काशिन-बेक रोग (Kashin-Beck Disease) एक दीर्घकालिक अस्थि-संधि (bone and joint) विकार है, जो मुख्य रूप से बचपन और किशोरावस्था में विकसित होता है।
यह रोग विशेष रूप से एशिया के कुछ पर्वतीय क्षेत्रों — जैसे चीन, उत्तर कोरिया, और साइबेरिया — में पाया जाता है।
इस रोग में हड्डियों की वृद्धि (bone growth) रुक जाती है, जोड़ों में सूजन होती है, और धीरे-धीरे हड्डियाँ विकृत (deformed) हो जाती हैं।
इसका नाम दो रूसी वैज्ञानिकों Nikolai Kashin और Evgeny Beck के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने 19वीं सदी में इसका वर्णन किया था।
Kashin-Beck Disease क्या है (What is Kashin-Beck Disease)?
Kashin-Beck Disease एक Endemic Osteoarthropathy (स्थानिक अस्थि-संधि रोग) है,
जिसमें शरीर की हड्डियों और जोड़ों के कर्टिलेज (cartilage) को नुकसान होता है।
यह मुख्य रूप से बच्चों (5–15 वर्ष की आयु) में शुरू होता है और धीरे-धीरे हड्डियों की वृद्धि और आकार को प्रभावित करता है।
रोग के बढ़ने पर हाथ, पैर, घुटने और कोहनी विकृत दिखाई देने लगते हैं।
Kashin-Beck Disease कारण (Causes of Kashin-Beck Disease)
इस रोग का सटीक कारण पूरी तरह ज्ञात नहीं है, लेकिन कई कारकों को इसके विकास से जोड़ा गया है।
1. सेलेनियम की कमी (Selenium Deficiency):
यह प्रमुख कारण माना जाता है।
सेलेनियम एक आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व (trace element) है जो हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है।
इसकी कमी से ऑक्सीडेटिव क्षति (oxidative damage) और कर्टिलेज का विनाश होता है।
2. मोल्ड (Fungi) से दूषित अनाज:
एंडेमिक क्षेत्रों में लोग अक्सर फंगस-संक्रमित अनाज (moldy grains) खाते हैं,
जो T-2 toxin और अन्य मायकोटॉक्सिन (mycotoxins) उत्पन्न करते हैं — ये कर्टिलेज को नुकसान पहुंचाते हैं।
3. दूषित पानी (Contaminated Drinking Water):
कम आयोडीन, कम सेलेनियम और उच्च ह्यूमिक एसिड (humic acid) वाला पानी भी रोग को बढ़ावा देता है।
4. पर्यावरणीय और पोषणीय कारक:
- कम प्रोटीन और विटामिन D का सेवन
- कैल्शियम और फॉस्फोरस असंतुलन
- आनुवंशिक प्रवृत्ति (genetic predisposition)
Kashin-Beck Disease लक्षण (Symptoms of Kashin-Beck Disease)
प्रारंभिक लक्षण (Early Symptoms):
- जोड़ों में दर्द (Joint Pain)
- सूजन (Swelling)
- जोड़ों की हल्की अकड़न (Stiffness)
- विकास की रफ्तार कम होना (Slow Growth)
उन्नत अवस्था के लक्षण (Advanced Symptoms):
- हड्डियों का विकृत होना (Bone Deformities) — विशेषकर उंगलियाँ, कलाई, घुटने और टखने
- कद का छोटा रह जाना (Short Stature)
- जोड़ों में आवाज या क्रैकिंग (Joint Cracking)
- चलने-फिरने में कठिनाई (Difficulty in Movement)
- जोड़ों की गतिशीलता कम होना (Restricted Mobility)
रोग बढ़ने पर व्यक्ति के हाथ-पैर मुड़े या विकृत हो सकते हैं, जिससे दैनिक कार्य करना कठिन हो जाता है।
Kashin-Beck Disease कैसे पहचाने (Diagnosis of Kashin-Beck Disease)
इस रोग की पहचान निम्नलिखित जांचों से की जाती है:
- क्लिनिकल परीक्षण (Clinical Examination) – जोड़ों की स्थिति, आकार और लचीलापन जांचा जाता है।
- एक्स-रे (X-ray) – हड्डियों की विकृति, कर्टिलेज का संकुचन और वृद्धि रुकने की पुष्टि।
- रक्त परीक्षण (Blood Tests) – सेलेनियम स्तर मापने के लिए।
- Histological Test – कर्टिलेज के ऊतक की सूक्ष्म जांच।
- परिवार और क्षेत्रीय इतिहास – क्या रोग उसी इलाके में आम है?
Kashin-Beck Disease इलाज (Treatment of Kashin-Beck Disease)
Kashin-Beck Disease का कोई पूर्ण इलाज (permanent cure) नहीं है,
लेकिन शुरुआती अवस्था में इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
1. पोषण उपचार (Nutritional Therapy):
- सेलेनियम सप्लीमेंट (Selenium Supplementation)
- विटामिन E और C (antioxidants)
- कैल्शियम और विटामिन D युक्त आहार
- प्रोटीन समृद्ध भोजन (दालें, दूध, अंडे, मछली आदि)
2. फिजियोथेरेपी (Physiotherapy):
- जोड़ों की गति बनाए रखने के लिए व्यायाम
- दर्द कम करने और अकड़न रोकने के लिए नियमित मालिश
3. औषधीय उपचार (Medical Treatment):
- एनाल्जेसिक (Analgesics) – दर्द कम करने के लिए
- एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएँ (NSAIDs) – सूजन घटाने के लिए
- मल्टीविटामिन और खनिज सप्लीमेंट्स
4. शल्य चिकित्सा (Surgical Treatment):
गंभीर मामलों में joint replacement या orthopedic surgery की आवश्यकता पड़ सकती है।
घरेलू उपाय (Home Remedies):
ये उपाय केवल सहायक हैं, चिकित्सकीय उपचार का विकल्प नहीं।
- आहार में सेलेनियम युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें – जैसे ब्राजील नट्स, मछली, अंडे, साबुत अनाज।
- हरी पत्तेदार सब्जियाँ और दूध उत्पाद सेवन करें।
- शरीर की सूर्य प्रकाश से विटामिन D प्राप्त करें।
- दूषित या फफूंदी लगे अनाज से बचें।
- नियमित व्यायाम और स्ट्रेचिंग करें।
सावधानियाँ (Precautions):
- फंगस-संक्रमित अनाज या रोटी का सेवन न करें।
- स्वच्छ पीने का पानी उपयोग करें।
- बच्चों के आहार में सेलेनियम, कैल्शियम और विटामिन D सुनिश्चित करें।
- हड्डियों और जोड़ों में दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
- रोगग्रस्त क्षेत्र में रहने वाले लोग नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएँ।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):
Q1. क्या Kashin-Beck Disease संक्रामक है?
A. नहीं, यह संक्रामक नहीं है। यह पोषण और पर्यावरणीय कारणों से होता है।
Q2. क्या यह रोग बच्चों में ठीक हो सकता है?
A. यदि प्रारंभिक अवस्था में निदान कर लिया जाए और सेलेनियम की कमी पूरी की जाए, तो सुधार संभव है।
Q3. किन देशों में यह रोग अधिक पाया जाता है?
A. मुख्यतः चीन, उत्तर कोरिया, और साइबेरिया में।
Q4. क्या भारत में यह रोग पाया जाता है?
A. बहुत दुर्लभ है, क्योंकि भारत में मिट्टी और आहार में सेलेनियम की मात्रा सामान्यतः पर्याप्त होती है।
Q5. क्या यह जीवन के लिए खतरनाक है?
A. यह सीधे जानलेवा नहीं है, लेकिन गंभीर विकलांगता (disability) का कारण बन सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Kashin-Beck Disease एक दुर्लभ लेकिन रोकथाम योग्य अस्थि-संधि रोग है,
जो सेलेनियम की कमी, दूषित आहार और पर्यावरणीय कारकों के कारण होता है।
यदि समय रहते सही पोषण, सेलेनियम सप्लीमेंट और चिकित्सकीय निगरानी रखी जाए,
तो इस रोग की प्रगति को रोका जा सकता है।
स्वस्थ आहार, स्वच्छता और नियमित व्यायाम इसके नियंत्रण में सहायक सिद्ध होते हैं।