क्लम्प्के पैरालिसिस (Klumpke Paralysis) जिसे कभी-कभी क्लम्प्के पल्सी (Klumpke’s Palsy) या डेजेरीन-क्लम्प्के पैरालिसिस (Déjerine-Klumpke Paralysis) भी कहते हैं, एक दुर्लभ तरह की तंत्रिका (नर्व) क्षति है जो मुख्यतः हाथ और निचले बाजू की मांसपेशियों को प्रभावित करती है।
यह तब होता है जब Brachial Plexus (कंधे और बाजू के पास नर्वों का एक जाल) के निचले भाग (विशेष रूप से C8 और T1 मूल-नस) में क्षति हो जाए।
यह विशेष रूप से नवजात शिशुओं में जन्म के समय होने वाली मुश्किल डिलीवरी (जैसे कंधा फंस जाना) से जुड़ी हो सकती है, लेकिन वयस्कों में भी दुर्घटना-त्राण, गिरने-का हाथ पकड़ने वाले हाथ के कारण हो सकती है।
Klumpke Paralysis क्या होता है? (What is Klumpke Paralysis)?
जब C8 (आठवाँ ग्रहणी नर्व) तथा T1 (पहला ग्रंथ-नस) पर असर होता है, तो हाथ के अंदरूनी (इन्ट्रिंसिक) मांसपेशियों, कलाई और अंगुलियों के मसल्स में कमजोरी या लकवा आ जाती है।
संक्षिप्त में:
- बाजू व कलाई की मसल्स का नियंत्रण कम-हो जाता है
- हाथ की अंगुलियाँ “क्लॉ हैंड” (claw hand) के रूप में मुड़ी हुई-लगती हैं (उँगलियाँ मुड़ी रहती हैं)
- यदि T1 नस के साथ sympathique तंत्र भी प्रभावित हो, तो Horner Syndrome (जैसे पलक दरी का झुकाव, छोटी पुतली) हो सकता है।
- वयस्क मामलो में यह हाथ की गति-संवेदी (motor & sensory) क्षमता कम-कर देती है।
Klumpke Paralysis कारण
इस अवस्था के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
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जन्म के समय (नवजात) क्षति
- यदि शिशु का कंधा माँ के जनन-मार्ग में फंस जाए (shoulder dystocia) और उस हाथ/बाजू को ऊपर की ओर खींचा जाए, तो ब्रैचियल प्लेक्सस के निचले हिस्से में खींचाव-या-आहत हो सकता है।
- बड़ी शिशु, माँ का मधुमेह, असामान्य प्रसव-स्थिति ऐसे जोखिम-कारक हैं।
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वयस्कों में (दुर्घटनात्मक) क्षति
- गिरते समय हाथ उठे-हुए हो जाना (उदाहरण-स्वरूप पेड़ की शाखा पकड़ते वक़्त) जिससे निचला ब्रैचियल प्लेक्सस खिंचे।
- ट्यूमर, ऑपरेशन के समय परिचालन या मसल्स/नसों पर दबाव पड़ना।
Klumpke Paralysis लक्षण (Symptoms of Klumpke Paralysis)
- हाथ एवं कलाई में कमजोरी, हाथ-हिलाने या उंगली हिलाने में दिक्कत ।
- हाथ की मसल्स का पतला-हो जाना (atrophy) या अंगुलियों का मुड़-मुत्थी-नहीं-बंद-हो पाना।
- “क्लॉ हैंड” (Claw hand) – कलाई उँगलियों की स्थिति असामान्य: कलाई एक तरह से बहिरी ओर मुड़ी रहती है, उँगलियाँ मुड़ी-रहीं हैं।
- हाथ या बाजू में संवेदना-हानि (numbness)-विशेष रूप से उल्नर साइड (ulnar side) पर।
- अगर Horner Syndrome शामिल हो तो: पलक लटकना (ptosis), पुतली संकुचित होना (miosis), चेहरे के एक हिस्से पर पसीना ना आना (anhidrosis)।
- नवजात शिशुओं में, प्रभावित हाथ प्रसव तुरंत बाद कम हिलाता है।
Klumpke Paralysis कैसे पहचाने? (Diagnosis)
डॉक्टरी जाँच में निम्नलिखित बातें शामिल हैं:
- शारीरिक परीक्षण: हाथ-कलाई की गतिविधि, मसल्स की कमजोरी, संवेदना-हानि, क्लॉ हैंड का लक्षण।
- नर्व कंडक्शन अध्ययन (Nerve Conduction Study) तथा इलेक्ट्रोमायोग्राफी (EMG) – नर्व्स कितनी गति से संकेत भेज रहे हैं।
- इमेजिंग: MRI, CT स्कैन या अल्ट्रासाउंड-जाँच यह देखने के लिए कि नर्व कटे-हुए हैं या खींचे गए हैं।
- नवजातों में जन्म-इतिहास एवं प्रसव–स्थिति-विश्लेषण।
Klumpke Paralysis इलाज (Treatment)
इलाज का चयन चोट की गंभीरता पर निर्भर करता है:
रोकथामात्मक / समर्थन-इलाज (Conservative Treatment):
- शुरुआती चरण में हाथ-कलाई को हल्के से घुमाना (range-of-motion exercises) और फिजियोथेरेपी।
- मासाज, मल्टीपल थैरेपी (उदाहरण-स्वरूप न्यूरोमसलर इलेक्ट्रिकल स्टिम्युलेशन) ।
- हाथ-कलाई को सही स्थिति में रखने हेतु स्प्लिंट या ब्रेस्ट लगाने की सलाह।
सर्जिकल इलाज (Surgical Treatment):
- यदि 3-6 महीने में सुधार नहीं हो रहा हो और नसों में गंभीर कटाव (rupture/avulsion) हो, तो नर्व ग्राफ्टिंग, नर्व ट्रांसफर, मसल ट्रांसफर किया जा सकता है।
- पुनरावृत्ति मांसपेशियों की स्थिति सुधारने के लिए टेंडन ट्रांसफर भी हो सकती है।
Klumpke Paralysis कैसे रोके ? (Prevention)
- गर्भ के दौरान गर्भवती का नियमित होम-केयर, मधुमेह का नियंत्रण तथा शिशु का अनुमानित वजन-जांच मुख्य है।
- प्रसव के समय अगर शिशु का कंधा फंसने का खतरा हो (shoulder dystocia), तो योग्य चिकित्सकीय टीम द्वारा संभालना।
- वयस्कों में हाथ बढ़ाये-हताशा से गिरने से बचना।
घरेलू उपाय (Home Remedies)
- प्रभावित हाथ-कलाई को नियमित हल्के व्यायाम देना (प्रत्येक दिन कुछ मिनट) ताकि घुटन (contracture) ना बने।
- हाथ को उठने-बहुत नीचे जाने से बचाना; आरामदायक स्थिति में रखना।
- हाथ-कलाई को ठंडा-गरम सेक (यदि दर्द हो)-विश्राम देना।
- यदि पलक लटकती हो या चेहरे पर पसीना न आता हो (Horner लक्षण), तुरंत चिकित्सक से जाँचना।
सावधानियाँ
- दर्द या सख्ती (stiffness) लगातार बनी रहे तो देरी न करें—उचित समय पर चिकित्सकीय हस्तक्षेप महत्वपूर्ण है।
- यदि हाथ-कलाई पूरी तरह काम न कर रही हो, या संवेदना-नहीं हो रही हो, तो “दबाव डालकर इंतजार” न करें।
- चिकित्सा सुझाव के बिना खुद कोई नर्व-सप्लीमेंट या इलाज शुरू न करें।
- नवजात शिशु में यदि हाथ न हिल रहा हो, तुरंत-चिकित्सक से संपर्क करें।
FAQs
Q1. यह स्थिति कितनी आम है?
A: यह बहुत दुर्लभ है—लेकिन ठीक अनुमान नहीं है। कुछ अध्ययन बताते हैं कि ब्रैचियल प्लेक्सस इन्युरीज़ में क्लम्प्के की भागीदारी बहुत कम (~0.6 %) होती है।
Q2. क्या पूरी तरह ठीक हो सकती है?
A: हाँ, हल्के मामलों में अच्छी-खासी सुधार हो सकती है—मild stretch injury वाले नवजातों में 6 महीने–1 साल में बहुत सुधार देखा गया है। गंभीर कटाव वाले मामलों में पूरी तरह ठीक नहीं हो सकती।
Q3. सिर्फ हाथ प्रभावित होता है या कंधे-बाजू भी?
A: क्लम्प्के में मुख्यतः हाथ-कलाई प्रभावित होती है; कंधे-बाजू की मांसपेशियाँ आम तौर पर काम करती रहती हैं।
Q4. वयस्कों में यह किस तरह हो सकता है?
A: वयस्कों में गिरने-वाले हादसे, ऊँची जगह से हाथ पकड़ते समय खिंचाव, ट्यूमर या ऑपरेशन के कारण ब्रैचियल प्लेक्सस के निचले हिस्से में चोट लग सकती है।
Q5. क्या मैं खुद-घर में कुछ कर सकता/सकती हूँ?
A: घर पर हल्के व्यायाम, हाथ-कलाई को सही स्थिति में रखना, मासाज देना संभव है—but चिकित्सकीय सलाह के बिना गंभीर कदम न उठाएँ।
निष्कर्ष
क्लम्प्के पैरालिसिस एक गंभीर लेकिन समझी-जानी योग्य तंत्रिका चोट है, विशेषतः नवजातों में। जल्दी पहचान, उचित फिजियोथेरेपी तथा समय पर सर्जिकल हस्तक्षेप से बहुत सुधार संभव है। प्रसव-संबंधी जोखिम-कारकों की जानकारी और संभलकर संचालन इस स्थिति को काफी हद तक रोका जा सकता है। यदि आपको या आपके परिवार में किसी को इस तरह के लक्षण नजर आएँ, तो चिकित्सकीय सलाह लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
नोट: यह जानकारी शैक्षिक उद्देश्य से दी गई है। किसी भी चिकित्सा निर्णय के लिए कृपया सर्टिफाइड चिकित्सक से परामर्श लें।