Khushveer Choudhary

Pyloric Stenosis कारण, लक्षण, पहचान और इलाज

Pyloric Stenosis (पाइलोरिक स्टेनोसिस) शिशुओं में पाई जाने वाली एक सामान्य पाचन संबंधी समस्या है, जिसमें पाइलोरस (pylorus) — जो पेट (stomach) और छोटी आंत (small intestine) को जोड़ता है — सिकुड़ जाता है और संकीर्ण हो जाता है।

इस कारण भोजन पेट से छोटी आंत में नहीं जा पाता, जिससे शिशु को बार-बार उल्टी (vomiting) होती है। यह स्थिति आमतौर पर जन्म के पहले कुछ हफ्तों में दिखाई देती है और लड़कों में अधिक पाई जाती है।

पाइलोरिक स्टेनोसिस क्या है? (What is Pyloric Stenosis)

पाइलोरिक स्टेनोसिस में पाइलोरस मांसपेशी की असामान्य मोटाई (thickening of pyloric muscle) के कारण:

  • पेट से भोजन छोटी आंत में नहीं जा पाता
  • उल्टी (projectile vomiting) होती है
  • शिशु का वजन नहीं बढ़ पाता
  • गंभीर मामलों में निर्जलीकरण (dehydration) हो सकता है

यह स्थिति शिशुओं के लिए आपातकालीन चिकित्सा स्थिति हो सकती है और समय पर इलाज आवश्यक है।

पाइलोरिक स्टेनोसिस के कारण (Causes of Pyloric Stenosis)

1. अनुवांशिक कारण (Genetic factors)

  • परिवार में इतिहास होने पर जोखिम बढ़ जाता है

2. जन्मजात विकृति (Congenital abnormality)

  • जन्म के समय पाइलोरस की मांसपेशी मोटी या असामान्य हो सकती है

3. हार्मोन और न्यूरोलॉजिकल कारण (Hormonal & Neurological factors)

  • पेट और आंत की मांसपेशियों पर नियंत्रित प्रभाव देने वाले हार्मोन की असंतुलन

4. पर्यावरणीय और पोषण कारक (Environmental & Feeding factors)

  • अत्यधिक या गलत प्रकार का फीडिंग पैटर्न कुछ मामलों में योगदान कर सकता है

पाइलोरिक स्टेनोसिस के लक्षण (Symptoms of Pyloric Stenosis)

  • उल्टी (Vomiting), अक्सर projectile vomiting
  • शिशु का वजन नहीं बढ़ना (Poor weight gain)
  • बार-बार भूख लगना (Persistent hunger)
  • पेट में कठोरता या “olive-shaped” mass (पेट के ऊपरी हिस्से में गांठ जैसी महसूस होना)
  • निर्जलीकरण (Dehydration) – कम पेशाब, सूखी त्वचा, सुस्ती

ध्यान दें: उल्टी आमतौर पर दूध पीने के तुरंत बाद होती है और कभी-कभी प्यास भी बढ़ जाती है।

पाइलोरिक स्टेनोसिस कैसे पहचाने? (Diagnosis / How to Identify Pyloric Stenosis)

1. शारीरिक परीक्षा (Physical Examination)

  • पेट के ऊपरी हिस्से में गांठ (olive-shaped mass) महसूस होना
  • पेट की कठोरता

2. अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)

  • पाइलोरस मांसपेशी की मोटाई और लंबाई को मापना

3. एक्स-रे / बारियम स्टडी (X-ray / Barium Study)

  • पेट और आंत में भोजन के प्रवाह को देखना

4. रक्त परीक्षण (Blood tests)

  • निर्जलीकरण और इलेक्ट्रोलाइट imbalance की जाँच

पाइलोरिक स्टेनोसिस का इलाज (Treatment of Pyloric Stenosis)

1. सर्जिकल उपचार (Surgery)

  • Pyloromyotomy सबसे प्रभावी उपचार है
  • सर्जरी में पाइलोरस की मांसपेशी को काटकर संकीर्णता को दूर किया जाता है

2. निर्जलीकरण का इलाज (Dehydration Management)

  • IV fluids और इलेक्ट्रोलाइट्स
  • शिशु को सर्जरी से पहले हाइड्रेट रखना जरूरी

3. पोस्ट-ऑपरेटिव केयर (Post-operative care)

  • हल्का फीडिंग शुरू करना
  • उल्टी और सूजन की निगरानी

पाइलोरिक स्टेनोसिस कैसे रोके? (Prevention)

चूंकि यह जन्मजात या अनुवांशिक कारणों से होती है, पूर्ण रोकथाम संभव नहीं है।

  • समय पर चिकित्सकीय जाँच
  • शिशु के भोजन और वजन पर नियमित निगरानी
  • जन्म के बाद किसी असामान्य उल्टी या भूख में बदलाव पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क

घरेलू उपाय (Home Remedies)

  • घरेलू उपाय केवल सहायक हैं; सर्जिकल इलाज अनिवार्य है।
  • शिशु को उल्टी के बाद धीरे-धीरे छोटे हिस्सों में फीड करना
  • साफ और स्वच्छ बोतल और दूध का उपयोग
  • निर्जलीकरण की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क

सावधानियाँ (Precautions)

  • बार-बार उल्टी या वजन ना बढ़ने की स्थिति को नजरअंदाज न करें
  • शिशु को सही तरीके से फीड करें
  • निर्जलीकरण के लक्षण (कम पेशाब, सुस्ती, सूखी त्वचा) पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
  • घरेलू उपचार से सर्जिकल विकल्प का विकल्प न बनाएं

FAQs (Frequently Asked Questions)

1. पाइलोरिक स्टेनोसिस कितनी आम है?

  • यह 3–6 हफ्तों के शिशुओं में आमतौर पर देखा जाता है और लड़कों में अधिक होता है।

2. क्या यह बीमारी जन्म के समय होती है?

  • हाँ, यह जन्मजात होती है, लेकिन लक्षण आमतौर पर 2–8 हफ्ते के भीतर दिखाई देते हैं।

3. क्या बिना सर्जरी के ठीक हो सकती है?

  • नहीं, सर्जरी के बिना पूर्ण इलाज संभव नहीं है।

4. सर्जरी से शिशु पूरी तरह ठीक हो जाता है?

  • हाँ, अधिकतर मामलों में Pyloromyotomy के बाद शिशु पूरी तरह स्वस्थ हो जाता है।

5. क्या यह बार-बार हो सकती है?

  • नहीं, एक बार सर्जरी के बाद समस्या पुनः नहीं होती।

निष्कर्ष (Conclusion)

Pyloric Stenosis (पाइलोरिक स्टेनोसिस) शिशुओं में एक गंभीर लेकिन सर्जिकल इलाज योग्य स्थिति है।

  • समय पर पहचान
  • निर्जलीकरण का प्रबंधन
  • सर्जिकल उपचार

इन सभी से शिशु स्वस्थ जीवन जी सकता है और वजन बढ़ाने की सामान्य प्रक्रिया शुरू हो जाती है।

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