एपिड्यूरल हेमेटोमा (Epidural Hematoma) एक गंभीर मस्तिष्क की चोट है जिसमें खोपड़ी (Skull) और ड्यूरा मैटर (Dura Mater – मस्तिष्क की सबसे बाहरी झिल्ली) के बीच खून जमा हो जाता है। यह स्थिति प्रायः सिर पर जोरदार चोट लगने से होती है और अगर समय पर इलाज न किया जाए तो जानलेवा साबित हो सकती है।
एपिड्यूरल हेमेटोमा क्या होता है (What is Epidural Hematoma)
जब सिर पर चोट लगती है तो मस्तिष्क को खून पहुंचाने वाली धमनियाँ (Arteries) या नसें (Veins) फट जाती हैं। इसके कारण खून बाहर निकलकर ड्यूरा और खोपड़ी के बीच इकट्ठा हो जाता है। यह खून मस्तिष्क पर दबाव बनाता है, जिससे मरीज को सिरदर्द, बेहोशी, उलझन और अन्य न्यूरोलॉजिकल लक्षण दिखाई देने लगते हैं।
एपिड्यूरल हेमेटोमा कारण (Causes of Epidural Hematoma)
- सिर पर जोरदार चोट (Head Injury)
- सड़क दुर्घटनाएँ (Road Accidents)
- खेलों में लगी गंभीर चोट (Sports Injuries)
- गिरने से सिर पर लगी चोट (Fall-related Injury)
- सिर पर किसी भारी वस्तु का लगना
- खोपड़ी की हड्डी का टूटना (Skull Fracture)
एपिड्यूरल हेमेटोमा के लक्षण (Symptoms of Epidural Hematoma)
- तेज और अचानक सिरदर्द (Severe Headache)
- उल्टी (Vomiting)
- चक्कर आना (Dizziness)
- बेहोशी (Loss of Consciousness)
- एक आंख की पुतली बड़ी हो जाना (Dilated Pupil)
- कमजोरी या लकवा (Weakness or Paralysis)
- दौरे पड़ना (Seizures)
- उलझन और व्यवहार में बदलाव (Confusion and Behavioral Changes)
एपिड्यूरल हेमेटोमा कैसे पहचाने (Diagnosis of Epidural Hematoma)
- शारीरिक जांच (Physical Examination) – न्यूरोलॉजिकल लक्षणों की जांच की जाती है।
- सीटी स्कैन (CT Scan) – सबसे सटीक जांच जिससे खून का जमाव दिखता है।
- एमआरआई स्कैन (MRI Scan) – मस्तिष्क में हुए बदलावों का पता लगाने के लिए।
- न्यूरोलॉजिकल टेस्ट (Neurological Tests)
एपिड्यूरल हेमेटोमा इलाज (Treatment of Epidural Hematoma)
- आपातकालीन इलाज (Emergency Treatment) – तुरंत अस्पताल ले जाएं।
- सर्जरी (Surgery) – खून को निकालने के लिए क्रैनियोटॉमी (Craniotomy) या बुर होल (Burr Hole Surgery) की जाती है।
- दवाइयाँ (Medications) – मस्तिष्क की सूजन कम करने और दौरे रोकने के लिए।
- आईसीयू में निगरानी (ICU Monitoring) – मरीज की स्थिति पर लगातार नजर रखी जाती है।
एपिड्यूरल हेमेटोमा कैसे रोके (Prevention of Epidural Hematoma)
- गाड़ी चलाते समय हेलमेट और सीट बेल्ट का प्रयोग करें।
- खेलों में सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करें।
- बच्चों और बुजुर्गों को गिरने से बचाने के उपाय करें।
- खोपड़ी की चोट को कभी नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ।
घरेलू उपाय (Home Remedies)
एपिड्यूरल हेमेटोमा एक आपातकालीन स्थिति है, इसका घरेलू इलाज संभव नहीं है। लेकिन चोट लगने पर:
- तुरंत बर्फ की सिकाई (Cold Compress) करें।
- मरीज को स्थिर रखें और सिर को ऊँचा करके लिटाएँ।
- तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाएँ।
सावधानियाँ (Precautions)
- सिर पर चोट लगने के बाद मरीज को अकेला न छोड़ें।
- हल्का सिरदर्द या चक्कर भी गंभीर हो सकता है, इसलिए लापरवाही न करें।
- शराब पीकर गाड़ी चलाने से बचें।
- चोट लगने के बाद 24 घंटे तक मरीज की हरकतों और लक्षणों पर ध्यान दें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्रश्न 1: क्या एपिड्यूरल हेमेटोमा जानलेवा होता है?
उत्तर: हाँ, यदि समय पर इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा हो सकता है।
प्रश्न 2: क्या हर सिर की चोट से एपिड्यूरल हेमेटोमा हो सकता है?
उत्तर: नहीं, लेकिन खोपड़ी की गंभीर चोट या फ्रैक्चर में यह अधिक संभावना होती है।
प्रश्न 3: एपिड्यूरल हेमेटोमा का इलाज क्या है?
उत्तर: मुख्य रूप से सर्जरी के जरिए खून निकाला जाता है और दवाओं से लक्षण नियंत्रित किए जाते हैं।
प्रश्न 4: क्या इसे रोका जा सकता है?
उत्तर: हाँ, हेलमेट, सीट बेल्ट और सावधानी बरतकर इसकी संभावना कम की जा सकती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
एपिड्यूरल हेमेटोमा (Epidural Hematoma) एक गंभीर और जीवन-घातक स्थिति है, जो सिर पर चोट लगने के कारण होती है। इसके लक्षणों को पहचानना और समय पर इलाज करवाना बेहद ज़रूरी है। रोकथाम के उपाय जैसे हेलमेट पहनना, गाड़ी में सीट बेल्ट लगाना और चोट को गंभीरता से लेना आपकी जान बचा सकते हैं।
