Microscopic Colitis (माइक्रोस्कोपिक कोलाइटिस) एक कोलन (Colon) की सूजन की स्थिति है, जो मुख्य रूप से बुजुर्गों और महिलाओं में पाई जाती है।
इस बीमारी में दस्त (Diarrhea) मुख्य लक्षण है, लेकिन आम तौर पर कोलन की सूजन माइक्रोस्कोपिक स्तर पर होती है, इसलिए इसे एंडोस्कोपी से आसानी से देखा नहीं जा सकता।
Microscopic Colitis को मुख्य रूप से दो प्रकार में बांटा गया है:
- Lymphocytic Colitis (लिम्फोसाइटिक कोलाइटिस)
- Collagenous Colitis (कोलेजनस कोलाइटिस)
Microscopic Colitis क्या होता है (What is Microscopic Colitis)
Microscopic Colitis में कोलन की परतों में सूक्ष्म स्तर पर सूजन और कोशिकीय बदलाव दिखाई देते हैं।
- Lymphocytic Colitis: लिम्फोसाइट्स की संख्या बढ़ जाती है
- Collagenous Colitis: कोलन की परत में कोलेजन की मोटी परत बन जाती है
इस बीमारी का मुख्य लक्षण पुराने समय तक चलने वाला दस्त (Chronic Diarrhea) है।
Microscopic Colitis के कारण (Causes of Microscopic Colitis)
- आनुवंशिक कारण (Genetic Factors) – कुछ लोगों में परिवारिक इतिहास पाया गया है
- ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया (Autoimmune Reaction) – शरीर की प्रतिरक्षा कोशिकाएँ कोलन पर हमला कर देती हैं
- दवाओं का प्रभाव (Drug-induced) – NSAIDs, PPIs, SSRI, Statins
- संक्रमण (Infections) – कभी-कभी बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के बाद
- धूम्रपान (Smoking) – रिस्क बढ़ सकता है
- हॉर्मोनल कारण (Hormonal Changes) – खासकर महिलाओं में
Microscopic Colitis के लक्षण (Symptoms of Microscopic Colitis)
- लगातार पानी जैसा दस्त (Chronic Watery Diarrhea)
- पेट में दर्द या ऐंठन (Abdominal Cramping)
- वजन घटना (Unintentional Weight Loss)
- थकान और कमजोरी (Fatigue)
- कभी-कभी मल में रक्त या म्यूकस नहीं
- दस्त अक्सर दिन में कई बार आता है
- नींद और जीवन की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है
Microscopic Colitis की पहचान (Diagnosis of Microscopic Colitis)
- मल परीक्षण (Stool Test) – संक्रमण और अन्य कारणों को बाहर करने के लिए
- Blood Tests – संक्रमण और एंटीबॉडी लेवल
- Colonoscopy with Biopsy – एंडोस्कोपी में कोलन सामान्य दिख सकता है, लेकिन बायोप्सी से सूक्ष्म स्तर पर सूजन और कोशिकीय परिवर्तन दिखाई देते हैं
- Histopathology – Microscope के नीचे लिम्फोसाइट्स या कोलेजन की मोटी परत की पुष्टि
Microscopic Colitis का इलाज (Treatment of Microscopic Colitis)
1. दवाओं के जरिए (Medication Therapy)
- Anti-diarrheal Drugs (दस्त कम करने वाली दवाएँ) – Loperamide
- Budesonide (ब्रेडोसोनाइड) – सूजन कम करने के लिए मुख्य दवा
- Immunosuppressive Drugs – Azathioprine, Methotrexate (जटिल मामलों में)
- Antibiotics – यदि बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो
2. जीवनशैली और आहार (Lifestyle and Diet)
- High-fiber diet (कुछ मरीजों में राहत मिल सकती है)
- Low-fat and low-lactose diet
- पर्याप्त पानी पीना (Dehydration से बचने के लिए)
- कैफीन और शराब से बचें
3. नियमित निगरानी (Monitoring)
- Symptoms और stools की नियमित जांच
- Colonoscopy follow-up जटिल मामलों में
Microscopic Colitis में सावधानियाँ (Precautions)
- NSAIDs और अन्य पेट पर असर डालने वाली दवाओं से बचें
- पर्याप्त पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स का सेवन करें
- दस्त की अवधि लंबे समय तक बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
- नियमित ब्लड टेस्ट और बॉडी वेट मॉनिटर करें
घरेलू उपाय (Home Remedies)
- हल्का और संतुलित भोजन
- ओट्स, चावल और केले जैसे आसान पचने वाले खाद्य पदार्थ
- हर्बल टी (जैसे पुदीना) पेट को आराम देती है
- प्रोबायोटिक सप्लीमेंट्स (Probiotics)
- अत्यधिक मसाले और तैलीय भोजन से बचें
Microscopic Colitis की रोकथाम (Prevention)
- स्मोकिंग और शराब से बचें
- पेट में संक्रमण और दवाओं के दुष्प्रभाव से बचाव
- संतुलित और हाई-फाइबर आहार
- नियमित स्वास्थ्य जांच
- दस्त लगातार लंबे समय तक हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या Microscopic Colitis कैंसर का कारण बनती है?
उत्तर: नहीं, यह कैंसरजनक नहीं होती लेकिन लक्षण जीवन की गुणवत्ता प्रभावित कर सकते हैं।
प्रश्न 2: क्या यह बीमारी बच्चों में होती है?
उत्तर: यह मुख्य रूप से 50 वर्ष से ऊपर के वयस्कों और महिलाओं में पाई जाती है, बच्चों में दुर्लभ।
प्रश्न 3: क्या इस बीमारी में वजन घटता है?
उत्तर: हाँ, लगातार दस्त और पोषण की कमी से वजन कम हो सकता है।
प्रश्न 4: क्या यह बीमारी स्थायी है?
उत्तर: आमतौर पर उपचार के बाद लक्षण नियंत्रण में रहते हैं, लेकिन कभी-कभी पुनरावृत्ति हो सकती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Microscopic Colitis एक दुर्लभ लेकिन प्रबंधनीय स्थिति है।
सही समय पर पहचान, उचित दवाइयाँ, जीवनशैली में बदलाव और नियमित निगरानी से लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।
यदि समय पर इलाज लिया जाए तो रोगी सामान्य जीवन जी सकता है।