Khushveer Choudhary

Malnutrition : कारण, लक्षण, उपचार, रोकथाम और पूरा विवरण

Malnutrition जिसे हिंदी में कुपोषण कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर को आवश्यक पोषक तत्व (nutrients) पर्याप्त मात्रा में नहीं मिलते। इसमें प्रोटीन, ऊर्जा, खनिज, विटामिन तथा अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। कुपोषण बच्चों और बुजुर्गों में अधिक देखा जाता है, लेकिन यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है।

कुपोषण क्या होता है (What is Malnutrition)

Malnutrition शरीर में पोषक तत्वों की कमी (undernutrition) या अधिकता (overnutrition) दोनों स्थितियों को दर्शाता है।
यह शरीर की वृद्धि, प्रतिरक्षा प्रणाली और अंगों के सामान्य कार्यों को प्रभावित करता है।

कुपोषण के प्रकार (Types of Malnutrition)

1. अंडरन्यूट्रिशन (Undernutrition)

  • Stunting (लंबाई कम रह जाना)
  • Wasting (शरीर का अत्यधिक कमजोर होना)
  • Underweight (कम वजन)
  • Micronutrient Deficiency (विटामिन और मिनरल की कमी)

2. ओवरन्यूट्रिशन (Overnutrition)

  • अत्यधिक कैलोरी सेवन
  • मोटापा
  • डायबिटीज
  • उच्च रक्तचाप

कुपोषण के कारण (Causes of Malnutrition)

  1. भोजन की कमी
  2. एक ही प्रकार का भोजन
  3. पाचन संबंधी रोग जैसे
    1. सीलिएक रोग
    2. क्रोहन रोग
  4. बार-बार दस्त या संक्रमण
  5. गरीबी और भोजन की अनुपलब्धता
  6. शराब का अत्यधिक सेवन
  7. मानसिक स्वास्थ्य स्थितियाँ
  8. दांतों की समस्या
  9. गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान पोषण की कमी
  10. बच्चों में समय पर भोजन न मिलना

कुपोषण के लक्षण (Symptoms of Malnutrition)

अंडरन्यूट्रिशन के लक्षण

  1. अत्यधिक कमजोरी
  2. वजन कम होना
  3. लंबाई सामान्य से कम
  4. बालों का झड़ना
  5. त्वचा का रूखापन
  6. बार-बार संक्रमण
  7. चक्कर आना
  8. भूख कम लगना
  9. हड्डियों का कमजोर होना

विटामिन/मिनरल की कमी के संकेत

  • विटामिन A की कमी: रतौंधी
  • आयरन की कमी: एनीमिया
  • विटामिन D की कमी: हड्डियों में दर्द
  • आयोडीन की कमी: गण्डमाला

ओवरन्यूट्रिशन के लक्षण

  • वजन बढ़ना
  • हाई ब्लड प्रेशर
  • कोलेस्ट्रॉल बढ़ना
  • थकान
  • शरीर में सूजन

कुपोषण कैसे पहचाने (Diagnosis of Malnutrition)

  1. BMI मापना
  2. वजन और लंबाई की जाँच
  3. ब्लड टेस्ट
    1. आयरन
    2. विटामिन B12
    3. विटामिन D
  4. स्टूल टेस्ट
  5. मेडिकल हिस्ट्री
  6. आहार की जानकारी लेना

कुपोषण का इलाज (Treatment of Malnutrition)

1. पोषण सुधार (Nutritional Rehabilitation)

  • संतुलित आहार
  • प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थ
  • माइक्रोन्यूट्रिएंट सप्लीमेंट
  • कुपोषित बच्चों के लिए RUTF (Ready to Use Therapeutic Food)

2. सप्लीमेंटेशन

  • Iron
  • Vitamin D
  • Vitamin B12
  • Calcium
  • Zinc

3. विशेष चिकित्सा प्रबंधन

यदि कुपोषण का कारण कोई बीमारी है, जैसे

  • संक्रमण
  • पाचन संबंधी रोग
    तो उसका उपचार किया जाता है।

4. गंभीर मामलों में

  • अस्पताल में भर्ती
  • ट्यूब फीडिंग
  • IV फ्लूइड्स

कुपोषण कैसे रोके (Prevention of Malnutrition)

  1. संतुलित भोजन का सेवन
  2. बच्चों का समय पर टीकाकरण
  3. गर्भवती महिलाओं का विशेष पोषण
  4. साफ पानी और स्वच्छता
  5. पोषण शिक्षा और जागरूकता
  6. स्तनपान को बढ़ावा
  7. स्कूल पोषण कार्यक्रम

कुपोषण के घरेलू उपाय (Home Remedies for Malnutrition)

  1. दूध, दही, पनीर जैसे दुग्ध उत्पाद
  2. दाल, चना, राजमा, सोया
  3. मूंगफली, तिल, बादाम
  4. हरी सब्जियाँ
  5. अंडा और चिकन
  6. केला, पपीता, सेब
  7. अंकुरित अनाज
  8. नारियल पानी और छाछ

सावधानियाँ (Precautions)

  1. फास्ट फूड और जंक फूड कम करें
  2. बच्चों का वजन और लंबाई समय-समय पर चेक करें
  3. गंभीर दस्त या उल्टी में तुरंत इलाज
  4. एनीमिया के लक्षण को हल्के में न लें
  5. शराब सेवन कम करें

FAQs (Frequently Asked Questions)

1. क्या कुपोषण केवल बच्चों में होता है?

नहीं, यह किसी भी उम्र में हो सकता है।

2. क्या कुपोषण खतरनाक है?

हाँ, गंभीर मामलों में यह विकास रुकना, रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना और मृत्यु तक का कारण बन सकता है।

3. क्या सप्लीमेंट जरूरी हैं?

यदि जांच में विटामिन या मिनरल की कमी पाई जाए तो डॉक्टर सप्लीमेंट देते हैं।

4. क्या कुपोषण घर पर ठीक हो सकता है?

हल्का कुपोषण आहार सुधार से ठीक हो सकता है, लेकिन गंभीर मामलों में चिकित्सा उपचार आवश्यक है।

5. बच्चों में कुपोषण का सबसे बड़ा कारण क्या है?

पोषक भोजन की कमी और बार-बार संक्रमण।

निष्कर्ष (Conclusion)

Malnutrition एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, जो शरीर की वृद्धि, विकास और प्रतिरक्षा पर गहरा प्रभाव डालती है। सही समय पर पहचान, उचित उपचार और संतुलित आहार इसकी रोकथाम और उपचार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यदि लक्षण दिखें तो तुरंत स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है।

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