी दें
- वीर्य संग्रह करते समय पूरी स्वच्छता रखें
- सैंपल तुरंत लैब में पहुंचाएं (30–60 मिनट में)
- सैंपल को बहुत ठंडा या गर्म न होने दें
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
प्र.1: क्या स्पर्म मॉर्फोलॉजी टेस्टिंग से फर्टिलिटी का पता चलता है?
उ. हाँ, यह बताता है कि शुक्राणु स्वस्थ हैं या नहीं, जिससे गर्भधारण की संभावना का अंदाजा लगाया जा सकता है।
प्र.2: कम प्रतिशत मॉर्फोलॉजी का क्या मतलब है?
उ. यदि 4% से कम शुक्राणु सामान्य हैं, तो फर्टिलिटी प्रभावित हो सकती है, लेकिन IVF या ICSI जैसे विकल्प मदद कर सकते हैं।
प्र.3: क्या स्पर्म की संख्या ठीक हो तो भी मॉर्फोलॉजी खराब हो सकती है?
उ. हाँ, स्पर्म काउंट सामान्य होने पर भी उनका आकार खराब होने से फर्टिलिटी कम हो सकती है।
प्र.4: क्या यह टेस्ट एक बार काफी है?
उ. नहीं, 2–3 सप्ताह के अंतराल पर 2-3 बार टेस्ट किया जाता है ताकि सटीक परिणाम मिलें।
निष्कर्ष (Conclusion):
स्पर्म मॉर्फोलॉजी टेस्टिंग (Sperm Morphology Testing – Strict Kruger Criteria) पुरुषों में बांझपन के निदान के लिए एक महत्वपूर्ण जांच है। यह शुक्राणुओं की संरचना का सटीक मूल्यांकन करता है और यह जानने में मदद करता है कि वे अंडाणु को निषेचित कर सकते हैं या नहीं। यदि आप गर्भधारण में कठिनाई का सामना कर रहे हैं, तो यह टेस्ट एक निर्णायक कदम हो सकता है जो आगे के इलाज की दिशा तय करता है।