Khushveer Choudhary

Lymphadenitis कारण, लक्षण और इलाज

लिम्फैडेनाइटिस (Lymphadenitis) एक सामान्य संक्रमणजन्य रोग है जिसमें लिम्फ नोड्स (Lymph Nodes) यानी लसीका ग्रंथियाँ सूज जाती हैं और उनमें दर्द या सूजन होती है।

यह स्थिति शरीर में संक्रमण या बैक्टीरिया के प्रवेश का संकेत देती है।
लसीका ग्रंथियाँ शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली (Immune System) का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं।

जब किसी संक्रमण या सूजन के कारण ये ग्रंथियाँ प्रभावित होती हैं, तब उसे लिम्फैडेनाइटिस कहा जाता है।

लिम्फैडेनाइटिस क्या है? (What is Lymphadenitis?)

लिम्फैडेनाइटिस वह स्थिति है जिसमें लसीका ग्रंथियाँ (Lymph Nodes) सूजनग्रस्त (Inflamed) हो जाती हैं।
यह संक्रमण (Infection), बैक्टीरिया, वायरस या किसी अन्य कारण से हो सकता है।
सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र गर्दन (Neck), कांख (Armpits) और जांघ के ऊपर (Groin) में होते हैं।

लिम्फैडेनाइटिस के प्रकार (Types of Lymphadenitis)

  1. तीव्र लिम्फैडेनाइटिस (Acute Lymphadenitis)
    – यह अचानक विकसित होता है और अधिकतर बैक्टीरिया संक्रमण से जुड़ा होता है।

  2. पुरानी लिम्फैडेनाइटिस (Chronic Lymphadenitis)
    – यह लंबे समय तक बनी रहती है और आमतौर पर टीबी या दीर्घकालिक संक्रमण के कारण होती है।

लिम्फैडेनाइटिस के कारण (Causes of Lymphadenitis)

  1. बैक्टीरियल संक्रमण (Bacterial Infections)
    Staphylococcus aureus और Streptococcus pyogenes जैसे बैक्टीरिया सबसे आम कारण हैं।

  2. वायरल संक्रमण (Viral Infections)
    – सर्दी-जुकाम, मम्प्स, मोनोन्यूक्लिओसिस (Mononucleosis) जैसे वायरल रोग।

  3. टीबी (Tuberculosis)
    – विशेषकर गर्दन की लिम्फ नोड्स में सूजन का कारण बन सकती है।

  4. फंगल या परजीवी संक्रमण (Fungal/Parasitic Infections)
    – कुछ दुर्लभ मामलों में फंगल इंफेक्शन भी जिम्मेदार हो सकता है।

  5. कैंसर या मेटास्टेटिक संक्रमण (Cancer or Metastasis)
    – कुछ मामलों में लिम्फ नोड्स की सूजन कैंसर की ओर इशारा कर सकती है।

लिम्फैडेनाइटिस के लक्षण (Symptoms of Lymphadenitis)

  1. लिम्फ नोड्स में सूजन (Swelling in Lymph Nodes)
  2. प्रभावित स्थान पर दर्द या कोमलता (Pain or Tenderness)
  3. बुखार (Fever)
  4. सिरदर्द (Headache)
  5. शरीर में कमजोरी और थकान (Fatigue)
  6. लालिमा और गर्माहट (Redness and Warmth on Skin)
  7. पस बनना (Formation of Pus) – गंभीर संक्रमण के मामलों में
  8. भूख में कमी (Loss of Appetite)

कैसे पहचाने लिम्फैडेनाइटिस? (How to Diagnose Lymphadenitis)

  1. क्लिनिकल जांच (Physical Examination)
    – डॉक्टर लिम्फ नोड्स की सूजन, दर्द और आकार का निरीक्षण करते हैं।

  2. ब्लड टेस्ट (Blood Tests)
    – संक्रमण या सूजन के संकेतों की जांच (CBC, ESR आदि)।

  3. इमेजिंग टेस्ट (Imaging Tests)
    Ultrasound या CT Scan से लिम्फ नोड्स की स्थिति की पुष्टि।

  4. फाइन नीडल एस्पिरेशन बायोप्सी (FNAC)
    – सूजन के कारण और संक्रमण की प्रकृति जानने के लिए ऊतक नमूना लिया जाता है।

  5. कल्चर टेस्ट (Culture Test)
    – संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया या वायरस की पहचान के लिए।

लिम्फैडेनाइटिस का इलाज (Treatment of Lymphadenitis)

इलाज संक्रमण के प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है।

1. दवाइयाँ (Medications)

  • एंटीबायोटिक दवाएँ (Antibiotics): बैक्टीरियल संक्रमण के लिए।
  • एंटीवायरल दवाएँ (Antivirals): वायरल संक्रमण के लिए।
  • एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएँ (Anti-inflammatory): दर्द और सूजन कम करने के लिए।

2. गर्म सेंक (Warm Compress)

– सूजन वाले स्थान पर गुनगुना सेंक देने से दर्द और सूजन कम होती है।

3. सर्जरी (Surgical Drainage)

– यदि नोड्स में पस (Pus) भर गया है तो उसे बाहर निकालना पड़ सकता है।

4. टीबी या कैंसर के मामले में विशेष उपचार

– यदि टीबी है तो एंटी-ट्यूबरकुलोसिस दवाओं का कोर्स दिया जाता है।
– कैंसर के मामलों में कीमोथैरेपी या रेडिएशन की आवश्यकता हो सकती है।

लिम्फैडेनाइटिस कैसे रोके (Prevention of Lymphadenitis)

  1. किसी भी संक्रमण का समय पर इलाज करें।
  2. हाथ और शरीर की स्वच्छता बनाए रखें।
  3. घाव या कट लगने पर साफ करें और एंटीसेप्टिक लगाएँ।
  4. टीबी और वायरल संक्रमण से बचाव के उपाय अपनाएँ।
  5. प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत रखें – पौष्टिक आहार और पर्याप्त नींद लें।

घरेलू उपाय (Home Remedies for Lymphadenitis)

  1. गर्म सेंक (Warm Compress): दिन में 2–3 बार सेंक देने से सूजन कम होती है।
  2. हल्दी दूध (Turmeric Milk): इसमें एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
  3. अदरक और तुलसी का काढ़ा (Ginger–Tulsi Decoction): संक्रमण कम करने में सहायक।
  4. लहसुन (Garlic): प्राकृतिक एंटीबायोटिक के रूप में उपयोगी।
  5. भरपूर पानी पिएँ (Hydration): शरीर से विषाक्त पदार्थ निकालने में मदद करता है।

ध्यान दें: ये उपाय केवल सहायक हैं। गंभीर मामलों में डॉक्टर की सलाह आवश्यक है।

सावधानियाँ (Precautions)

  1. लिम्फ नोड्स पर दबाव या मालिश न करें।
  2. बुखार या पस बने तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
  3. एंटीबायोटिक का कोर्स अधूरा न छोड़ें।
  4. संक्रमण वाले व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।
  5. प्रतिदिन पर्याप्त नींद और संतुलित आहार लें।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. क्या लिम्फैडेनाइटिस खतरनाक होता है?
A: आमतौर पर नहीं, लेकिन यदि इलाज न किया जाए तो संक्रमण शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है।

Q2. क्या लिम्फैडेनाइटिस कैंसर का संकेत है?
A: नहीं हमेशा नहीं। अधिकतर मामलों में यह संक्रमण से होता है, लेकिन लगातार बढ़ती सूजन की स्थिति में बायोप्सी जरूरी है।

Q3. लिम्फैडेनाइटिस कितने दिनों में ठीक होता है?
A: साधारण मामलों में 1–2 सप्ताह में सुधार हो जाता है, परंतु गंभीर संक्रमण में अधिक समय लग सकता है।

Q4. क्या यह रोग संक्रामक है?
A: यह स्वयं संक्रामक नहीं है, लेकिन इसके कारण बनने वाला संक्रमण (जैसे टीबी, वायरल संक्रमण) संक्रामक हो सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

लिम्फैडेनाइटिस (Lymphadenitis) शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़ा एक संकेत है कि शरीर किसी संक्रमण से लड़ रहा है।
यह आमतौर पर हानिकारक नहीं होता, लेकिन यदि दर्द, सूजन या बुखार लंबे समय तक बना रहे, तो चिकित्सक से जांच कराना आवश्यक है।
समय पर पहचान, सही दवा और स्वच्छ जीवनशैली अपनाकर इस समस्या को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।


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