लिम्फैन्जियोमा (Lymphangioma) एक गैर-कैंसरस (Non-cancerous) या सौम्य (Benign) ट्यूमर होता है जो लसीका तंत्र (Lymphatic System) में विकसित होता है।
यह तब बनता है जब लसीका वाहिकाएँ (Lymphatic Vessels) ठीक से विकसित नहीं होतीं और उनमें लसीका द्रव (Lymph Fluid) भरने लगता है।
इससे त्वचा के नीचे या शरीर के अंदर फूली हुई गांठ या थैली जैसी सूजन (Cystic Swelling) बन जाती है।
यह स्थिति आमतौर पर बचपन या जन्म के समय देखी जाती है, लेकिन कभी-कभी बाद में भी विकसित हो सकती है।
लिम्फैन्जियोमा क्या है? (What is Lymphangioma?)
लिम्फैन्जियोमा एक जन्मजात (Congenital) असामान्यता है जिसमें लसीका वाहिकाएँ फैल जाती हैं या असामान्य रूप से जुड़ जाती हैं।
इससे लसीका द्रव किसी हिस्से में इकट्ठा होकर थैली जैसी संरचना (Cyst) बना देता है।
यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है, लेकिन अधिकतर मामलों में गर्दन (Neck), चेहरा (Face), जीभ (Tongue), बांह, बग़ल (Armpit) या छाती के क्षेत्र में पाया जाता है।
लिम्फैन्जियोमा के प्रकार (Types of Lymphangioma)
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कैपिलरी लिम्फैन्जियोमा (Capillary Lymphangioma)
– इसमें छोटी लसीका वाहिकाएँ प्रभावित होती हैं।
– यह त्वचा या मुँह के अंदर छोटे दानों की तरह दिख सकता है। -
केवर्नस लिम्फैन्जियोमा (Cavernous Lymphangioma)
– यह गहरी लसीका वाहिकाओं में होता है और स्पंजी (Soft and Fluctuant) संरचना बनाता है। -
सिस्टिक हाइज्रोमा (Cystic Hygroma)
– यह सबसे सामान्य प्रकार है, जिसमें बड़ी-बड़ी लसीका थैलियाँ बन जाती हैं।
– अधिकतर गर्दन या बग़ल में पाया जाता है।
लिम्फैन्जियोमा के कारण (Causes of Lymphangioma)
- जन्म के समय लसीका तंत्र का अधूरा विकास (Congenital Malformation)
- लसीका वाहिकाओं का अवरोध (Obstruction)
- संक्रमण या सूजन के बाद लसीका का जमा होना
- चोट या सर्जरी के बाद लसीका प्रवाह का बाधित होना
- कुछ आनुवंशिक विकार (Genetic Syndromes) जैसे –
- Turner Syndrome
- Down Syndrome
लिम्फैन्जियोमा के लक्षण (Symptoms of Lymphangioma)
- त्वचा के नीचे मुलायम सूजन या गांठ
- सूजन का आकार धीरे-धीरे बढ़ना
- सूजन छूने पर स्पंजी या तरल जैसी महसूस होना
- चेहरे या गर्दन में गांठ होने पर साँस लेने या निगलने में कठिनाई
- संक्रमण होने पर गांठ लाल और दर्दनाक हो जाना
- बच्चों में जन्म से ही दिखाई देने वाली गर्दन या मुँह की सूजन
लिम्फैन्जियोमा की पहचान (Diagnosis of Lymphangioma)
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शारीरिक जांच (Physical Examination):
– डॉक्टर गांठ का आकार, स्थिति और स्थिरता जांचते हैं। -
अल्ट्रासाउंड (Ultrasound):
– गांठ के अंदर तरल की उपस्थिति का पता चलता है। -
सीटी स्कैन (CT Scan) / एमआरआई (MRI):
– गांठ की गहराई और आस-पास के ऊतकों की भागीदारी देखने के लिए। -
बायोप्सी (Biopsy):
– ऊतक की सूक्ष्म जांच से यह सुनिश्चित किया जाता है कि यह कैंसरस नहीं है। -
फाइन नीडल एस्पिरेशन (FNAC):
– गांठ से तरल निकालकर जांच की जाती है।
लिम्फैन्जियोमा का इलाज (Treatment of Lymphangioma)
1. निगरानी (Observation)
अगर गांठ छोटी है और कोई परेशानी नहीं दे रही है, तो डॉक्टर केवल निगरानी की सलाह दे सकते हैं।
2. सर्जरी (Surgical Removal)
– यदि लिम्फैन्जियोमा बड़ा हो या तेजी से बढ़े तो सर्जिकल एक्सीजन (Surgical Excision) किया जाता है।
– यह सबसे प्रभावी और स्थायी उपचार माना जाता है।
3. स्क्लेरोथेरेपी (Sclerotherapy)
– इसमें विशेष दवाओं को इंजेक्ट करके थैली को सिकोड़ दिया जाता है।
– यह तब उपयोगी है जब सर्जरी संभव न हो।
4. लेज़र थैरेपी (Laser Therapy)
– छोटी सतही गांठों को कम करने के लिए।
5. संक्रमण के इलाज के लिए एंटीबायोटिक्स
घरेलू उपाय (Home Remedies for Lymphangioma)
- गर्म सेंक (Warm Compress) – सूजन और दर्द में आराम देता है।
- हल्दी का लेप (Turmeric Paste) – सूजनरोधी गुणों के कारण सहायक।
- एलोवेरा जेल – त्वचा की सूजन और जलन में राहत।
- स्वस्थ आहार (Healthy Diet) – संक्रमण से बचाव में मददगार।
ध्यान दें: लिम्फैन्जियोमा का मुख्य इलाज चिकित्सकीय होता है। घरेलू उपाय केवल सहायक हैं, इनसे गांठ समाप्त नहीं होती।
लिम्फैन्जियोमा से जुड़ी सावधानियाँ (Precautions)
- गांठ को छेड़ें या दबाएँ नहीं।
- संक्रमण के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।
- सर्जरी के बाद डॉक्टर द्वारा बताई गई देखभाल का पालन करें।
- बच्चों में गर्दन या चेहरे की सूजन को नजरअंदाज न करें।
- नियमित जांच से पुनरावृत्ति (Recurrence) की संभावना कम होती है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. क्या लिम्फैन्जियोमा कैंसर है?
A: नहीं, यह एक सौम्य (Benign) ट्यूमर है, लेकिन इसे बढ़ने से रोकने के लिए इलाज जरूरी होता है।
Q2. क्या लिम्फैन्जियोमा जन्म से होता है?
A: हाँ, अधिकांश मामलों में यह जन्मजात होता है और जन्म के बाद कुछ महीनों में दिखता है।
Q3. क्या लिम्फैन्जियोमा खुद से ठीक हो सकता है?
A: कभी-कभी छोटे लिम्फैन्जियोमा अपने आप सिकुड़ सकते हैं, लेकिन अधिकतर मामलों में चिकित्सा हस्तक्षेप जरूरी होता है।
Q4. क्या यह दोबारा हो सकता है?
A: हाँ, यदि सर्जरी के बाद कुछ भाग रह जाए, तो यह दोबारा विकसित हो सकता है।
Q5. क्या लिम्फैन्जियोमा दर्दनाक होता है?
A: सामान्यतः नहीं, लेकिन संक्रमण या सूजन होने पर दर्द हो सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
लिम्फैन्जियोमा (Lymphangioma) एक सौम्य लेकिन कभी-कभी जटिल स्थिति हो सकती है।
यह आमतौर पर बचपन में दिखाई देती है और धीरे-धीरे बढ़ती है।
सर्जरी या स्क्लेरोथेरेपी के जरिए इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
समय पर निदान और उपचार से यह स्थिति पूरी तरह ठीक हो सकती है और जीवन के लिए कोई बड़ा खतरा नहीं बनती।