Khushveer Choudhary

Knee Injury: कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू उपाय

घुटना हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण जोड़ (Joint) है जो चलने, दौड़ने, बैठने और उठने जैसी हर क्रिया में प्रमुख भूमिका निभाता है। जब घुटने पर अत्यधिक दबाव पड़ता है या अचानक झटका लगता है, तब घुटने की चोट (Knee Injury) हो सकती है। यह चोट मामूली खिंचाव से लेकर गंभीर लिगामेंट फटने (Ligament Tear) या हड्डी के टूटने तक हो सकती है।

घुटने की चोट सिर्फ खिलाड़ियों तक सीमित नहीं है; आम व्यक्ति को भी यह समस्या किसी भी उम्र में हो सकती है।

घुटने की चोट क्या होती है (What is Knee Injury)

जब घुटने के अंदर की हड्डियाँ, लिगामेंट्स (Ligaments), टेंडन (Tendons) या कार्टिलेज (Cartilage) किसी कारण से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं, तो उसे घुटने की चोट कहा जाता है।
यह चोट अचानक गिरने, टकराने, मुड़ने या वजन के असमान दबाव से हो सकती है।

घुटने की चोट के कारण (Causes of Knee Injury)

  1. अचानक गिरना या फिसलना (Falling or Slipping Accident)
    किसी कठोर सतह पर गिरने या फिसलने से घुटना चोटिल हो सकता है।

  2. खेल के दौरान चोट (Sports Injury)
    फुटबॉल, क्रिकेट, बास्केटबॉल, रनिंग जैसी गतिविधियों में अचानक मोड़ आने से लिगामेंट फट सकता है।

  3. अधिक वजन (Overweight or Obesity)
    ज़्यादा वजन होने से घुटनों पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे चोट का खतरा बढ़ता है।

  4. गलत व्यायाम या भारी वजन उठाना (Improper Exercise or Heavy Lifting)
    बिना वार्मअप के एक्सरसाइज या गलत पोजिशन में वजन उठाना घुटने को नुकसान पहुंचा सकता है।

  5. उम्र से संबंधित समस्या (Age-related Degeneration)
    उम्र बढ़ने के साथ कार्टिलेज घिसने लगता है जिससे जोड़ों की कमजोरी और चोट का जोखिम बढ़ता है।

घुटने की चोट के लक्षण (Symptoms of Knee Injury)

  1. घुटने में दर्द (Pain in Knee) – चलने या मुड़ने पर तेज दर्द महसूस होना।
  2. सूजन (Swelling) – चोट के बाद घुटना सूज सकता है।
  3. लालपन और गर्माहट (Redness and Warmth) – घायल जगह पर सूजन के साथ गर्माहट महसूस होना।
  4. चलने में कठिनाई (Difficulty in Walking) – घुटने को मोड़ना या सीधा करना मुश्किल हो सकता है।
  5. अंदर से क्लिक की आवाज़ (Clicking or Popping Sound) – घुटने को मोड़ते समय आवाज़ आना।
  6. घुटना लॉक होना (Locking or Instability) – कभी-कभी घुटना फंस जाता है या हिलता-डुलता महसूस होता है।

घुटने की चोट का इलाज (Treatment of Knee Injury)

1. प्राथमिक उपचार (First Aid Treatment)

  • चोट लगते ही आराम (Rest) करें।
  • बर्फ से सिंकाई (Ice Compression) करें – 15-20 मिनट तक, दिन में 3-4 बार।
  • कंप्रेशन बैंडेज (Compression Bandage) लगाएँ ताकि सूजन कम हो।
  • घुटने को ऊँचा रखें (Elevation) ताकि रक्त संचार नियंत्रित रहे।

2. डॉक्टर द्वारा इलाज (Medical Treatment)

  • दवाइयाँ (Medications) – सूजन और दर्द कम करने के लिए एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएँ दी जाती हैं।
  • फिजियोथेरेपी (Physiotherapy) – घुटने की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए।
  • एमआरआई या एक्स-रे (MRI / X-ray) – चोट की गंभीरता जानने के लिए।
  • सर्जरी (Surgery) – अगर लिगामेंट फट गया हो या कार्टिलेज डैमेज हो गया हो तो सर्जरी की आवश्यकता होती है।

घुटने की चोट के घरेलू उपाय (Home Remedies for Knee Injury)

  1. हल्दी दूध (Turmeric Milk) – हल्दी में करक्यूमिन होता है जो सूजन और दर्द कम करता है।
  2. मेथी के बीज (Fenugreek Seeds) – सुबह खाली पेट भीगे हुए मेथी के दाने खाने से सूजन घटती है।
  3. सरसों तेल की मालिश (Mustard Oil Massage) – हल्का गर्म तेल लगाकर मालिश करने से रक्त संचार सुधरता है।
  4. गर्म और ठंडी सिंकाई (Hot and Cold Therapy) – बारी-बारी से गर्म और ठंडे पैक लगाने से राहत मिलती है।
  5. एप्सम सॉल्ट स्नान (Epsom Salt Bath) – इसमें मौजूद मैग्नीशियम दर्द और सूजन कम करता है।

घुटने की चोट से बचाव (Prevention of Knee Injury)

  1. व्यायाम से पहले वार्मअप करें (Warm Up Before Exercise)
  2. घुटनों को मजबूत बनाने वाले व्यायाम करें (Do Knee Strengthening Exercises)
  3. सही जूते पहनें (Wear Proper Footwear)
  4. वजन नियंत्रित रखें (Maintain Healthy Weight)
  5. अचानक झटके या कूद से बचें (Avoid Sudden Movements or Jumps)
  6. फर्श पर फिसलन न होने दें (Keep Floor Dry and Safe)

घुटने की चोट की पहचान कैसे करें (How to Identify Knee Injury)

  • अगर घुटने में दर्द, सूजन, या चलने में तकलीफ बनी रहती है तो यह चोट का संकेत हो सकता है।
  • MRI या X-ray रिपोर्ट से चोट की गहराई पता लगाई जा सकती है।
  • अगर घुटना लॉक हो जाए या आवाज़ आए, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

सावधानियाँ (Precautions)

  • चोट लगने के तुरंत बाद भारी काम न करें।
  • बिना डॉक्टर की सलाह के किसी दवा का सेवन न करें।
  • बार-बार चोट लगने की स्थिति में विशेषज्ञ ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से जाँच करवाएँ।
  • रिकवरी के दौरान घुटने पर अत्यधिक दबाव न डालें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: क्या घुटने की मामूली चोट अपने आप ठीक हो जाती है?
उत्तर: हाँ, हल्की चोट आराम, बर्फ की सिंकाई और सही देखभाल से कुछ दिनों में ठीक हो सकती है।

प्रश्न 2: घुटने की चोट के बाद कितने दिन में ठीक हो सकता है?
उत्तर: यह चोट की गंभीरता पर निर्भर करता है। हल्की चोट 1-2 हफ्ते में, जबकि लिगामेंट टियर में 2-3 महीने तक लग सकते हैं।

प्रश्न 3: क्या घुटने की चोट के लिए सर्जरी जरूरी होती है?
उत्तर: केवल तब जब लिगामेंट या कार्टिलेज पूरी तरह से फट गया हो।

प्रश्न 4: क्या फिजियोथेरेपी से घुटने की चोट ठीक हो सकती है?
उत्तर: हाँ, फिजियोथेरेपी से मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं और दर्द में काफी राहत मिलती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

घुटने की चोट (Knee Injury) एक आम लेकिन गंभीर समस्या हो सकती है यदि समय पर ध्यान न दिया जाए। सही आराम, उचित इलाज, फिजियोथेरेपी और घरेलू देखभाल से इसे पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है।
स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम से घुटनों को लंबे समय तक स्वस्थ रखा जा सकता है।

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