Kohler Disease (कोहलर रोग) एक दुर्लभ (rare) हड्डी से जुड़ी स्थिति है जो मुख्यतः बच्चों (Children) में पाई जाती है।
यह रोग पैर के बीच वाले हिस्से में स्थित Navicular Bone (नाविक्युलर हड्डी) को प्रभावित करता है। इस हड्डी में रक्त प्रवाह (Blood Supply) कम हो जाने के कारण यह हड्डी कमजोर और दर्दनाक हो जाती है।
अधिकतर यह बीमारी 3 से 10 वर्ष की उम्र के बच्चों, खासकर लड़कों (boys) में पाई जाती है।
कोहलर रोग क्या होता है? (What is Kohler Disease?)
Kohler Disease एक प्रकार का Osteochondrosis (हड्डी का विकास विकार) है जिसमें Navicular Bone को जाने वाली रक्त आपूर्ति अस्थायी रूप से रुक जाती है।
इससे हड्डी का कुछ हिस्सा मर (necrosis) जाता है और धीरे-धीरे हड्डी का आकार बदल जाता है।
यह आमतौर पर एक पैर (unilateral) में होता है, लेकिन कुछ मामलों में दोनों पैरों (bilateral) को भी प्रभावित कर सकता है।
कोहलर रोग के कारण (Causes of Kohler Disease)
कोहलर रोग के सटीक कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन कुछ प्रमुख संभावित कारण इस प्रकार हैं:
- रक्त प्रवाह में कमी (Reduced Blood Supply) – हड्डी तक रक्त न पहुँचने से ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है।
- अधिक दबाव या चोट (Excessive Pressure or Trauma) – बच्चों में पैर पर अत्यधिक दबाव या चोट लगना।
- हड्डी का तेजी से विकास (Rapid Bone Growth) – तेजी से बढ़ती उम्र में हड्डियों को पर्याप्त रक्त नहीं मिल पाता।
- संक्रमण (Infection) – कुछ दुर्लभ मामलों में संक्रमण के कारण भी हड्डी प्रभावित हो सकती है।
- अनुवांशिक कारण (Genetic Factors) – परिवार में इस बीमारी का इतिहास होना।
कोहलर रोग के लक्षण (Symptoms of Kohler Disease)
- पैर के ऊपरी हिस्से (midfoot) में दर्द होना।
- चलने में परेशानी या लंगड़ाकर चलना (limping)।
- पैर में सूजन (swelling) या कोमलता (tenderness)।
- जूते पहनने में असुविधा।
- लंबे समय तक खड़े रहने या दौड़ने पर दर्द बढ़ना।
- बच्चे का अचानक चलने में रुचि कम हो जाना।
कोहलर रोग कैसे पहचाने (How to Identify Kohler Disease)
- शारीरिक जांच (Physical Examination): डॉक्टर पैर के दर्द, सूजन, और चाल का निरीक्षण करते हैं।
- एक्स-रे (X-ray):
- Navicular bone चपटी (flattened) या घनी (sclerotic) दिखाई देती है।
- X-ray से बीमारी के स्टेज का पता लगाया जा सकता है।
- MRI Scan:
- प्रारंभिक अवस्था में हड्डी के नुकसान और रक्त प्रवाह की स्थिति जानने के लिए।
कोहलर रोग का इलाज (Treatment of Kohler Disease)
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आराम (Rest):
- बच्चे को पैर पर अधिक दबाव न डालने दें।
- खेल-कूद या दौड़ने से परहेज कराएँ।
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Plaster Cast या Boot:
- डॉक्टर कुछ हफ्तों के लिए पैर पर प्लास्टर या immobilization boot लगाते हैं, ताकि हड्डी पर दबाव न पड़े।
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दर्द निवारक दवाएँ (Pain Relief Medicines):
- हल्का दर्द कम करने के लिए Paracetamol या Ibuprofen जैसी दवाएँ दी जाती हैं।
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फिजियोथेरेपी (Physiotherapy):
- मांसपेशियों को मजबूत और लचीला बनाने के लिए।
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ऑर्थोटिक सपोर्ट (Orthotic Support):
- जूते के अंदर विशेष इनसोल्स (insoles) का उपयोग पैर पर दबाव कम करता है।
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सर्जरी (Surgery):
- अत्यंत दुर्लभ मामलों में ही सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है।
कोहलर रोग के घरेलू उपाय (Home Remedies for Kohler Disease)
- गर्म सेक (Warm Compress): दर्द और सूजन कम करने में मददगार।
- हल्की मालिश (Gentle Massage): रक्त प्रवाह बेहतर होता है।
- संतुलित आहार (Balanced Diet): कैल्शियम, विटामिन D और फॉस्फोरस से भरपूर आहार लें जैसे — दूध, दही, पनीर, अंडा, और सूरज की रोशनी।
- आराम और सपोर्टिव फुटवियर (Rest and Supportive Footwear): सही आकार और मुलायम जूते पहनें।
कोहलर रोग में सावधानियाँ (Precautions for Kohler Disease)
- बच्चे को ज़्यादा दौड़ने या कूदने से बचाएँ।
- सही फिटिंग वाले जूते पहनाएँ।
- पैर में दर्द या सूजन दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- इलाज के दौरान नियमित फॉलो-अप ज़रूर कराएँ।
- बच्चे के खानपान में पौष्टिक आहार शामिल करें।
कोहलर रोग से बचाव (Prevention of Kohler Disease)
हालाँकि इसे पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, लेकिन कुछ सावधानियाँ जोखिम कम कर सकती हैं —
- हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए विटामिन D और कैल्शियम युक्त आहार लें।
- बच्चों को धूप में खेलने दें ताकि प्राकृतिक विटामिन D मिले।
- चोट लगने पर तुरंत चिकित्सा उपचार कराएँ।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्र.1: क्या कोहलर रोग खतरनाक होता है?
उत्तर: नहीं, यह प्रायः अस्थायी होता है और सही इलाज से 6 से 24 महीनों में ठीक हो जाता है।
प्र.2: क्या कोहलर रोग में सर्जरी की आवश्यकता होती है?
उत्तर: केवल बहुत गंभीर मामलों में, सामान्यतः दवाओं और आराम से सुधार हो जाता है।
प्र.3: क्या यह दोनों पैरों में होता है?
उत्तर: ज़्यादातर मामलों में यह एक पैर में होता है, परंतु कुछ बच्चों में दोनों पैरों में भी हो सकता है।
प्र.4: क्या कोहलर रोग दोबारा हो सकता है?
उत्तर: एक बार पूरी तरह ठीक होने के बाद यह सामान्यतः दोबारा नहीं होता।
निष्कर्ष (Conclusion)
Kohler Disease (कोहलर रोग) बच्चों में पाई जाने वाली हड्डी की एक अस्थायी स्थिति है जो समय और उचित देखभाल से पूरी तरह ठीक हो सकती है।
समय पर पहचान, आराम, पौष्टिक आहार और चिकित्सकीय सलाह से बच्चा फिर से सामान्य रूप से चल-फिर सकता है।
माता-पिता को चाहिए कि बच्चे के पैर में दर्द या चाल में बदलाव दिखे तो देर न करें और Orthopedic विशेषज्ञ (हड्डी रोग विशेषज्ञ) से तुरंत परामर्श लें।