गर्भावस्था में पीलिया (Jaundice during Pregnancy) एक गंभीर स्थिति होती है, जिसमें गर्भवती महिला के खून में बिलीरुबिन (Bilirubin) का स्तर बढ़ जाता है। यह यकृत (Liver) के सही तरीके से काम न करने के कारण होता है। सामान्यत: गर्भावस्था के दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो कभी-कभी लीवर पर दबाव डालते हैं, जिससे पीलिया की समस्या उत्पन्न होती है।
यह स्थिति माँ और शिशु दोनों के लिए खतरनाक हो सकती है, इसलिए समय रहते इसका पता लगाना और उचित इलाज कराना बेहद जरूरी है।
गर्भावस्था में पीलिया क्या होता है (What is Jaundice in Pregnancy)
जब गर्भवती महिला के शरीर में लिवर की कार्यक्षमता कम हो जाती है और शरीर में पित्त (Bile) का संचय बढ़ जाता है, तो त्वचा, आंखें और मूत्र पीले रंग के दिखाई देने लगते हैं। यह स्थिति ही गर्भावस्था में पीलिया कहलाती है।
यह दो तरह का हो सकता है:
- सामान्य पीलिया (Physiological Jaundice) – जो हल्का और अस्थायी होता है।
- रोगात्मक पीलिया (Pathological Jaundice) – जो किसी गंभीर लिवर रोग जैसे हेपेटाइटिस, प्री-एक्लेम्पसिया या फैटी लिवर के कारण होता है।
गर्भावस्था में पीलिया के कारण (Causes of Jaundice in Pregnancy)
गर्भावस्था के दौरान पीलिया के कई संभावित कारण हो सकते हैं, जैसे:
- वायरल संक्रमण (Viral Infection) – हेपेटाइटिस A, B, C, E आदि के संक्रमण से।
- इंट्राहेपैटिक कोलेस्टेसिस (Intrahepatic Cholestasis of Pregnancy) – गर्भावस्था के दौरान होने वाली लीवर की एक सामान्य समस्या।
- एक्यूट फैटी लिवर ऑफ प्रेग्नेंसी (Acute Fatty Liver of Pregnancy) – गर्भावस्था के अंतिम महीनों में लिवर में चर्बी जमा होना।
- प्री-एक्लेम्पसिया (Pre-eclampsia) – उच्च रक्तचाप और लीवर पर दबाव बढ़ने से।
- खराब खान-पान (Poor Diet) – अत्यधिक तेल, मसालेदार भोजन या अस्वच्छ पानी से संक्रमण।
- दवाइयों के साइड इफेक्ट (Side Effects of Medicines) – कुछ दवाएँ लीवर पर प्रभाव डालती हैं।
गर्भावस्था में पीलिया के लक्षण (Symptoms of Jaundice in Pregnancy)
गर्भवती महिला में पीलिया के लक्षण धीरे-धीरे या अचानक दिखाई दे सकते हैं:
- त्वचा और आंखों का पीला पड़ना
- गहरा पीला मूत्र
- भूख न लगना
- मतली और उल्टी
- पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द
- थकान और कमजोरी
- खुजली (खासकर हथेलियों और तलवों में)
- मल का हल्का या सफेद रंग होना
- शरीर में सूजन या दर्द
- बुखार या ठंड लगना
गर्भावस्था में पीलिया की पहचान कैसे करें (How to Diagnose Jaundice in Pregnancy)
पीलिया की पुष्टि के लिए निम्न जांचें की जाती हैं:
- ब्लड टेस्ट (Blood Test) – बिलीरुबिन स्तर, SGOT, SGPT, और लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT)।
- यूरिन टेस्ट (Urine Test) – मूत्र में बिलीरुबिन की उपस्थिति।
- अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) – लीवर और पित्ताशय की स्थिति देखने के लिए।
- हेपेटाइटिस टेस्ट (Hepatitis Test) – वायरल संक्रमण की पहचान के लिए।
गर्भावस्था में पीलिया का इलाज (Treatment of Jaundice in Pregnancy)
इलाज कारण पर निर्भर करता है, लेकिन सामान्य रूप से निम्न उपाय किए जाते हैं:
- डॉक्टर द्वारा सलाहित दवाइयाँ – लीवर सपोर्टिव और सुरक्षित दवाएँ दी जाती हैं।
- आराम (Rest) – शारीरिक और मानसिक आराम जरूरी है।
- संतुलित आहार (Balanced Diet) – हल्का, पौष्टिक और कम वसा वाला भोजन लें।
- पानी की पर्याप्त मात्रा – शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालने के लिए दिनभर में पर्याप्त पानी पिएं।
- नियमित जांच (Regular Monitoring) – बिलीरुबिन स्तर और लिवर एंजाइम की निगरानी।
- गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती (Hospitalization) – यदि लक्षण बढ़ जाएँ या भ्रूण पर असर दिखे।
गर्भावस्था में पीलिया के घरेलू उपाय (Home Remedies for Jaundice in Pregnancy)
नोट: ये उपाय केवल डॉक्टर की सलाह के बाद ही अपनाएँ।
- नारियल पानी (Coconut Water) – शरीर को ठंडक देता है और टॉक्सिन निकालता है।
- नींबू पानी (Lemon Water) – लिवर की कार्यक्षमता सुधारता है।
- आंवला (Indian Gooseberry) – एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन C से भरपूर।
- गिलोय का रस (Giloy Juice) – लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- छाछ (Buttermilk) – पाचन में मदद करता है और लिवर पर दबाव कम करता है।
गर्भावस्था में पीलिया से बचाव (Prevention of Jaundice in Pregnancy)
- साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- दूषित या बासी भोजन न खाएँ।
- पर्याप्त पानी पिएँ।
- लीवर को नुकसान पहुंचाने वाली दवाइयों से बचें।
- हेपेटाइटिस का टीका (Hepatitis Vaccination) लगवाएँ।
- नियमित स्वास्थ्य जांच कराते रहें।
- संतुलित आहार लें और अत्यधिक तेल-मसाले से बचें।
गर्भावस्था में सावधानियाँ (Precautions During Jaundice in Pregnancy)
- खुद से कोई दवा न लें।
- डॉक्टर की सलाह के बिना घरेलू नुस्खे न अपनाएँ।
- थकान महसूस होने पर तुरंत आराम करें।
- प्रसव (Delivery) के दौरान डॉक्टर को पीलिया की जानकारी दें।
- संक्रमण के लक्षण दिखें तो तुरंत जांच कराएँ।
सामान्य प्रश्न (FAQs about Jaundice in Pregnancy)
प्रश्न 1: क्या गर्भावस्था में पीलिया बच्चे को प्रभावित करता है?
उत्तर: हाँ, यदि समय पर इलाज न हो तो यह भ्रूण के विकास को प्रभावित कर सकता है या प्री-टर्म डिलीवरी का खतरा बढ़ा सकता है।
प्रश्न 2: क्या यह डिलीवरी के बाद अपने आप ठीक हो जाता है?
उत्तर: हल्का पीलिया (Mild Jaundice) डिलीवरी के बाद धीरे-धीरे ठीक हो जाता है, लेकिन गंभीर मामलों में इलाज आवश्यक होता है।
प्रश्न 3: क्या पीलिया संक्रामक होता है?
उत्तर: यदि यह वायरल हेपेटाइटिस के कारण हुआ है, तो संक्रामक हो सकता है। अन्य स्थितियों में नहीं।
प्रश्न 4: क्या पीलिया के दौरान दूध पीना सुरक्षित है?
उत्तर: हाँ, लेकिन डॉक्टर की सलाह के अनुसार हल्का और सुपाच्य भोजन लेना चाहिए।
निष्कर्ष (Conclusion)
गर्भावस्था में पीलिया (Jaundice in Pregnancy) एक ऐसी स्थिति है जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। समय पर जांच, सही इलाज और सावधानियों से माँ और बच्चे दोनों को सुरक्षित रखा जा सकता है। संतुलित आहार, स्वच्छता और नियमित डॉक्टर की देखरेख से इस समस्या से बचाव संभव है।