Khushveer Choudhary

Lung Calcification: कारण, लक्षण, इलाज, रोकथाम, सावधानियाँ और FAQs

लंग कैल्सिफिकेशन (Lung Calcification) फेफड़ों में कैल्शियम के जमा होने (Calcium Deposition) की स्थिति है।

यह स्थिति पुराने संक्रमण, सूजन, चोट, या ट्यूमर के बाद विकसित होती है, जब शरीर क्षतिग्रस्त ऊतकों (Damaged Tissues) में कैल्शियम जमा कर देता है।

लंग कैल्सिफिकेशन कोई अलग बीमारी नहीं है, बल्कि यह फेफड़ों में पुरानी समस्या या संक्रमण के निशान (Scarring) का संकेत होता है।
अक्सर यह एक्स-रे या सीटी स्कैन (CT Scan) के दौरान संयोगवश पता चलता है और अधिकांश मामलों में यह हानिकारक नहीं होता

लंग कैल्सिफिकेशन क्या होता है  (What is Lung Calcification?)

लंग कैल्सिफिकेशन का मतलब है — फेफड़ों के ऊतकों में कैल्शियम लवण (Calcium Salts) का असामान्य रूप से जमना।
यह जमाव संक्रमण के ठीक होने के बाद, या पुराने घावों में होता है ताकि शरीर उन हिस्सों को "स्थिर" या "सील" कर सके।

हालांकि कभी-कभी यह जमाव सक्रिय बीमारी जैसे ट्यूबरकुलोसिस, फंगल इंफेक्शन या कैंसर से भी जुड़ा हो सकता है।

लंग कैल्सिफिकेशन के प्रकार (Types of Lung Calcification)

  1. ग्रैन्युलर कैल्सिफिकेशन (Granular Calcification):
    छोटे-छोटे धब्बों के रूप में दिखाई देता है, जो पुराने संक्रमणों से जुड़ा होता है।

  2. नोड्यूलर कैल्सिफिकेशन (Nodular Calcification):
    फेफड़ों में छोटे-छोटे कैल्शियम नोड्यूल्स (Lung Nodules) बनते हैं।

  3. लिनियर या प्लाक जैसी कैल्सिफिकेशन (Linear or Plaque-like Calcification):
    यह लंबे समय तक चलने वाले फेफड़ों के रोग या एस्बेस्टस (Asbestos) एक्सपोज़र के कारण होता है।

  4. डिफ्यूज़ कैल्सिफिकेशन (Diffuse Calcification):
    पूरी फेफड़ों की सतह पर समान रूप से कैल्शियम जमना — यह दुर्लभ है।

लंग कैल्सिफिकेशन कारण (Causes of Lung Calcification)

  1. ट्यूबरकुलोसिस (Tuberculosis):
    पुराने टीबी संक्रमण के बाद फेफड़ों में कैल्शियम जमाव आम है।

  2. फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection):
    जैसे — हिस्टोप्लाज्मोसिस (Histoplasmosis) या कोक्सीडिओइडोमायकोसिस (Coccidioidomycosis)।

  3. न्यूमोनिया या इंफ्लेमेशन (Pneumonia or Inflammation):
    गंभीर संक्रमण के बाद सूजन वाले क्षेत्रों में कैल्शियम जमा हो सकता है।

  4. पुरानी चोट या सर्जरी (Old Injury or Surgery):
    क्षतिग्रस्त फेफड़ों के हिस्से में कैल्शियम का जमाव हो सकता है।

  5. कैंसर (Cancer or Tumor Calcification):
    कुछ कैंसर (जैसे Adenocarcinoma या Metastatic Cancer) में भी कैल्शियम जम सकता है।

  6. एस्बेस्टस एक्सपोजर (Asbestos Exposure):
    लंबे समय तक एस्बेस्टस धूल के संपर्क में रहने से फेफड़ों में कैल्सिफिक प्लाक बन सकते हैं।

  7. सरकॉइडोसिस (Sarcoidosis):
    एक प्रतिरक्षा संबंधी रोग जिसमें फेफड़ों में सूजन और कैल्सिफिकेशन हो सकता है।

लंग कैल्सिफिकेशन लक्षण (Symptoms of Lung Calcification)

अधिकांश मामलों में लंग कैल्सिफिकेशन कोई लक्षण नहीं दिखाता, लेकिन अगर यह किसी गंभीर बीमारी से जुड़ा हो, तो निम्न लक्षण हो सकते हैं:

  • लगातार खांसी (Chronic Cough)
  • सांस लेने में तकलीफ (Shortness of Breath)
  • छाती में दर्द या भारीपन (Chest Pain or Tightness)
  • बलगम या खून आना (Coughing up Mucus or Blood)
  • थकान और कमजोरी (Fatigue and Weakness)
  • बुखार या संक्रमण के लक्षण (Fever or Inflammation)

लंग कैल्सिफिकेशन कैसे पहचाने (Diagnosis of Lung Calcification)

  1. एक्स-रे (Chest X-ray):
    फेफड़ों में कैल्शियम जमाव के धब्बे दिखाई देते हैं।

  2. CT स्कैन (CT Scan of Chest):
    सबसे सटीक परीक्षण — यह कैल्सिफिकेशन की आकार, घनत्व और स्थिति बताता है।

  3. ब्लड टेस्ट (Blood Tests):
    संक्रमण या सूजन से संबंधित मार्कर जांचे जाते हैं।

  4. स्पुटम टेस्ट (Sputum Test):
    संक्रमण या टीबी के जीवाणुओं की जांच के लिए।

  5. बायोप्सी (Lung Biopsy):
    अगर डॉक्टर को ट्यूमर या कैंसर का संदेह हो, तो ऊतक की जांच की जाती है।

लंग कैल्सिफिकेशन इलाज (Treatment of Lung Calcification)

इलाज इस पर निर्भर करता है कि कैल्सिफिकेशन सक्रिय बीमारी का हिस्सा है या पुरानी प्रक्रिया का परिणाम

1. अगर पुरानी बीमारी का निशान है:

  • कोई इलाज की आवश्यकता नहीं होती।
  • केवल समय-समय पर डॉक्टर द्वारा निगरानी (Monitoring) की जाती है।

2. अगर संक्रमण या सूजन सक्रिय है:

  • एंटीबायोटिक्स या एंटी-फंगल दवाइयाँ दी जाती हैं।
  • टीबी के मामलों में एंटी-ट्यूबरकुलर थेरेपी (ATT) दी जाती है।

3. अगर ट्यूमर या कैंसर पाया जाए:

  • सर्जरी (Surgery)
  • कीमोथेरेपी (Chemotherapy)
  • रेडिएशन थेरेपी (Radiation Therapy) की आवश्यकता पड़ सकती है।

4. लक्षण आधारित उपचार:

  • दर्द निवारक दवाइयाँ (Painkillers)
  • इनहेलर या ब्रीदिंग थेरेपी
  • ऑक्सीजन सपोर्ट (Oxygen Therapy) गंभीर मामलों में।

घरेलू उपाय (Home Remedies for Lung Calcification)

  • धूम्रपान पूरी तरह बंद करें (Avoid Smoking)
  • गुनगुना पानी और स्टीम लें (Steam Inhalation) — बलगम और सांस की तकलीफ में राहत।
  • अदरक, शहद और तुलसी का सेवन करें (Ginger, Honey & Tulsi): फेफड़ों की सूजन घटाने में मददगार।
  • नींबू और हल्दी (Lemon & Turmeric): शरीर में सूजन और संक्रमण को कम करते हैं।
  • गहरी सांस के व्यायाम करें (Breathing Exercises): फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने में सहायक।

लंग कैल्सिफिकेशन कैसे रोके (Prevention of Lung Calcification)

  • टीबी या संक्रमण का पूरा इलाज करें (Complete Infection Treatment)
  • धूम्रपान और प्रदूषण से बचें (Avoid Smoking & Pollution)
  • संतुलित आहार लें (Healthy Diet with Antioxidants)
  • नियमित स्वास्थ्य जांच (Regular Health Check-ups)
  • फेफड़ों की सुरक्षा के लिए मास्क पहनें (Wear Mask in Dusty Areas)

सावधानियाँ (Precautions)

  • बिना डॉक्टर की सलाह के एक्स-रे रिपोर्ट को नज़रअंदाज न करें।
  • सांस में तकलीफ या खांसी बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • फेफड़ों से जुड़ी पुरानी बीमारियों का नियमित फॉलो-अप रखें।
  • कैल्शियम सप्लीमेंट्स का अत्यधिक सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. क्या लंग कैल्सिफिकेशन खतरनाक होता है?
ज्यादातर मामलों में नहीं। अगर यह पुरानी बीमारी का निशान है तो हानिकारक नहीं होता, लेकिन सक्रिय संक्रमण या ट्यूमर की स्थिति में ध्यान जरूरी है।

Q2. क्या यह टीबी से जुड़ा होता है?
हाँ, पुराने टीबी संक्रमण के बाद फेफड़ों में कैल्शियम जम सकता है।

Q3. क्या यह फैलता है?
नहीं, यह संक्रमण की तरह फैलने वाली बीमारी नहीं है।

Q4. क्या इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है?
अगर यह केवल स्कारिंग है तो इलाज की आवश्यकता नहीं, लेकिन सक्रिय कारणों का उपचार संभव है।

Q5. क्या यह सांस की समस्या पैदा कर सकता है?
हाँ, अगर कैल्सिफिकेशन बहुत अधिक है या नसों/फेफड़ों के ऊतकों को बाधित कर रहा है, तो सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

लंग कैल्सिफिकेशन (Lung Calcification) एक ऐसी स्थिति है जो अक्सर पुराने संक्रमण या सूजन के कारण बनती है और अधिकांश मामलों में हानिकारक नहीं होती
हालाँकि, यदि यह सक्रिय बीमारी, टीबी या ट्यूमर से जुड़ी हो, तो समय पर जांच और इलाज आवश्यक है।
संतुलित जीवनशैली, धूम्रपान से परहेज और नियमित चेकअप से फेफड़ों को स्वस्थ रखा जा सकता है।


Post a Comment (0)
Previous Post Next Post