Khushveer Choudhary

Lung Cancer: कारण, लक्षण, इलाज, रोकथाम तथा घरेलू उपाय

फेफड़ों का कैंसर (Lung Cancer) एक गंभीर रोग है जिसमें फेफड़ों (Lungs) की कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, ट्यूमर (Tumour) बनाती हैं और समय के साथ आसपास के ऊतकों या अन्य अंगों तक फैल सकती हैं।

यह किसी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, पुरुष या महिला दोनों में, विशेषकर जब जोखिम कारक मौजूद हों।
समय से पहचान व इलाज न होने पर यह जानलेवा भी हो सकता है।

Lung Cancer क्या है (What is it?)

फेफड़ों का कैंसर तब उत्पन्न होता है जब फेफड़ों में मौजूद कोशिकाएँ (Lung cells) DNA के नुकसान के कारण अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं।
मुख्य रूप से दो प्रकार से देखा जाता है:

  • नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (Non-Small Cell Lung Cancer – NSCLC): कुल मामलों में लगभग 80-85% पाया जाता है।
  • स्मॉल सेल लंग कैंसर (Small Cell Lung Cancer – SCLC): लगभग 10-15% मामलों में। यह तेजी से फैलने वाला प्रकार है।

इनमें से प्रत्येक प्रकार का उपचार, प्रगति और परिणाम अलग-अलग हो सकते हैं।

Lung Cancer कारण (Causes)

विभिन्न जोखिम कारक फेफड़ों के कैंसर के विकास में योगदान देते हैं:

  1. धूम्रपान (Smoking): सिगरेट, बीड़ी, सिगार आदि धूम्रपान करने वाले लोगों में यह रोग अधिक देखा जाता है। कैंसर-उत्पादक (Carcinogenic) तत्व फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचा सकते हैं।
  2. वायु प्रदूषण (Air Pollution): बाहरी वायु में मौजूद हानिकारक गैसें, कण (Particulates) आदि फेफड़ों को प्रभावित कर सकते हैं।
  3. रसायनों एवं विषाक्त पदार्थों का संपर्क (Chemical exposure): जैसे कि एस्बेस्टस (Asbestos), आर्सेनिक, निकल (Nickel), क्रोमियम (Chromium), रेडॉन गैस (Radon Gas) आदि।
  4. पूर्व फेफड़ा रोग (Previous lung disease): पुरानी श्वसन विकार या फ़ेफड़ों के संक्रमण का इतिहास जोखिम बढ़ा सकता है।
  5. आनुवंशिकता (Genetics): परिवार में इस रोग का इतिहास होने पर जोखिम थोड़ा बढ़ जाता है।

इन कारणों का मेल (उदाहरण के लिए धूम्रपान के साथ प्रदूषण) जोखिम को और बढ़ा सकता है।

Lung Cancer लक्षण (Symptoms)

फेफड़ों के कैंसर के लक्षण रोग की अवस्था (Stage) और फैलाव पर निर्भर करते हैं। कुछ प्रमुख लक्षण निम्नलिखित हैं:

  • लगातार खांसी (Persistent Cough) – हफ्तों या महीनों तक बनी हुई खांसी।
  • खांसी में खून आना (Hemoptysis) – बलगम या खाँसी के दौरान खून दिखना।
  • सांस लेने में कठिनाई (Shortness of Breath) – हल्की मेहनत में भी हो सकती है।
  • छाती में दर्द (Chest Pain) – गहरी सांस लेने, खांसने या हँसने पर दर्द बढ़ सकता है।
  • आवाज में बदलाव (Hoarseness) – गले या वोकल कॉर्ड्स प्रभावित होने पर।
  • अचानक वजन कम होना (Unexplained Weight Loss) और भूख में कमी।
  • बार-बार श्वसन संक्रमण होना (Repeated Respiratory Infections) – जैसे ब्रोंकाइटिस, निमोनिया।

“Persistent cough, blood in cough, shortness of breath, chest pain and hoarseness.”

यदि इन में से कोई लक्षण दिखे तो समय रहते चिकित्सकीय सलाह लेना बेहद ज़रूरी है।

Lung Cancer कैसे पहचाने (How to identify)

  • यदि ४-८ हफ्तों से अधिक समय से खांसी बनी हुई है, तो इसे अनदेखा न करें।
  • खांसते समय या बलगम में खून दिखे तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
  • यदि सांस लेने में सामान्य से अधिक कठिनाई हो रही है या हल्की मेहनत में भी सांस फूलने लगे।
  • आवाज अचानक बदल जाए, गला बार-बार बैठ जाए।
  • बिना कारण वजन कम हो जाना, भूख कम लगना, थकावट लगातार बनी रहना।

इन संकेतों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि समय से निदान होने पर इलाज की संभावना बेहतर होती है।

Lung Cancer इलाज (Treatment)

फेफड़ों के कैंसर का इलाज रोग के प्रकार, स्टेज (Stage) और रोगी की सामान्य स्थिति पर निर्भर करता है। मुख्य उपचार विकल्प निम्न हैं:

  • सर्जरी (Surgery): यदि कैंसर शुरुआती स्टेज में है और सिर्फ फेफड़े के अंदर सीमित है, तो प्रभावित हिस्से को निकालने की प्रक्रिया की जाती है।
  • रेडियोथेरेपी (Radiotherapy): जब सर्जरी संभव न हो या सर्जरी के बाद बची कैंसर-कोशिकाओं को खत्म करने के लिए।
  • कीमोथेरेपी (Chemotherapy): कैंसर फैलने या अन्य अंगों तक पहुँचने पर।
  • इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy) / लक्षित थेरेपी (Targeted Therapy): कुछ मामलों में, विशेष दवाएं जो कैंसर-कोशिकाओं को विशेष तौर पर निशाना बनाती हैं।
  • समय पर निदान (Early Detection) महत्वपूर्ण: जब रोग शुरुआत में पकड़ा जाए, इलाज की संभावना काफी बेहतर होती है।

रोकथाम (Prevention) – कैसे रोकें इसे

  • धूम्रपान पूरी तरह बंद करें (Quit Smoking) तथा पास-पास धुएँ से बचें (Second-hand Smoke)।
  • वायु प्रदूषण वाले स्थानों से बचें; यदि वातावरण बहुत प्रदूषित हो तो मास्क का उपयोग करें।
  • काम करने की जगह पर रासायनिक एवं विषाक्त पदार्थों के संपर्क को कम करें।
  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं—नियमित व्यायाम, संतुलित आहार जिसमें पर्याप्त फल-सब्जियाँ शामिल हों।
  • यदि परिवार में लंग कैंसर का इतिहास है, तो नियमित फेफड़ों की जांच कराते रहें।
  • सूखा और ख़राब वायु-गुणवत्ता वाले दिनों में बाहर निकलने से बचें, घर में वेंटिलेशन ठीक रखें।

घरेलू उपाय (Home Remedies)

ध्यान दें: निम्न उपाय कैंसर का उपचार नहीं हैं, बल्कि राहत देने वाले और सामान्य स्वास्थ्य सुधारने वाले कदम हैं। किसी भी उपाय को करते समय चिकित्सक से बात ज़रूर करें।

  • गहरी और धीरे-धीरे सांस लेना (Deep Breathing Exercises) तथा योग/प्राणायाम करना।
  • (यदि संभव हो) ताज़ी और प्रदूषण-मुक्त हवा में समय बिताना।
  • अन्न, फल-सब्जियाँ तथा उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाना।
  • पर्याप्त पानी पीना, शराब एवं अत्यधिक मीठा/तला हुआ भोजन कम करना।
  • घर में अंदरूनी धुएँ (जीवनशैली या रासायनिक स्रोत) से बचाव करना।
  • विश्राम-चक्र (Sleep Pattern) नियमित रखना और तनाव को नियंत्रित करना।

सावधानियाँ (Precautions)

  • किसी भी लक्षण को हल्के में न लें—खांसी, सांस की तकलीफ, खाँसी में खून आदि संकेतों को तत्काल देखें।
  • गलत सूचना एवं अनप्रमाणित “जड़ी-बूटी” या “हेर्बल उपचार” पर भरोसा न करें—सिर्फ प्रमाणित मेडिकल डॉक्टर/ऑन्कोलॉजिस्ट सलाह लें।
  • नियमित जांच (Screening) कराने से प्रारंभिक अवस्था में पता चलने की संभावना बढ़ती है।
  • इलाज के दौरान डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयाँ, थेरपी आदि नियमित लें। अधूरा इलाज या बंद करना जोखिम भरा हो सकता है।
  • अपने जीवन साथी या परिवार को धूम्रपान-मुक्त वातावरण दें तथा उन्हें भी सक्रिय रोग-रोकथाम में शामिल करें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. फेफड़ों का कैंसर सिर्फ धूम्रपान करने वालों में होता है क्या?
A. नहीं। धूम्रपान प्रमुख कारण है, लेकिन धूम्रपान न करने वालों में भी वायु-प्रदूषण, रसायनों, आनुवंशिक कारणों से यह हो रहा है।

Q2. क्या शुरूआती अवस्था में पता चलने पर पूरी तरह ठीक हो सकता है?
A. हाँ, यदि समय पर निदान हो जाए और इलाज सही हो, तो शुरुआती स्टेज (Stage 1-2) में पूरी तरह ठीक होने की संभावना बेहतर होती है।

Q3. फेफड़ों का कैंसर कितने प्रकार का होता है?
A. मुख्यतः दो प्रकार – नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC) और स्मॉल सेल लंग कैंसर (SCLC)।

Q4. क्या घरेलू उपाय से कैंसर ठीक हो सकता है?
A. नहीं। घरेलू उपाय जीवनशैली सुधारने में मदद करते हैं, लेकिन कैंसर के उपचार के लिए मेडिकल इलाज अनिवार्य है।

Q5. कितना जल्दी इलाज शुरू करना चाहिए?
A. जितनी जल्दी हो सके। लक्षण दिखते ही चिकित्सक से मिलना चाहिए क्योंकि देर होने पर स्टेज बढ़ सकती है और उपचार कठिन हो सकता है।

निष्कर्ष

फेफड़ों का कैंसर एक गंभीर रोग है, लेकिन समय पर जागरूकता, जोखिम कारकों से बचाव, लक्षणों की पहचान और समय पर इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
अपने जीवनशैली में सुधार लाना, धूम्रपान से बचना, हवा-गुणवत्ता पर ध्यान देना, और नियमित स्वास्थ्य जांच कराना महत्वपूर्ण है। यदि आपको या आपके किसी परिचित को लगातार खांसी, खाँसी में खून, सांस लेने में परेशानी जैसे लक्षण दिखें तो इंतज़ार न करें—चिकित्सक से तत्काल सलाह लें।

स्वास्थ्य आपके हाथ में है—सतर्क रहने में ही भलाई है।

Post a Comment (0)
Previous Post Next Post