Mercury Poisoning, जिसे हिंदी में पारा विषाक्तता कहा जाता है, तब होती है जब शरीर में पारा (Mercury) की मात्रा असुरक्षित स्तर तक बढ़ जाती है।
यह पारा भोजन, पानी, हवा, त्वचा संपर्क या टूटी थर्मामीटर/उपकरणों के जरिए शरीर में प्रवेश कर सकता है।
पारा अत्यंत विषैला (Toxic) होता है और यह तंत्रिका तंत्र (nervous system), किडनी, फेफड़ों और पाचन तंत्र को गंभीर नुकसान पहुँचा सकता है।
Mercury Poisoning क्या है?
जब शरीर में मेटैलिक, इनऑर्गेनिक या ऑर्गेनिक पारा की मात्रा अधिक हो जाती है, तब Mercury Poisoning होती है।
सबसे खतरनाक रूप Methylmercury होता है, जो आमतौर पर मछली और समुद्री खाद्य पदार्थों में पाया जाता है।
Mercury Poisoning के प्रकार (Types)
1. Metallic Mercury Poisoning
- थर्मामीटर, लैब उपकरण, CFL बल्ब आदि से
- सांस के माध्यम से जल्दी शरीर में जाता है
2. Inorganic Mercury Poisoning
- पारा युक्त cosmetic, creams, antiseptics, batteries
- त्वचा या मुंह से शरीर में प्रवेश
3. Organic Mercury Poisoning (सबसे खतरनाक)
- Methylmercury → समुद्री मछली
- लोगों में neurological damage का मुख्य कारण
Mercury Poisoning के कारण (Causes)
- समुद्री मछली का अत्यधिक सेवन (जैसे Tuna, Swordfish)
- टूटा हुआ Mercury thermometer या BP apparatus
- Cosmetics और skin-lightening creams जिनमें mercury हो
- Industry exposure (Mining, chemical factories)
- Contaminated water या food
- Mercury-based medicines का गलत उपयोग
Mercury Poisoning के लक्षण (Symptoms)
1. Nervous System (सबसे मुख्य)
- हाथ-पैर कांपना (Tremors)
- सुन्नपन या झुनझुनी
- याददाश्त कमजोर
- चिड़चिड़ापन, mood swings
- चलने या बोलने में कठिनाई
2. Physical Symptoms
- कमजोरी
- वजन घटना
- मांसपेशियों में दर्द
- सिरदर्द
3. Digestive Symptoms
- उल्टी
- दस्त
- पेट दर्द
4. Kidney Symptoms
- किडनी फेल होने का जोखिम
- मूत्र कम आना
5. Children में विशेष लक्षण
- विकास में देरी
- बोलने में बाधा
- IQ में कमी
- व्यवहारिक समस्याएँ
Mercury Poisoning की पहचान (Diagnosis)
- Blood Test – Mercury levels
- Urine Test – Inorganic mercury
- Hair Analysis – Methylmercury के लिए
- Neurological Examination
- Kidney & liver function tests
Mercury Poisoning का उपचार (Treatment)
1. Chelation Therapy (मुख्य उपचार)
- शरीर से पारा बाहर निकालने के लिए दवाएं
- आमतौर पर ये दवाएं दी जाती हैं:
- DMPS
- DMSA
- EDTA
2. Supportive Treatment
- उल्टी, दस्त, या किडनी फेल होने का इलाज
- IV Fluids
- Oxygen therapy
3. मछली या पारा स्रोत की पहचान और रोकथाम
- Mercury contaminated खाद्य पदार्थ से दूरी
4. Long-term Monitoring
- Neurological functions की नियमित जांच
- Kidney & liver monitoring
रोकथाम (Prevention)
- बड़ी समुद्री मछलियाँ कम खाएं
- Mercury-containing creams न लगाएं
- टूटे हुए thermometer या bulbs को हाथ न लगाएं
- बच्चे और गर्भवती महिलाएँ मछली सीमित मात्रा में खाएँ
- पारा गैस inhalation से बचें
- Industrial workers protective gear पहनें
घरेलू उपाय (Home Remedies - केवल सहायक)
Mercury Poisoning केवल घरेलू उपायों से ठीक नहीं होती।
ये सिर्फ recovery में help कर सकते हैं:
- Alkaline diet – हरी सब्जियाँ, फल
- Hydration – शरीर detox में मदद
- Antioxidant foods – Vitamin C, E
- Cilantro (धनिया) और garlic – हल्के detox प्रभाव
सावधानियाँ (Precautions)
- Mercury वाले कोई भी cosmetic या soap न इस्तेमाल करें
- टूटा thermometer या CFL bulb को नंगे हाथों से न उठाएं
- Fish consumption per week सीमित रखें
- गर्भावस्था में high-mercury fish से बचें
- किसी भी neurological symptom को lightly न लें
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. क्या Mercury Poisoning खतरनाक है?
हाँ, यह तंत्रिका तंत्र को स्थायी नुकसान पहुँचा सकती है।
2. क्या Mercury Poisoning का इलाज संभव है?
हाँ, Chelation therapy प्रभावी होती है, अगर समय पर इलाज हो जाए।
3. कौन सी मछलियों में पारा अधिक होता है?
Tuna, Shark, Swordfish, King Mackerel, Sea Bass.
4. क्या skin whitening cream से भी mercury poisoning हो सकती है?
हाँ, कई सस्ते स्किन क्रीम में पारा पाया जाता है।
5. क्या बच्चे अधिक प्रभावित होते हैं?
हाँ, उनका brain और nervous system जल्दी प्रभावित होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Mercury Poisoning एक गंभीर विषाक्तता है जो शरीर के कई सिस्टम को नुकसान पहुँचा सकती है, खासकर Brain और Kidneys को।
सही समय पर इलाज, पारा स्रोत से दूरी, स्वस्थ आहार और नियमित निगरानी से इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।