Melanoma in Situ (मेलानोमा इन सिचू) त्वचा कैंसर का सबसे शुरुआती और प्रारंभिक चरण है।
इस अवस्था में कैंसर कोशिकाएँ केवल त्वचा की सबसे ऊपरी परत (Epidermis) में सीमित रहती हैं और गहराई तक नहीं फैलतीं।
यदि इस चरण में पहचान हो जाए तो इलाज लगभग 100 प्रतिशत प्रभावी माना जाता है।
इसलिए इसकी समय पर पहचान और उपचार बेहद महत्वपूर्ण है।
Melanoma in Situ क्या होता है (What is Melanoma in Situ)
Melanoma in Situ वह अवस्था है जिसमें:
- मेलानोसाइट (Melanocytes) नामक पिगमेंट कोशिकाएँ कैंसरग्रस्त हो जाती हैं
- लेकिन यह कोशिकाएँ केवल एपिडर्मिस में सीमित रहती हैं
- शरीर के अन्य भागों में फैलाव (Metastasis) नहीं होता
इसे Stage 0 Melanoma (स्टेज 0 मेलानोमा) भी कहा जाता है।
जब कैंसर कोशिकाएँ गहराई तक फैलना शुरू करती हैं, तब इसे Invasive Melanoma कहा जाता है, जो अधिक खतरनाक होता है।
Melanoma in Situ के कारण (Causes of Melanoma in Situ)
- अत्यधिक सूर्य का संपर्क (Excessive UV Exposure)
- टैनिंग बेड या कृत्रिम UV लाइट का संपर्क
- जनेटिक कारण
- Fair Skin (गोरा रंग) या हल्का पिगमेंट
- परिवार में मेलानोमा का इतिहास
- बहुत सारे मोल्स / तिल (Multiple Nevi)
- Atypical Moles (Dysplastic Nevi)
Melanoma in Situ के लक्षण (Symptoms of Melanoma in Situ)
Melanoma in Situ अक्सर त्वचा पर तिल (Mole) या काले धब्बे के रूप में दिखता है।
इसके लिए ABCDE नियम का उपयोग किया जाता है:
A – Asymmetry (असमरूपता)
तिल का एक हिस्सा दूसरे से आकार या आकार में अलग दिखता है।
B – Border (किनारे अनियमित)
तिल के किनारे अस्पष्ट, खुरदरे या असमान होते हैं।
C – Color (रंग में परिवर्तन)
तिल में कई रंग दिख सकते हैं:
काला, भूरा, लाल, नीला, गुलाबी।
D – Diameter (आकार)
आकार 6 mm से बड़ा हो सकता है, लेकिन छोटे मोल्स भी मेलानोमा हो सकते हैं।
E – Evolving (बदलाव)
समय के साथ तिल का रंग, आकार, ऊँचाई या बनावट बदलना।
अन्य लक्षण:
- तिल से रक्तस्राव
- खुजली या जलन
- त्वचा में सूजन
- अचानक नया तिल उभरना
Melanoma in Situ की पहचान (Diagnosis of Melanoma in Situ)
-
Dermatoscopy (डर्माटोस्कोपी)
त्वचा की उन्नत जांच। -
Skin Biopsy (स्किन बायोप्सी)
यह सबसे सटीक तरीका है। -
Histopathology (हिस्टोपैथोलॉजी)
कोशिकाओं का माइक्रोस्कोप से विश्लेषण। -
Clinical Examination (क्लिनिकल जांच)
तिल की आकृति और रंग की विशेषज्ञ द्वारा जांच।
Melanoma in Situ का उपचार (Treatment of Melanoma in Situ)
Melanoma in Situ उपचार योग्य और अत्यंत प्रारंभिक कैंसर है।
1. Wide Local Excision (वाइड लोकल एक्सिशन)
- प्रभावित क्षेत्र को सर्जरी से हटाया जाता है
- सामान्यत: 0.5 से 1 सेंटीमीटर तक स्वस्थ त्वचा के साथ हटाया जाता है
यह सबसे प्रभावी और आवश्यक उपचार है।
2. Mohs Surgery (मो़स सर्जरी)
- चेहरे या संवेदनशील क्षेत्रों में उपयोग
- कैंसर कोशिकाओं को परत-दर-परत हटाकर जांचा जाता है
3. Topical Immunotherapy (टॉपिकल इम्यूनोथेरेपी)
जैसे:
- Imiquimod cream
दुर्लभ मामलों में प्रयोग, यदि सर्जरी संभव न हो।
4. Laser Surgery (लेजर सर्जरी)
कुछ मामलों में उपयोग, लेकिन बहुत कम।
Melanoma in Situ के घरेलू उपाय (Home Remedies)
घरेलू उपाय कैंसर का इलाज नहीं कर सकते।
लेकिन त्वचा को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं:
- सूरज की तेज किरणों से बचाव
- सनस्क्रीन का उपयोग
- विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट युक्त आहार
- त्वचा की नियमित जांच
लेकिन कैंसर के इलाज के लिए केवल डॉक्टर का उपचार आवश्यक है।
Melanoma in Situ में सावधानियाँ (Precautions)
- रोजाना सनस्क्रीन SPF 30 या अधिक का उपयोग करें
- दोपहर में सूर्य संपर्क से बचें
- तिल या काले धब्बों पर ध्यान दें
- हर 6–12 महीने में त्वचा की जांच dermatologist से कराएँ
- UV लैंप, टैनिंग बेड से दूर रहें
Melanoma in Situ को कैसे रोके (Prevention Tips)
- UV सुरक्षा अपनाएँ
- सनस्क्रीन का नियमित उपयोग
- त्वचा के तिलों की स्वयं जांच करें
- स्वस्थ आहार और जीवनशैली
- जनरल स्किन चेकअप कराते रहें
FAQs on Melanoma in Situ
प्रश्न 1: Melanoma in Situ क्या खतरनाक है?
उत्तर: यह प्रारंभिक स्टेज है और सही समय पर इलाज से पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।
प्रश्न 2: Melanoma in Situ को क्या स्टेज 0 माना जाता है?
उत्तर: हाँ, इसे Stage 0 Melanoma कहा जाता है।
प्रश्न 3: क्या Melanoma in Situ फैल सकता है?
उत्तर: यह तभी फैलता है जब समय पर इलाज न हो और यह invasive melanoma में बदल जाए।
प्रश्न 4: इसका सबसे प्रभावी उपचार क्या है?
उत्तर: Wide Local Excision (सर्जरी) सबसे प्रभावी और जरूरी उपचार है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Melanoma in Situ त्वचा कैंसर का सबसे शुरुआती और इलाज योग्य चरण है।
सही समय पर पहचान, बायोप्सी, और सर्जिकल उपचार से मरीज पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है।
त्वचा की नियमित जांच और सूर्य से सुरक्षा इसके रोकथाम का मुख्य तरीका है।