कर्निक्टेरस (Kernicterus) नवजात शिशुओं में होने वाली एक गंभीर न्यूरोलॉजिकल स्थिति (serious neurological condition) है, जो अत्यधिक बिलीरुबिन (bilirubin) स्तर के कारण होती है।
जब नवजात शिशु के खून में बिलीरुबिन बहुत अधिक बढ़ जाता है और यह मस्तिष्क (brain) में प्रवेश कर जाता है, तो यह मस्तिष्क ऊतकों को नुकसान पहुँचाता है। यही स्थिति कर्निक्टेरस कहलाती है।
यह एक रोकथाम योग्य (preventable) लेकिन जीवन के लिए खतरनाक (life-threatening) रोग है।
कर्निक्टेरस क्या होता है (What is Kernicterus)?
सामान्यतः जन्म के बाद बच्चों में हल्का पीलिया (Jaundice) आम बात है।
लेकिन जब बिलीरुबिन स्तर बहुत अधिक (सामान्यतः 20 mg/dL से ऊपर) बढ़ जाता है और ब्लड-ब्रेन बैरियर को पार करके मस्तिष्क में जमा हो जाता है, तब यह कर्निक्टेरस बन जाता है।
सरल शब्दों में — यह गंभीर प्रकार का नवजात पीलिया (Severe Neonatal Jaundice) है जो मस्तिष्क को प्रभावित करता है।
कर्निक्टेरस कारण (Causes of Kernicterus in Newborns)
कर्निक्टेरस के कई कारण हो सकते हैं, जो मुख्यतः बिलीरुबिन की अत्यधिक वृद्धि से जुड़े होते हैं।
मुख्य कारण:
- नवजात पीलिया का समय पर इलाज न होना (Untreated neonatal jaundice)
- Rh incompatibility – माँ और बच्चे के रक्त समूह का असमान होना
- ABO incompatibility – रक्त समूह A, B या O के असंगत होने से
- G6PD deficiency – एक आनुवंशिक एंजाइम की कमी
- Premature birth (असमय जन्म) – समय से पहले जन्मे बच्चों में बिलीरुबिन नियंत्रित करने की क्षमता कम होती है
- Infections (संक्रमण) – सेप्सिस या अन्य संक्रमण
- लिवर की अपरिपक्वता (Immature liver) – नवजात के जिगर का पूरी तरह विकसित न होना
- माँ के दूध से जुड़ा पीलिया (Breast milk jaundice) – दुर्लभ मामलों में
कर्निक्टेरस लक्षण (Symptoms of Kernicterus)
शुरुआत में इसके लक्षण सामान्य पीलिया जैसे दिखते हैं, लेकिन धीरे-धीरे गंभीर होते जाते हैं।
प्रारंभिक लक्षण (Early Symptoms):
- अत्यधिक पीलापन (yellowing) — त्वचा और आँखों में
- खाने में कमी या दूध पीने से इंकार
- कमजोरी या सुस्ती (lethargy)
- ज्यादा नींद आना या बेहोशी जैसी स्थिति
- उल्टी या चिड़चिड़ापन
गंभीर लक्षण (Advanced Symptoms):
- तेज आवाज में रोना (High-pitched cry)
- सिर पीछे की ओर झुकना (arching of neck and back)
- दौरे (seizures)
- मांसपेशियों का कठोर या ढीला होना (muscle rigidity or floppiness)
- सांस लेने में कठिनाई
- बेहोशी या कोमा (coma)
कर्निक्टेरस कैसे पहचाने (How to Recognize Kernicterus)
यदि बच्चा बहुत पीला दिखे, दूध ठीक से न पी रहा हो, या असामान्य हरकतें दिखाए —
तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बिलीरुबिन टेस्ट (Serum bilirubin test) से इसका स्तर मापा जाता है।
20 mg/dL से अधिक स्तर होने पर तुरंत इलाज जरूरी होता है।
निदान (Diagnosis of Kernicterus)
निदान के लिए निम्नलिखित परीक्षण किए जाते हैं:
- Serum Bilirubin Test – कुल बिलीरुबिन का स्तर ज्ञात करने के लिए।
- Direct and Indirect Bilirubin Measurement – यह जानने के लिए कि कौन सा प्रकार अधिक है।
- Blood Group Testing (Mother & Baby) – Rh या ABO incompatibility की जांच।
- Complete Blood Count (CBC) – एनीमिया या संक्रमण की जांच।
- Liver Function Tests (LFTs) – जिगर की कार्यक्षमता जानने के लिए।
- MRI or CT Scan of Brain – यदि मस्तिष्क क्षति का संदेह हो।
उपचार (Treatment of Kernicterus)
कर्निक्टेरस का इलाज आपातकालीन स्थिति (emergency) में किया जाता है।
लक्ष्य है — बिलीरुबिन स्तर को जल्दी से जल्दी कम करना।
मुख्य उपचार विधियाँ:
-
Phototherapy (फोटोथेरेपी)
- बच्चे को नीली रोशनी में रखा जाता है जो बिलीरुबिन को तोड़ती है।
- यह नवजात पीलिया का सबसे आम और प्रभावी इलाज है।
-
Exchange Transfusion (रक्त परिवर्तन)
- गंभीर मामलों में बच्चे का खून बदलकर बिलीरुबिन स्तर घटाया जाता है।
-
IV Fluids और Feeding Support
- निर्जलीकरण रोकने और शरीर से बिलीरुबिन निकालने के लिए।
-
Treating Underlying Cause
- यदि Rh incompatibility या संक्रमण है तो उसका इलाज किया जाता है।
घरेलू सावधानियाँ और देखभाल (Home Care & Precautions)
- बच्चे को नियमित रूप से स्तनपान कराएँ।
- बच्चे की त्वचा और आँखों में पीलापन रोज देखें।
- यदि बच्चा सुस्त या दूध पीने से इंकार करे, तुरंत डॉक्टर से मिलें।
- घर पर धूप में रखने से हल्के पीलिया में मदद मिल सकती है (परंतु डॉक्टर की सलाह जरूरी)।
- दवाएँ या घरेलू उपाय डॉक्टर की सलाह के बिना न अपनाएँ।
कर्निक्टेरस कैसे रोके (Prevention of Kernicterus)
- नवजात पीलिया की नियमित जांच कराएँ।
- Rh incompatibility का पता गर्भावस्था के दौरान लगाएँ।
- Rh-negative माँ को Anti-D injection समय पर दें।
- समय से पहले जन्मे बच्चों (preterm infants) की अतिरिक्त निगरानी करें।
- स्तनपान शुरू करने में देरी न करें।
- डॉक्टर द्वारा सलाहित फॉलो-अप टेस्ट करवाते रहें।
जटिलताएँ (Complications of Kernicterus)
यदि इलाज में देरी हो जाए, तो कर्निक्टेरस से स्थायी मस्तिष्क क्षति हो सकती है:
- Cerebral palsy
- सुनने में कमी (Hearing loss)
- दृष्टि समस्याएँ (Vision problems)
- मानसिक विकास में विलंब (Developmental delay)
- सीखने की कठिनाई (Learning disabilities)
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. क्या कर्निक्टेरस पीलिया से अलग है?
A. कर्निक्टेरस पीलिया का गंभीर रूप है — जब बिलीरुबिन मस्तिष्क में पहुँचकर क्षति पहुँचाता है।
Q2. क्या यह रोग जन्मजात होता है?
A. नहीं, यह पीलिया का इलाज समय पर न होने से विकसित होता है।
Q3. क्या इसका इलाज संभव है?
A. शुरुआती अवस्था में पहचान कर फोटोथेरेपी से इलाज संभव है; देर होने पर मस्तिष्क को स्थायी नुकसान हो सकता है।
Q4. क्या यह रोका जा सकता है?
A. हाँ, नियमित जांच और समय पर फोटोथेरेपी से इसे पूरी तरह रोका जा सकता है।
Q5. क्या इससे बच्चे की मृत्यु हो सकती है?
A. यदि इलाज न हो, तो यह जीवन के लिए खतरा बन सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
कर्निक्टेरस (Kernicterus) नवजात शिशुओं में होने वाला एक गंभीर लेकिन रोकथाम योग्य रोग है।
समय पर पहचान, बिलीरुबिन की नियमित जाँच और उचित इलाज (विशेषकर फोटोथेरेपी) से इस स्थिति को टाला जा सकता है।
माता-पिता को यह समझना चाहिए कि हल्का पीलिया भी लापरवाही से गंभीर बन सकता है, इसलिए समय पर डॉक्टर से परामर्श बेहद ज़रूरी है।