Khushveer Choudhary

Mallory–Weiss Syndrome कारण, लक्षण, उपचार और रोकथाम

Mallory–Weiss Syndrome एक ऐसी स्थिति है जिसमें भोजन नली और पेट के जंक्शन (gastroesophageal junction) की आंतरिक परत में एक लंबा फटाव या कट लग जाता है। यह फटाव आमतौर पर जोरदार उल्टियों, रETCHing या लगातार खांसी के कारण होता है। इस स्थिति में मरीज को खून की उल्टी हो सकती है और यह अचानक शुरू होने वाली गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग का एक महत्वपूर्ण कारण है।

मैलोरी–वाइस सिंड्रोम क्या होता है (What is Mallory–Weiss Syndrome)

इस सिंड्रोम में पेट और भोजन नली की श्लैष्मिक झिल्ली (mucosal lining) फट जाती है।
फटाव आमतौर पर सतही होता है और मांसपेशियों तक नहीं पहुंचता, इसी कारण यह कई मामलों में स्वतः ठीक भी हो जाता है।

मैलोरी–वाइस सिंड्रोम के कारण (Causes of Mallory–Weiss Syndrome)

मुख्य कारण ऐसे परिस्थितियाँ हैं जो बार-बार जोर लगाकर उल्टी करवाती हैं। इनमें शामिल हैं:

  1. अत्यधिक शराब का सेवन (Excessive alcohol intake)
  2. लगातार और जोरदार उल्टियाँ (Severe vomiting)
  3. गंभीर खांसी (Severe coughing)
  4. पेट में अधिक दबाव बनना (Increased abdominal pressure)
  5. हाइएटल हर्निया (Hiatal hernia)
  6. भोजन नली या पेट की सूजन (Esophagitis, Gastritis)
  7. गर्भावस्था के दौरान लगातार उल्टियाँ (Hyperemesis gravidarum)
  8. भारी खाना खाने के बाद उल्टी होना

मैलोरी–वाइस सिंड्रोम के लक्षण (Symptoms of Mallory–Weiss Syndrome)

सबसे प्रमुख लक्षण हैं:

  1. खून की उल्टी (Hematemesis)
  2. कॉफी-कलर जैसी उल्टी (Coffee-ground vomitus)
  3. काले या चिपचिपे मल (Melena)
  4. पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द (Upper abdominal pain)
  5. चक्कर आना या कमजोरी
  6. दिल की धड़कन तेज होना
  7. गंभीर ब्लीडिंग में बेहोशी

मैलोरी–वाइस सिंड्रोम कैसे पहचाने (Diagnosis of Mallory–Weiss Syndrome)

इसके निदान के लिए मुख्य जांच है:

1. एंडोस्कोपी (Endoscopy)

ऊपर की पाचन नली में कैमरा डालकर म्यूकोसल फटाव को देखा जाता है।
यह सबसे सटीक और प्राथमिक परीक्षण है।

अन्य जांचें:

  • ब्लड काउंट
  • स्टूल ब्लड टेस्ट
  • वीटैल्स मॉनिटरिंग
  • गंभीर मामलों में सीटी स्कैन

मैलोरी–वाइस सिंड्रोम इलाज (Treatment of Mallory–Weiss Syndrome)

1. कंज़र्वेटिव उपचार (Conservative Management)

अधिकतर मामलों में फटाव स्वतः भर जाता है।

  • मरीज को आराम
  • उल्टी रोकने की दवाएं (Antiemetics)
  • एसिड कम करने की दवाएं (PPIs, H2 blockers)
  • IV Fluids

2. एंडोस्कोपिक उपचार (Endoscopic Treatment)

यदि ब्लीडिंग अधिक हो तो:

  • एंडोस्कोपिक क्लिपिंग
  • इंजेक्शन थेरेपी (Epinephrine injection)
  • थेर्मल कोग्यूलेशन

3. गंभीर मामलों में

बहुत ही दुर्लभ में सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है।

मैलोरी–वाइस सिंड्रोम को कैसे रोके (Prevention)

  1. शराब का सेवन कम करें
  2. उल्टी या एसिडिटी को अनियंत्रित न रहने दें
  3. भारी भोजन से बचें
  4. गैस्ट्रिक रिफ्लक्स का समय पर इलाज
  5. अत्यधिक तनाव और जोर लगाने से बचें
  6. गर्भावस्था में उल्टियाँ बढ़ें तो तुरंत चिकित्सीय सलाह

घरेलू उपाय (Home Remedies for Mallory–Weiss Syndrome)

ध्यान रखें कि यह स्थिति गंभीर हो सकती है। घरेलू उपाय केवल हल्की स्थितियों या रिकवरी में सहायक हों।

  1. ठंडा पानी और तरल पदार्थ
  2. हल्का, सादा भोजन जैसे दलिया, खिचड़ी
  3. अदरक की हल्की चाय उल्टी कम कर सकती है
  4. मसालेदार भोजन से परहेज
  5. नींबू-पानी या ORS से हाइड्रेशन बनाए रखें
  6. केला या दही पाचन को शांत कर सकते हैं

नोट: यदि खून की उल्टी हो तो तुरंत अस्पताल जाएँ।

सावधानियाँ (Precautions)

  1. शराब से पूरी तरह बचें
  2. लगातार उल्टी होने पर विलंब न करें
  3. भोजन को धीरे-धीरे और कम मात्रा में खाएँ
  4. भारी वजन उठाने से बचें
  5. अम्लता या गैस्ट्राइटिस का इलाज करवाएँ
  6. खून की उल्टी को कभी भी हल्के में न लें

FAQs (Frequently Asked Questions)

1. क्या Mallory–Weiss Syndrome खतरनाक होता है?

हाँ, यदि ब्लीडिंग अधिक हो जाए तो यह जीवन-घातक हो सकता है, लेकिन अधिकांश मामलों में यह नियंत्रित किया जा सकता है।

2. क्या यह स्वतः ठीक हो सकता है?

हाँ, माइल्ड मामलों में फटाव 2 से 3 दिनों में भर सकता है।

3. क्या बार-बार उल्टी से यह वापस हो सकता है?

हाँ, जोखिम बढ़ जाता है।

4. क्या इसमें सर्जरी जरूरी होती है?

बहुत दुर्लभ मामलों में, जब एंडोस्कोपिक इलाज भी असफल हो जाए।

5. क्या यह पेट के कैंसर का कारण है?

नहीं, यह कैंसर से संबंधित नहीं है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Mallory–Weiss Syndrome एक ऐसी स्थिति है जो मुख्यतः जोरदार उल्टियों या अत्यधिक शराब सेवन के कारण होती है और इसका प्रमुख लक्षण है खून की उल्टी। समय पर पहचान और उपचार से यह स्थिति पूरी तरह नियंत्रित की जा सकती है।
लक्षण दिखें तो तुरंत चिकित्सीय सहायता लें, क्योंकि देरी खतरनाक हो सकती है।


Post a Comment (0)
Previous Post Next Post