Khushveer Choudhary

Purulent Meningitis कारण, लक्षण, पहचान और इलाज

Purulent Meningitis (प्यूरलेंट मेनिन्जाइटिस) मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की झिल्लियों (Meninges) में गंभीर बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होने वाली एक जानलेवा स्थिति है।

इसमें सर्दी, बुखार और सूजन के साथ-साथ मस्तिष्क के चारों ओर प्यूर (pus) भर जाता है।

यदि इसे तुरंत पहचानकर इलाज न किया जाए, तो न्यूरोलॉजिकल जटिलताएँ और मौत का खतरा बढ़ सकता है।

प्यूरलेंट मेनिन्जाइटिस क्या है? (What is Purulent Meningitis)

Purulent Meningitis वह स्थिति है जिसमें:

  • मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की झिल्लियों (meninges) में बैक्टीरियल संक्रमण होता है
  • संक्रमण के कारण pus (पीप / मवाद) जमा होता है
  • सूजन से मस्तिष्क और नसों पर दबाव बढ़ जाता है

मुख्य बैक्टीरिया:

  • Neisseria meningitidis (मेनिनजोकॉकस बैक्टीरिया)
  • Streptococcus pneumoniae (स्ट्रेप्टोकोकस न्यूमोनिया)
  • Haemophilus influenzae type b (Hib)

प्यूरलेंट मेनिन्जाइटिस के कारण (Causes of Purulent Meningitis)

1. बैक्टीरियल संक्रमण (Bacterial Infection)

  • अक्सर कान, नाक, गले या साइनस संक्रमण से फैलता है
  • रक्त प्रवाह (Septicemia) के माध्यम से भी फैल सकता है

2. चोट या सर्जरी (Head injury / Surgery)

  • सिर में चोट या न्यूरोसर्जिकल प्रक्रिया के बाद

3. कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली (Weakened Immune System)

  • HIV, कैंसर, डायबिटीज या स्टेरॉयड उपयोग

4. नवजात और बच्चों में जोखिम (Neonates & Children)

  • जन्म के समय संक्रमण
  • Premature बच्चों में अधिक जोखिम

प्यूरलेंट मेनिन्जाइटिस के लक्षण (Symptoms of Purulent Meningitis)

  • तेज बुखार (High fever)
  • सिर दर्द (Severe headache)
  • गर्दन की अकड़न (Neck stiffness / Nuchal rigidity)
  • मतली और उल्टी (Nausea & Vomiting)
  • प्रकाश से डरना (Photophobia / Light sensitivity)
  • नींद या चेतना में कमी (Altered mental status)
  • दौरे या झटके (Seizures)
  • नवजात में: सुस्तपन, दूध पीने में कमी, रोना

प्यूरलेंट मेनिन्जाइटिस कैसे पहचाने? (Diagnosis / How to Identify Purulent Meningitis)

1. शारीरिक और न्यूरोलॉजिकल परीक्षा (Physical & Neurological exam)

  • गर्दन की अकड़न, झुकाव में दर्द
  • चेतना और मांसपेशियों की जांच

2. लुम्बर पंचर (Lumbar Puncture / Spinal Tap)

  • CSF (Cerebrospinal fluid) का परीक्षण
  • पीप (pus), बैक्टीरिया, और रंग बदलना

3. रक्त परीक्षण (Blood Tests)

  • CBC, CRP और रक्त संस्कृति

4. इमेजिंग (Imaging)

  • MRI या CT scan: सूजन और जटिलताओं की जांच

प्यूरलेंट मेनिन्जाइटिस का इलाज (Treatment of Purulent Meningitis)

1. एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)

  • इंट्रावेनस (IV) एंटीबायोटिक्स तुरंत
  • आम दवाएँ: Ceftriaxone, Vancomycin, Ampicillin (डॉक्टर की सलाह अनुसार)

2. सहायक उपचार (Supportive Care)

  • तरल पदार्थ (IV fluids)
  • दर्द और बुखार के लिए NSAIDs
  • नींद और आराम

3. गंभीर मामलों में (Severe Cases)

  • ICU में देखभाल
  • दबाव कम करने के लिए शिरा (ventricular drainage)

प्यूरलेंट मेनिन्जाइटिस कैसे रोके? (Prevention)

  • टीकाकरण (Vaccination): Hib, Pneumococcal, Meningococcal vaccines
  • हाथ साफ रखना (Hand hygiene)
  • संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना
  • सिर या कान की चोट का तुरंत इलाज
  • कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों की नियमित जांच

सावधानियाँ (Precautions)

  • बुखार, सिर दर्द और गर्दन अकड़न को नजरअंदाज न करें
  • बिना डॉक्टर की सलाह एंटीबायोटिक्स न लें
  • नवजात और छोटे बच्चों में लक्षण दिखते ही तुरंत अस्पताल जाएँ
  • संक्रमण से बचाव के लिए मास्क और सैनिटाइजेशन

FAQs (Frequently Asked Questions)

1. क्या Purulent Meningitis जानलेवा है?

हाँ, यदि तुरंत इलाज न किया जाए तो यह जीवन के लिए खतरा बन सकता है।

2. क्या यह केवल बच्चों में होता है?

नहीं, सभी उम्र में हो सकता है, लेकिन नवजात और छोटे बच्चों में अधिक जोखिम है।

3. क्या टीकाकरण से बचाव संभव है?

हाँ, Hib, Pneumococcal और Meningococcal vaccines से बचाव होता है।

4. क्या इलाज के बाद पूरी तरह ठीक हो सकता है?

समय पर इलाज से संक्रमण ठीक हो सकता है, लेकिन गंभीर मामलों में न्यूरोलॉजिकल जटिलताएँ रह सकती हैं।

5. कितने समय में सुधार आता है?

IV एंटीबायोटिक्स शुरू होने के 24–48 घंटों में लक्षण में सुधार दिखाई दे सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Purulent Meningitis (प्यूरलेंट मेनिन्जाइटिस) एक गंभीर और जानलेवा बैक्टीरियल संक्रमण है।

  • समय पर पहचान
  • IV एंटीबायोटिक्स और ICU में देखभाल
  • टीकाकरण और सफाई उपाय

इन सभी से इस गंभीर स्थिति के खतरनाक परिणामों से बचा जा सकता है और रोगी का जीवन सुरक्षित रखा जा सकता है।

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