Mesenteric Venous Thrombosis एक गंभीर लेकिन दुर्लभ स्थिति है जिसमें आंतों को रक्त पहुंचाने वाली नसों (Mesenteric Veins) में खून का थक्का (Blood Clot) बन जाता है। इससे आंतों में रक्त प्रवाह कम हो जाता है, जिसके कारण आंतें सूज सकती हैं, सूक्ष्म क्षति हो सकती है या गंभीर मामलों में आंतों का ऊतक मर भी सकता है।
यह स्थिति आपातकाल (Emergency) बन सकती है, इसलिए समय पर पहचान और इलाज बहुत जरूरी है।
मेसेण्टरिक वीनस थ्रॉम्बोसिस क्या होता है? (What is Mesenteric Venous Thrombosis)
यह स्थिति तब होती है जब Superior या Inferior Mesenteric Vein में रक्त का थक्का बन जाता है।
इसके कारण आंतों में रक्त का प्रवाह बाधित होता है, जिससे पेट में दर्द, उल्टी, दस्त और गंभीर स्थिति में आंतों की क्षति हो सकती है।
मेसेण्टरिक वीनस थ्रॉम्बोसिस कारण (Causes of Mesenteric Venous Thrombosis)
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खून का गाढ़ा होना (Hypercoagulable State)
- Protein C deficiency
- Protein S deficiency
- Factor V Leiden Mutation
- Antithrombin deficiency
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लिवर की बीमारियाँ
- Liver Cirrhosis
- Portal Hypertension
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इन्फेक्शन या सूजन
- Pancreatitis
- Diverticulitis
- Inflammatory Bowel Disease
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कैंसर (Cancer)
- Abdominal tumors
- Pancreatic cancer
- Liver cancer
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सर्जरी के बाद थक्का बनना
- Abdominal surgery
- Trauma
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लंबे समय तक बेड पर रहना
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खून पतला करने वाली दवाओं का अचानक बंद करना
मेसेण्टरिक वीनस थ्रॉम्बोसिस लक्षण (Symptoms of Mesenteric Venous Thrombosis)
- पेट में तेज या लगातार दर्द
- दस्त या खूनी दस्त
- उल्टी
- पेट में सूजन
- भूख न लगना
- बुखार
- अचानक कमजोरी
- गंभीर मामलों में शॉक या ब्लड प्रेशर कम होना
मेसेण्टरिक वीनस थ्रॉम्बोसिस कैसे पहचानें? (How to Identify Mesenteric Venous Thrombosis)
ध्यान रखें, यह बीमारी सामान्य गैस्ट्रिक समस्या जैसी लग सकती है लेकिन दर्द अधिक और लगातार होता है।
पहचान के महत्वपूर्ण संकेत:
- पेट का दर्द जो खाने से कम-ज्यादा नहीं होता
- दर्द के बावजूद पेट की जांच सामान्य लग सकती है
- दस्त और पेट फूलना
- खून वाली उल्टी या मल
- बार-बार उल्टी
- अचानक कमजोरी
जांच (Diagnosis)
डॉक्टर निम्न जांचों से इस बीमारी का पता लगाते हैं:
- CT Scan with Contrast (CT Angiography) – सबसे महत्वपूर्ण
- MRI Venography
- Ultrasound Doppler
- Blood Tests
- D-dimer
- CBC
- Coagulation profile
- Liver function tests
मेसेण्टरिक वीनस थ्रॉम्बोसिस इलाज (Treatment of Mesenteric Venous Thrombosis)
1. खून पतला करने वाली दवाएं (Anticoagulants)
- Heparin
- Warfarin
- Direct oral anticoagulants
2. थक्का घोलने वाली दवाएं (Thrombolysis)
Severe cases में उपयोग होती हैं।
3. सर्जरी (Surgery)
यदि आंतों को नुकसान हो चुका हो, तो खराब हिस्से को हटाया जाता है।
- Bowel resection
4. दर्द और डिहाइड्रेशन का इलाज
- IV fluids
- Pain management
5. मूल कारण का इलाज
- Liver disease treatment
- Infection control
- Cancer treatment
घरेलू उपाय (Home Remedies)
ये उपाय केवल सहायक हैं, इलाज का विकल्प नहीं।
- पर्याप्त पानी पीना
- हल्का और आसानी से पचने वाला भोजन
- मसालेदार और तला-भुना भोजन कम करना
- धूम्रपान और शराब से बचना
- फाइबर युक्त खाना (अगर दस्त न हो)
- नियमित हल्की वॉक
बचाव (Prevention)
- लंबे समय तक बैठने या लेटने से बचें
- पर्याप्त पानी पिएं
- धूम्रपान और शराब से दूर रहें
- मोटापे को नियंत्रित करें
- रक्त गाढ़ा होने वाली आनुवांशिक समस्या की जांच करवाएं
- सर्जरी के बाद जल्दी चलना-फिरना शुरू करें
- खून पतला करने वाली दवाएं डॉक्टर की सलाह पर ही लें
सावधानियाँ (Precautions)
- पेट दर्द को हल्के में न लें
- अचानक दस्त, उल्टी, बुखार आने पर चिकित्सक से मिलें
- यदि पहले thrombosis हुआ है, नियमित चेकअप करवाते रहें
- बिना पूछे दवाएं न बंद करें
- कोई भी भारी व्यायाम दर्द होने पर न करें
FAQs (Frequently Asked Questions)
1. क्या Mesenteric Venous Thrombosis जानलेवा है?
हाँ, यदि समय पर इलाज न मिले तो यह जानलेवा हो सकती है।
2. क्या यह बीमारी दोबारा हो सकती है?
हाँ, यदि मूल कारण (जैसे thrombophilia, cancer, liver disease) बना रहे तो दोबारा हो सकता है।
3. इसका सबसे भरोसेमंद टेस्ट क्या है?
CT Scan with contrast (CT Angiography)।
4. क्या यह सिर्फ बुजुर्गों को होता है?
नहीं। यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, खासकर जिनमें खून गाढ़ा होने की समस्या हो।
5. क्या खाने से यह बीमारी बढ़ती है?
सीधे खाने से नहीं, लेकिन खराब लाइफस्टाइल, मोटापा और डीहाइड्रेशन से खतरा बढ़ता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Mesenteric Venous Thrombosis एक खतरनाक लेकिन इलाज योग्य स्थिति है। पेट में लगातार तेज दर्द, उल्टी, दस्त या अचानक कमजोरी को कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। समय पर CT स्कैन, दवाओं और उचित उपचार से मरीज पूरी तरह ठीक हो सकता है।
स्वस्थ जीवनशैली, पर्याप्त पानी और नियमित जांच से इस बीमारी से बचाव संभव है।