Khushveer Choudhary

Keratomalacia कारण, लक्षण, इलाज एवं सावधानी

केराटोमैलासिया (Keratomalacia) एक गंभीर नेत्र-विकार है जिसमें नेत्रों की पारदर्शी परत (कॉर्निया) अत्यधिक सूख जाती है, ओपैक-हो कर मलए या गलने लगती है। यह विकार मुख्यतः विटामिन A की लंबे समय तक कमी के कारण होता है।

यह विशेष रूप से उन देशों में पाया जाता है जहाँ कुपोषण, विटामिन-A की कमी और प्रोटीन-कैलोरी की कमी आम है।
यदि समय पर निदान एवं उपचार न हुआ तो यह अंधत्व तक ले जा सकता है।

Keratomalacia क्या होता है? (What is Keratomalacia)?

केराटोमैलासिया में निम्न-प्रक्रिया होती है:

  • विटामिन A की कमी के कारण नेत्र की श्लेष्मा (म्यूकस) एवं कणिका (गुबलेट) कोशिकाएँ प्रभावित होती हैं।
  • कॉर्निया और कंजंक्टिवा (नेत्र की उभरी हुई सफेद हिस्से को आवृत करने वाली झिल्ली) शुष्क हो जाती हैं, नामक “ज़ेरोफ्थालमिया” (Xerophthalmia) की स्थिति बन जाती है।
  • आगे चलकर कॉर्निया में धुंधलापन-ओपेक होना, घुलना, अल्सर/छिद्र बनना संभव है।
  • परिणामस्वरूप, दृष्टि कम हो सकती है और यदि बहुत आगे बढ़ जाए तो स्थायी नेत्रहानी हो सकती है।

Keratomalacia कारण (Causes)

केराटोमैलासिया के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

  1. विटामिन A की कमी

    1. आहार में विटामिन A-समृद्ध खाद्य (जैसे गाजर, शकरकंद, होली पत्ते आदि) का अभाव।
    1. शरीर में विटामिन A का अवशोषण न हो पाना — जैसे कि पाचन तंत्र विकार (Celiac रोग, Crohn रोग), लिवर रोग।
    1. प्रोटीन-कैलोरी की कमी (उदाहरणस्वरूप कुवशिओर्कर जैसे कुपोषण) के कारण।
  2. अन्य जोखिम-कारक

    1. बच्चों में अधिक जोखिम क्योंकि उनका पोषण अक्सर अधूरा होता है।
    2. तीव्र संक्रमण (जैसे खसरा) या बार-बार दस्त होना, जिससे विटामिन A की कमी बढ़ सकती है।

Keratomalacia लक्षण (Symptoms)

केराटोमैलासिया के लक्षण निम्न प्रकार से विकसित होते हैं:

प्रारंभिक लक्षण

  • रात को दृष्टि कम होना (Night blindness) — कम रोशनी में दिखने में परेशानी।
  • नेत्रों में अत्यधिक सूखापन, रेत-सी खुरदरी अनुभूति।
  • प्रकाश-संवेदनशीलता (Photophobia) तथा लालिमा।

उन्नत/प्रगतिशील लक्षण

  • कॉर्निया का धुंधलापन (opaque) या सफेद-मैला दिखना।
  • कंजंक्टिवा पर बिटोट धब्बे (Bitot’s spots) — झिल्ली पर फोमी-ग्रे तैरते-तैरते दिखने वाले धब्बे।
  • कॉर्निया का गलना (melting) या अल्सर-निर्माण; कभी-कभी दृश्य-क्षय।
  • यदि बहुत बिगड़ जाए तो स्थायी दृष्टिहानी या अंधत्व।

Keratomalacia कैसे पहचाने (How to Recognise)

  • यदि किसी व्यक्ति को रात में देखने में दिक्कत हो रही हो, नेत्र सूखे हों, प्रकाश से आँखें चुभें हों, तो तुरंत नेत्र-विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए।
  • नेत्र-परीक्षण में कंजंक्टिवा तथा कॉर्निया की जाँच करनी चाहिए—यदि बिटोट धब्बे या कॉर्निया में धुंधलापन दिखाई दे रहा हो।
  • रक्त परीक्षण द्वारा विटामिन A का स्तर जाँचा जा सकता है।
  • यदि पोषण-स्थिति बहुत खराब हो, तो अतिरिक्त सावधानी बरतें क्योंकि इसमें केराटोमैलासिया का खतरा अधिक होता है।

Keratomalacia इलाज (Treatment)

  • सबसे पहले, विटामिन A की कमी को तुरंत दूर करना आवश्यक है — आहार में विटामिन A-समृद्ध खाद्य पदार्थों को शामिल करना।
  • चिकित्सकीय पर्यवेक्षण में विटामिन A सप्लीमेंटेशन: विशेषकर गंभीर मामलों में टैबलेट या इंजेक्शन द्वारा।
  • यदि नेत्र सूखापन हो गया हो तो कृत्रिम आँसू (Lubricating eye drops) तथा संक्रमण से बचने के लिए एंटीबायोटिक नेत्र-मलहम।
  • कॉर्निया में बहुत अधिक क्षति हो चुकी हो, तो कॉर्निया प्रत्यारोपण (corneal transplant) का विकल्प हो सकता है।

Keratomalacia कैसे रोके (Prevention)

  • संतुलित आहार लेना जिसमें विटामिन A-युक्त खाद्य शामिल हों: जैसे गाजर, शकरकंद, आम, पपीता, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, दूध, अंडा, लीवर आदि।
  • बच्चों में नियमित रूप से विटामिन A का प्रोफ़िलैक्टिक (निरोधात्मक) वितरण जहाँ आवश्यकता हो।
  • पाचन-स्वास्थ्य की देखभाल: मलेरिया, दस्त, संक्रमण आदि से बचाव; लिवर/पैनक्रियाज संबंधी विकारों का समय पर इलाज।
  • नेत्र-स्वास्थ्य का ध्यान रखना: आँखों को अधिक समय तक धूल-मिट्टी में न रखें, नेत्र-चिकित्सक से नियमित जाँच कराना।

घरेलू उपाय (Home Remedies)

  • प्रतिदिन विटामिन A-युक्त खाद्य जैसे गाजर की सब्जी, शकरकंद, आम, हरी पत्तेदार सब्जियाँ अपनी डाइट में शामिल करें।
  • दूध, दही, अंडा नियमित रूप से लें।
  • यदि आँखें सूखने लगी हों तो नियमित रूप से साफ हाथों से हल्के सूखे कपड़े से आँखों का बाह्य भाग साफ़ करें और कृत्रिम आँसू का उपयोग करें (डॉक्टर की सलाह से)।
  • धूल-धक्कड़ तथा धुँए-वाले वातावरण में नेत्रों को अधिक समय तक न रखें; यदि आवश्यक हो तो चश्मा पहनें।
  • संक्रमण की स्थिति में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें; घरेलू उपाय मात्र सहायक हैं, चिकित्सा-परामर्श का विकल्प नहीं।

सावधानियाँ (Precautions)

  • विटामिन A-सप्लीमेंट्स को बिना चिकित्सकीय सुझाव के अत्यधिक मात्रा में न लें; अधिक मात्रा से विषाक्तता (Hypervitaminosis A) हो सकती है।
  • आँखों में दर्द, अच्छी तरह नहीं दिखना, प्रकाश-संवेदनशीलता बढ़ना जैसे लक्षण हों तो विलंब न करें; समय पर नेत्र-विशेषज्ञ से जाँच जरूरी।
  • बच्चों में खास ध्यान दें — यदि कुपोषण, दस्त-बुखार या खसरा जैसी बीमारियाँ हों, तो विटामिन A-कमी के खतरे के प्रति सजग रहें।
  • पाचन या लिवर-पैनक्रियाज संबंधी रोग होने की स्थिति में विटामिन-अवशोषण कम हो सकता है — ऐसे में नियमित चिकित्सकीय जाँच आवश्यक है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. केराटोमैलासिया क्या पूरी तरह ठीक हो सकता है?
A. यदि यह शुरुआत में पकड़ा जाए एवं विटामिन A-कमी को जल्द सुधारा जाए, तो नेत्र-हानी को काफी हद तक रोका जा सकता है। परंतु यदि कॉर्निया में बहुत अधिक क्षति हो चुकी हो, तो पूर्ण सुधार कठिन हो सकता है।

Q2. केवल विटामिन A-सप्लीमेंट लेने से क्या पर्याप्त है?
A. नहीं। केवल सप्लीमेंट पर्याप्त नहीं है — आहार में सुधार,Underlying कारण (जैसे पाचन विकार) का निदान एवं नेत्र-चिकित्सा आवश्यक है।

Q3. बच्चों में इसे कैसे रोकें?
A. बच्चों को विटामिन A-युक्त भोजन उपलब्ध कराना, समय-समय पर नेत्र जांच कराना, यदि अधो पोषण (malnutrition) हो तो उसे समय पर सुधारना।

Q4. क्या इसे सिर्फ विकासशील देशों में होता है?
A. आमतौर पर यह विकासशील क्षेत्रों में अधिक होता है क्योंकि वहां पोषण संबंधी चुनौतियाँ अधिक होती हैं; परंतु विकसित देशों में भी यदि विटामिन A-कमी या पाचन-अवशोषण विकार हो, तो हो सकता है।

निष्कर्ष

केराटोमैलासिया एक गंभीर लेकिन बहुधा रोकने योग्य नेत्र-विकार है। इससे बचाव के लिए मुख्य-तौर पर विटामिन A-युक्त पोषण, समय-समय पर नेत्र-चिकित्सा जाँच और कुपोषण एवं पाचन विकारों का इलाज शामिल है। यदि प्रारंभिक लक्षण (जैसे रात में दृष्टि कम होना, आँखों का सूखापन) दिखें तो देर न करें — क्योंकि जितना जल्दी इलाज होगा, उतनी बेहतर दृष्टि की संभावना होगी। नियमित ध्यान और सावधानी से इस विकार से सुरक्षित रहा जा सकता है।

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