Milroy Disease / मिलरॉय डिजीज एक जन्मजात (Congenital) लिम्फैटिक डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर में लिम्फ (Lymph) फ्लूइड का सही तरीके से ड्रेनेज नहीं होता, जिससे हाथों और पैरों में सूजन (Lymphedema) हो जाती है।
यह बीमारी आनुवंशिक (Genetic) होती है और जन्म के समय या बचपन में दिखाई देती है।
Milroy Disease मुख्य रूप से पैरों और टखनों को प्रभावित करता है, लेकिन कभी-कभी हाथों और अन्य अंगों में भी सूजन हो सकती है।
Milroy Disease क्या होता है (What is Milroy Disease)
Milroy Disease में लिम्फैटिक सिस्टम की जटिलताओं के कारण लसीका द्रव (Lymph Fluid) जमा हो जाता है, जिससे सूजन (Edema) विकसित होती है।
मुख्य विशेषताएँ:
- जन्मजात या बचपन में सूजन का होना
- सूजन स्थायी या समय के साथ बढ़ सकती है
- लिम्फैटिक वाहिकाओं में असामान्यता
Milroy Disease के कारण (Causes of Milroy Disease)
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आनुवंशिक कारण (Genetic Causes)
- यह बीमारी Autosomal Dominant Pattern में विरासत में आती है
- FLT4 gene mutation मुख्य कारण माना जाता है, जो लिम्फैटिक विकास को प्रभावित करता है
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लिम्फैटिक सिस्टम में दोष (Lymphatic System Malformation)
- लिम्फ नलिकाओं का अपर्याप्त या असामान्य विकास
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जन्मजात स्थिति (Congenital Condition)
- जन्म के समय से ही पैरों या हाथों में सूजन दिखाई देती है
Milroy Disease के लक्षण (Symptoms of Milroy Disease)
- पैरों और टखनों में स्थायी सूजन (Chronic Leg Swelling)
- हाथों में हल्की या असमान सूजन
- त्वचा मोटी और कठोर हो सकती है (Skin Thickening)
- सूजन कभी-कभी दर्द या असुविधा पैदा करती है
- पैरों के अंगुलियों में असमान आकार या मोटाई (Toe/Foot Abnormality)
- त्वचा का रंग हल्का लाल या नीला दिख सकता है
- बार-बार संक्रमण या फंगल संक्रमण (Skin Infections)
Milroy Disease की पहचान (Diagnosis of Milroy Disease)
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Medical History और Family History
- परिवार में लसीका सूजन या Milroy Disease का इतिहास
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Physical Examination
- पैरों और हाथों की सूजन और त्वचा की स्थिति का निरीक्षण
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Lymphoscintigraphy
- लिम्फ ड्रेनेज और वाहिकाओं की कार्यप्रणाली देखने के लिए
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Ultrasound / MRI
- लिम्फैटिक वाहिकाओं और टिशू संरचना की जांच
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Genetic Testing
- FLT4 gene mutation की पुष्टि के लिए
Milroy Disease का इलाज (Treatment of Milroy Disease)
1. जीवनशैली और देखभाल (Lifestyle and Care)
- पैरों को ऊँचा रखना (Leg Elevation)
- संपीड़न सॉक्स / Compression Stockings पहनना
- नियमित व्यायाम और पैरों की हल्की गतिविधियाँ
- त्वचा की सफाई और संक्रमण से बचाव
2. दवाएँ (Medications)
- सूजन और दर्द के लिए NSAIDs (Doctor supervision)
- बार-बार संक्रमण होने पर Antibiotics
3. सर्जिकल विकल्प (Surgical Options)
- लिम्फवेस्कुलर शंटिंग (Lymphatic Surgery)
- Liposuction – गंभीर और अस्थायी सूजन में
- Skin Grafting – त्वचा के बदलाव में
4. अन्य सहायक उपाय (Other Supportive Therapies)
- Manual Lymph Drainage (MLD) – पेशेवर मसाज से लसीका फ्लूइड को बहाना
- Physiotherapy – पैरों की लचीलापन और रक्त प्रवाह बढ़ाना
Milroy Disease में सावधानियाँ (Precautions)
- संक्रमण से बचाव के लिए पैरों और हाथों को साफ रखें
- चोट और खरोंच से बचें
- संपीड़न सॉक्स नियमित पहनें
- डॉक्टर की सलाह बिना दवा न लें
- बार-बार सूजन और त्वचा संक्रमण होने पर तुरंत विशेषज्ञ से संपर्क करें
घरेलू उपाय (Home Remedies)
- पैरों को ऊँचा रखें और आराम दें
- हल्की एक्सरसाइज और पैदल चलना
- त्वचा को हाइड्रेटेड रखें (Moisturizer का उपयोग)
- गर्म और ठंडी सिकाई (Contrast bath) सूजन कम करने में मदद कर सकती है
- पौष्टिक और कम सोडियम वाला आहार
Milroy Disease की रोकथाम (Prevention)
- यह एक जन्मजात रोग है, इसलिए पूर्ण रोकथाम संभव नहीं, लेकिन
- सूजन और संक्रमण को नियंत्रित करके जीवन गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है
- समय पर डॉक्टर की निगरानी और संपीड़न उपायों का पालन करें
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या Milroy Disease पूरी तरह ठीक हो सकती है?
उत्तर: नहीं, यह जन्मजात है। लेकिन उचित देखभाल और इलाज से लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।
प्रश्न 2: क्या यह बीमारी बच्चों और वयस्कों दोनों में होती है?
उत्तर: मुख्य रूप से जन्म के समय से दिखाई देती है और जीवनभर रहती है।
प्रश्न 3: क्या Milroy Disease में दर्द होता है?
उत्तर: हल्की असुविधा और दर्द हो सकता है, विशेषकर सूजन के कारण।
प्रश्न 4: क्या यह बीमारी आनुवंशिक है?
उत्तर: हाँ, यह Autosomal Dominant पैटर्न में आनुवंशिक होती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Milroy Disease (मिलरॉय डिजीज) एक जन्मजात लिम्फैटिक रोग है, जो मुख्य रूप से पैरों और कभी-कभी हाथों में सूजन का कारण बनता है।
हालांकि इसका कोई पूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन सही समय पर देखभाल, संपीड़न उपाय, फिजियोथेरेपी और संक्रमण से बचाव से जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।
सही मार्गदर्शन और नियमित चिकित्सा निगरानी के साथ रोगी सक्रिय और स्वस्थ जीवन जी सकता है।