Khushveer Choudhary

Epiglottic Cyst पर संपूर्ण जानकारी – कारण, लक्षण, इलाज और बचाव

एपिग्लॉटिक सिस्ट (Epiglottic Cyst) गले के ऊपरी हिस्से में स्थित एपिग्लॉटिस (Epiglottis) पर बनने वाला एक छोटा थैलीनुमा गुच्छा (cyst) होता है। यह तरल पदार्थ या म्यूकस से भरा हुआ होता है। आमतौर पर यह सौम्य (benign) होता है, लेकिन अगर यह बड़ा हो जाए तो सांस लेने, निगलने और बोलने में कठिनाई पैदा कर सकता है। शिशुओं (infants) में यह स्थिति अधिक खतरनाक हो सकती है क्योंकि इससे वायुमार्ग (airway) अवरुद्ध हो सकता है।









एपिग्लॉटिक सिस्ट क्या होता है  (What is Epiglottic Cyst?)

एपिग्लॉटिक सिस्ट एक प्रकार का म्यूकस रिटेंशन सिस्ट (Mucous Retention Cyst) होता है जो एपिग्लॉटिस की सतह पर म्यूकस ग्रंथियों (mucous glands) के ब्लॉकेज होने के कारण बनता है। सामान्यतः यह छोटा होता है और किसी बड़ी समस्या का कारण नहीं बनता, लेकिन यदि यह बड़ा हो जाए तो गंभीर श्वसन समस्या (respiratory problem) पैदा कर सकता है।

एपिग्लॉटिक सिस्ट के कारण (Causes of Epiglottic Cyst)

  1. म्यूकस ग्रंथियों का ब्लॉकेज होना
  2. जन्मजात दोष (Congenital defect)
  3. गले में लंबे समय तक सूजन (Chronic inflammation)
  4. संक्रमण (Infection)
  5. धूम्रपान और शराब का अधिक सेवन
  6. एलर्जी या बार-बार गले की समस्या

एपिग्लॉटिक सिस्ट के लक्षण (Symptoms of Epiglottic Cyst)

  • गले में खराश या भारीपन
  • निगलने में कठिनाई (Dysphagia)
  • सांस लेने में दिक्कत (Dyspnea)
  • गले में गांठ या रुकावट जैसा महसूस होना
  • आवाज में बदलाव (Hoarseness of voice)
  • बार-बार खाँसी आना
  • शिशुओं में – दूध पीते समय सांस रुकना, रोना, घुटन और नीला पड़ना (cyanosis)

एपिग्लॉटिक सिस्ट का निदान कैसे करें (How to Diagnose Epiglottic Cyst)

  • लैरिंगोस्कोपी (Laryngoscopy) – गले के अंदर कैमरे से जांच
  • सीटी स्कैन (CT Scan) / एमआरआई (MRI) – सिस्ट का आकार और स्थान जानने के लिए
  • फाइबर-ऑप्टिक एंडोस्कोपी (Fiber-optic Endoscopy) – सीधे गले की अंदरूनी सतह की जाँच

एपिग्लॉटिक सिस्ट का इलाज (Treatment of Epiglottic Cyst)

  1. दवा द्वारा इलाज – यदि सिस्ट छोटा है तो डॉक्टर एंटीबायोटिक और सूजन कम करने वाली दवाएँ दे सकते हैं।
  2. एंडोस्कोपिक सर्जरी (Endoscopic Surgery) – सिस्ट को निकालने के लिए
  3. लेजर सर्जरी (Laser Surgery) – सिस्ट हटाने का आधुनिक तरीका
  4. ट्रेकियोस्टॉमी (Tracheostomy) – शिशुओं में सांस की गंभीर समस्या होने पर अस्थायी रूप से श्वास नली बनाना

एपिग्लॉटिक सिस्ट को कैसे रोके (Prevention of Epiglottic Cyst)

  • धूम्रपान और शराब से परहेज करें
  • बार-बार गले में संक्रमण होने पर समय पर इलाज करें
  • गले की साफ-सफाई का ध्यान रखें
  • एलर्जी से बचाव करें
  • संतुलित आहार और पर्याप्त पानी का सेवन करें

घरेलू उपाय (Home Remedies for Epiglottic Cyst)

ध्यान रहे: घरेलू उपाय केवल छोटे और शुरुआती सिस्ट में ही सहायक हो सकते हैं। बड़े सिस्ट में डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।

  • अदरक और शहद का सेवन – गले की सूजन और खराश कम करने के लिए
  • हल्का गुनगुना पानी पीना
  • नमक के पानी से गरारे करना
  • तुलसी और मुलैठी का काढ़ा पीना
  • भाप लेना (Steam inhalation)

सावधानियाँ (Precautions)

  • गले की समस्या को अनदेखा न करें
  • बच्चों में सांस लेने की दिक्कत दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
  • ज्यादा मसालेदार और खट्टे भोजन से परहेज करें
  • संक्रमण के दौरान बाहर का खाना और ठंडी चीजें न खाएँ
  • बार-बार खराश या आवाज बदलने पर ईएनटी विशेषज्ञ से परामर्श लें

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: क्या एपिग्लॉटिक सिस्ट खतरनाक होता है?
उत्तर: सामान्यतः यह खतरनाक नहीं होता, लेकिन यदि यह बड़ा हो जाए तो सांस रुकने जैसी गंभीर समस्या पैदा कर सकता है।

प्रश्न 2: क्या एपिग्लॉटिक सिस्ट कैंसर में बदल सकता है?
उत्तर: नहीं, यह आमतौर पर सौम्य (benign) होता है और कैंसर में नहीं बदलता।

प्रश्न 3: क्या बिना सर्जरी के एपिग्लॉटिक सिस्ट ठीक हो सकता है?
उत्तर: छोटे सिस्ट अक्सर दवा और समय से ठीक हो सकते हैं, लेकिन बड़े सिस्ट को हटाने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।

प्रश्न 4: शिशुओं में एपिग्लॉटिक सिस्ट कितना खतरनाक होता है?
उत्तर: शिशुओं में यह अधिक खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह सांस की नली को ब्लॉक कर सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

एपिग्लॉटिक सिस्ट (Epiglottic Cyst) एक सामान्य लेकिन महत्वपूर्ण समस्या है, खासकर शिशुओं और छोटे बच्चों में। यदि समय पर निदान और इलाज न किया जाए तो यह गंभीर श्वसन संबंधी परेशानी का कारण बन सकता है। शुरुआती लक्षण जैसे आवाज बदलना, निगलने में कठिनाई या सांस लेने की दिक्कत को अनदेखा न करें और तुरंत ईएनटी विशेषज्ञ से परामर्श लें।


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